नैनो यूरिया संयंत्र का लोकार्पण

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प्रधानमंत्री द्वारा विश्व के पहले नैनो यूरिया (तरल) संयंत्र का किया गया लोकार्पण। नैनो यूरिया खेती के लिए एक क्रांतिकारी कदम,किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार करने तथा उनकों समृद्ध बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध।


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गांधीनगर, गुजरात में इफ्को कलोल इकाई में स्थापित विश्व के पहले नैनो यूरिया (तरल) संयंत्र का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री जी ने कहा कि नैनो यूरिया के उत्पादन से यूरिया पर विदेशी निर्भरता कम होगी। आत्मनिर्भर भारत निर्माण के लिए गांव का आत्मनिर्भर होना बहुत आवश्यक है। आज हम मॉडल को-आपरेटिव विलेज की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के हित के लिए जो भी जरूरी है वह सब किया जायेगा। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि हमारा देश विश्व में फर्टीलाइजर के दूसरे नंबर का कंज्यूमर है तथा उत्पादन के मामले में हम तीसरे नंबर पर हैं। इस संयंत्र के अतिरिक्त देश में 08 और नैनो यूरिया (तरल) संयंत्र लगाये जायेंगे, जिससे फर्टिलाइजर उत्पादन में हमारी स्थिति में सुधार होगा तथा हमारे किसानों को कम लागत में ही फर्टिलाइजर उपलब्ध हो सकेगा।

लोकार्पण कार्यक्रम का सीधा प्रसारण सहकारिता भवन में प्रदेश के सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जे0पी0एस0 राठौर तथा प्रमुख सचिव सहकारिता बी0एल0 मीणा, अपर निबन्धक सहकारिता (प्रशासन) राजेन्द्र प्रसाद, अपर निबन्धक बैंकिंग बी. चन्द्र कला, सहकारिता विभाग के समस्त अपर निबन्धक, समस्त प्रबन्ध निदेशक एवं अन्य विभागीय अधिकारियों की उपस्थिति में किया गया। इस अवसर पर सहकारिता मंत्री श्री राठौर ने कहा कि नैनो यूरिया खेती के लिए एक क्रांतिकारी कदम साबित होगा। इससे कम लागत में अधिक फसल का उत्पादन होगा तथा किसानों की आय में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार करने तथा उनकों समृद्ध बनाने के लिए भारत सरकार तथा प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को लाभान्वित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री जी द्वारा नैनो यूरिया (तरल) संयंत्र का लोकार्पण किया गया है, जिससे नैनो यूरिया का वृहद स्तर पर उत्पादन किया जायेगा। श्री राठौर ने बताया कि 45 किलो की यूरिया की बोरी को आधे लीटर नैनो यूरिया से रिप्लेस किया जा रहा है। नैनो यूरिया को पानी में मिलाकर पौधों की पत्तियों पर छिड़काव किया जाता है। इसके उपयोग से पौधों में अपना भोजन बनाने की क्षमता में वृद्धि होती है, जिससे पौधों में अच्छी ग्रोथ आती है तथा उपज में भी वृद्धि होती है। इससे किसी भी प्रकार का प्रदूषण भी नहीं होता है। श्री राठौर ने बताया कि किसानों को नैनो यूरिया के उपयोग से होने वाले लाभों की जानकारी के संबंध में जागरूक करने के लिए सहकारिता विभाग द्वारा 05 मई से 15 मई 2022 तक प्रदेश के समस्त 823 विकास खण्डों में गोष्ठी आयोजित कर किसानों को जागरूग किया गया। इस अवसर पर सहकारिता मंत्री द्वारा उत्तर प्रदेश सहकारी उपभोक्ता संघ द्वारा उत्पादों की जानकारी के संबंध में तैयार किये गये फोल्डर का लोकार्पण किया गया।