अब ब्लड कैंसर सस्ती दवाओं से किया जा रहा ठीक

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कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कालेज के गोल्डन जुबली समारोह में पधारे। सैकड़ों डाक्टर अब ब्लड कैंसर सस्ती दवाओं से किया जा रहा ठीक।

अजय सिंह

कानपुर । कानपुर स्थित GSVM मेडिकल कॉलेज के केपीएस पीजी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिन डिपार्टमेंट के 50 वर्ष पूरे होने पर गोल्डन जुबली समारोह का आयोजन किया गया। इस आयोजन में मेडिसिन डिपार्टमेंट से पास आउट डॉक्टर्स पहुंचे हैं। मौजूदा समय में कई डॉक्टर देश के जाने-माने डॉक्टर बन चुके हैं। इसमें राष्ट्रपति के डॉक्टर रह चुके डा. मोहसिन रजा भी शामिल हैं। मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर रह चुके डा. एसएन अग्रवाल ने कार्यक्रम का इनॉग्रेशन किया। इस मौके पर मेडिसिन डिपार्टमेंट की एचओडी डा. ऋचा गिरी, डा. संतोष कुमार, डा. आरती लाल चंदानी, डा. राकेश चंद्रा समेत अन्य डॉक्टर्स मौजूद रहे।

एनुअल मीट में मेडिसिन डिपार्टमेंट से पासआउट करीब 300 डॉक्टर्स पहुंचे हैं। इस मौके पर डा. एसएन अग्रवाल ने कहा कि ये देखकर बेहद अच्छा लगा कि गुरुओं को आने वाली पीढ़ी याद कर रही है, ये बेहद अच्छी बात है। कार्यक्रम में प्रमुख तौर पर KGMU के क्लीनिकल हीमेटोलॉजिस्ट डिपार्टमेंट के हेड डा. एके त्रिपाठी ने बताया कि फर्स्ट स्टेज में अब ब्लड कैंसर को दवाओं से ही ठीक किया जा रहा है।

पेशेंट अगर समय से इलाज शुरू कर दे तो ये दवाओं से ही ठीक कर दिया जाता है। पहले ब्लड कैंसर के केस में कीमोथेरेपी की जाती थी, जो पेनफुल होने के साथ ही खर्चीली भी होती थी। अब हर महीने 900 रुपए खर्च कर इसका इलाज किया जा रहा है। डा. एके त्रिपाठी ने पहले सत्र में आगे बताया कि मरीजों को जल्द ठीक होना है तो अवेयर होना भी बेहद जरूरी है।

देश में अब सिस्टम मेडिसिन की ओर बढ़ना होगा। अमेरिका और फिनलैंड जैसे देश सिस्टम मेडिसिन के तहत की कार्य कर रहे हैं। मेडिसिन डिपार्टमेंट से एमडी कर पासआउट हुए दिल्ली के बड़े हॉस्पिटल लेडी हार्डिंग के डायरेक्टर डा. मधुर यादव ने बताया कि कोई भी बीमारी होने पर सबसे पहले फिजिशियन के पास जाना चाहिए। वो बीमारी डायग्नोज करने में सबसे ज्यादा मददगार साबित होगा। उसकी सलाह पर ही संबंधित बीमारी के डॉक्टर के पास जाना चाहिए। हर किसी को फैमिली डॉक्टर जरूर रखना चाहिए। कई डॉक्टर्स की दवाएं एक साथ खाने से बॉडी रेजिस्टेंटस हो जाती है, जो सेहत के लिए ठीक नहीं है।