निषाद मछुआरे हो रहे संवैधानिक अधिकारों से वंचित-डॉ. जी के भानजी

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देश के 24 करोड़ निषाद मछुआरे हो रहे संवैधानिक अधिकारों से वंचित-डॉ. जी के भानजी

योगी जी के चुटकी बजाते ही मिल जाएगा निषाद समाज की जातियों को अनुसूचित जाति का आरक्षण-लौटनराम निषाद

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आज कामन हॉल दारूलशफा ए-ब्लॉक लखनऊ में नेशनल एसोसिएशन ऑफ फिशरमैन/राष्ट्रीय निषाद संघ उ०प्र० की वार्षिक आम सभा को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. गजेन्द्र किसन भानजी ने कहा कि देश की 24 करोड़ की आबादी वाला निषाद-कश्यप-बिन्द-लोधी-कोली समाज के साथ राजनीतिक दल दोहरी चाल चलकर अतिपिछड़ी जातियों को आरक्षण से वंचित करने का षडयंत्र करती आ रही हैं। उन्होंने बतौर मुख्य अतिथि आमसभा को सम्बोधित करते हुए शिक्षा, संगठन पर ध्यान देते हुए अधिकारों के लिए संगठित होकर संघर्ष करने का आह्वान किया।निषाद मछुआरा समाज अन्याय इसलिए हो रहा है,क्योंकि अपना समाज समाज की समस्याओं के समाधान के लिए एकजुट नहीं है। राष्ट्रीय सचिव चौ.लौटनराम निषाद ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की नीयत सही रहती तो निषाद व अतिपिछड़ी जातियों को आरक्षण मिल गया होता। उन्होंने कहा कि योगी चाह लें तो चुटकी बजाते ही अतिपिछड़ी जातियों को एससी का दर्जा मिल जाये। उन्होंने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह जी ने रमाबाई पार्क में विधानसभा चुनाव पूर्व 17 दिसम्बर,2021 को निषाद रैली में कहा था, सरकार बनाओ अधिकार पाओ। निषाद समाज आरक्षण के लालच में भाजपा की पुनःसरकार बनवा दी है, अब भाजपा सरकार अपना वादा पूरा करें।उन्होंने मझवार,बेलदार,तुरैहा, गोंड़ को परिभाषित कराकर मल्लाह,केवट,माँझी,बिन्द, धीवर,कहार,गोड़िया आदि को अनुसूचित जाति का आरक्षण दिलाने,मछुआरों का परम्परागत अधिकार बहाल करने व मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा देने की मांग की।


राष्ट्रीय महासचिव रामकुमार एडवोकेट ने बताया कि 5 अक्टूबर 2012 को भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने फिशरमैन विज़न डाक्यूमेंट्स जारी करते हुए संकल्प लिए थे कि 2014 में भाजपा सरकार बनने पर आरक्षण की विसंगतियों को दूर कर सभी निषाद मछुआरा जातियों को एससी / एसटी का दर्जा दिया जाएगा। यह भी वादा किये कि नीली क्रांति के माध्यम से मछुआरों का आर्थिक विकास किया जाएगा । केन्द्र में सरकार बनने पर यह कहा गया कि उत्तर प्रदेश में अपनी सरकार बनने पर निषादों को आरक्षण दे दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग वित्त विकास निगम के चेयरमैन बाबूराम निषाद ने कहा कि राष्ट्रीय निषाद संघ के पदाधिकारी 11 सदस्यीय समिति बनाकर हमें दे दें,हम माननीय मुख्यमंत्री जी से समय लेकर इन सामाजिक बिंदुओं चर्चा करा देता हूँ। प्रदेश महासचिव रमेशचन्द निषाद ने कहा योगी सरकार ने न्यायालय के आदेश का अनुपालन नहीं कराया। बल्कि अखिलेश यादव की सरकार के ही शासनादेश को हूबहू नए सिरे से 24 जून 2018 को नया शासनादेश जारी कर दिया। बसपा के कार्यकर्ता गोरख राम की याचिका पर न्यायालय ने स्टे ऑर्डर देते हुए सरकार से काउन्टर एफिडेविट दाखिल करने का आदेश दिया। बताया कि 13 अप्रैल 2022 को उच्च न्यायालय इलाहाबाद खंडपीठ में मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ के सामने सुनवाई हुई।

सरकार ने काउन्टर एफिडेविट दाखिल नहीं किया। न्यायालय ने कड़ी फटकार लगाते हुए मई महीने में होने वाली सुनवाई के दिन सरकार से काउन्टर एफिडेविट दाखिल करने का निर्देश दिया। 20 मई को मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ में 17 अतिपिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति का दर्जा देने के सम्बंध में सुनवाई थी, इस बार भी सरकार ने पिछले जैसा रुख अपनाते हुए कहा कि मन्त्रिमण्डल में निर्णय लेकर पक्ष को रखवाया जाएगा | अगली सुनवाई जुलाई के प्रथम सप्ताह में निश्चित की गई है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार 5 वर्षों से काउन्टर एफिडेविट दाखिल न कर मामले को उलझाए हुई है। विधानसभा चुनाव से पूर्व निषाद समाज के हित के लिए मुख्यमंत्री ने मझवार की पर्यायवाची जातियों के सम्बंध में जानकारी के लिए समाज कल्याण विभाग से 20 दिसम्बर, 2021 को पत्र भेजवाया, जिसका कोई अता पता नहीं। उन्होंने निषाद मछुआ समुदाय की जातियों को अनुसूचित जाति का आरक्षण दिलाने, मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा देने व निषाद जातियों के बालू मोरंग खनन, मत्स्य पालन पट्टा की उत्तर प्रदेश सरकार से मांग किया। किन्नर कल्याण बोर्ड की उपाध्यक्ष सोनम चिश्ती ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि निषादराज के आशीर्वाद से ही भाजपा की सरकार बनी है।


राष्ट्रीय निषाद संघ/नेशनल असोसिएशन ऑफ फिशरमैन की आमसभा की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष कैलाशनाथ निषाद व संचालन रमेशचंद्र निषाद ने किया।सभा को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विजय वर्लिकर(मुम्बई),उत्तर प्रदेश ललित कला अकादमी के अध्यक्ष सीताराम कश्यप,विधायक डॉ. विनोद कुमार बिन्द, शंकर लाल लोधी,रमाकांत निषाद, राजेंद्र निषाद,इं. अशोक साहनी, राजू कश्यप , जितेंद्र निषाद नीरज निषाद, विश्वनाथ निषाद एडवोकेट, चंद्र भूषण सिंह निषाद एडवोकेट ,जेपी निषाद, राजू निषाद, डॉ. डी आर वर्मा,अंजू गौड़,बीएल साहनी आदि ने सम्बोधित किया। [/Responsivevoice]