अजमेर के दरगाह से अतिक्रमण हटाए नगर निगम

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अजमेर के दरगाह क्षेत्र से प्रभावी तरीके से अतिक्रमण हटाए नगर निगम।दरगाह बाजार में दुकानों के बाहर अस्थाई अतिक्रमण से यातायात में बाधा।थाना अधिकारी दलबीर सिंह ने नगर निगम को पत्र लिखा।

एस0 पी0 मित्तल

एस0 पी0 मित्तल

अजमेर। सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह होने के कारण अजमेर का दरगाह बाजार और उसके आसपास के क्षेत्र में हमेशा यातायात का दबाव बना रहता है। देश भर से जायरीन तो आते ही हैं साथ ही वीआईपी व्यक्तियों के जियारत का सिलसिला भी बना रहता है, लेकिन दरगाह बाजार में अतिक्रमण की भारी समस्या है। दुकानों के बाहर दोनों तरफ सड़क पर पांच पांच फीट अतिक्रमण होने से जायरीन को भी पैदल चलने में परेशानी होती है।

दरगाह के थानाधिकारी दलबीर सिंह का मानना है कि अधिकांश दुकानदारों ने अपनी दुकानों के आगे नगर निगम की सड़क को भी किराए पर दे दिया है। ऐसी दुकानो से प्रतिदिन के हिसाब से किराया वसूलते हैं। क्योंकि मोटा किराया देकर जगह ली जाती है। इसलिए धंधेबाज लोग अतिक्रमण कर लेते हैं। नगर निगम ने पूर्व में दरगाह बाजार में दुकानों के आगे पीली लाइन अंकित की थी और दुकानदारों को हिदायत दी थी कि वे अपना सामान लाइन के पीछे ही रखें लेकिन अधिकांश दुकानदार निगम के निर्देशों का पालन नहीं कर रहे है।

उन्होंने कहा कि पुलिस भी लगातार समझाइश कर रही है ताकि दरगाह बाजार में यातायात सुगम हो। कुछ दुकानदारों ने पुलिस को सहयोग भी किया है, लेकिन कई दुकानदार माहौल खराब करने का प्रयास भी करते हैं। अस्थाई अतिक्रमण को हटाने के लिए दुकानदारों को एडवाइजरी भी जारी की गई है तथा नगर निगम के आयुक्त को पत्र भी लिखा गया है। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण हटाने का काम नगर निगम का है इसलिए निगम के कर्मचारियों को ही कार्यवाही करनी चाहिए।

थाना अधिकारी सिंह ने अफसोस जताया कि बार-बार पत्र लिखने के बाद भी निगम की ओर से अतिक्रमण हटाने की प्रभावी कार्यवाही नहीं की गई है। ख्वाजा साहब की दरगाह विश्व विख्यात धार्मिक स्थल है, इसलिए पुलिस का प्रयास है कि बाजार में यातायात को सुगम बनाया जाए। अस्थाई अतिक्रमण होने से छोटे वाहनों का घूमना भी मुश्किल हो जाता है।

किसी वीआईपी व्यक्ति के आने पर वाहनों के आवागमन में पुलिस को भारी मशक्कत करनी पड़ती है। यदि नगर निगम और दुकानदार सहयोग करें तो बाजार को सुंदर और साफ सुथरा बनाया जा सकता है। जब किसी दुकानदार के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है तो वह नाराजगी व्यक्त करता है, जबकि पुलिस की कार्यवाही जनहित में है।