पदक सूची में दागदार अफसरों का बोलबाला

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पदक सूची में दागदार अफसरों का बोलबाला
पदक सूची में दागदार अफसरों का बोलबाला

जेल विभाग की पदक सूची में दागदार अफसरों का बोलबाला। सम्मानित होने वालों में सभी संवर्ग के अधिकारी कर्मचारी शामिल। गाली गलौज व निलंबन के आरोपियों का हुआ सम्मान..! पदक सूची में दागदार अफसरों का बोलबाला

आर.के.यादव
आर.के.यादव

लखनऊ। मातहत सुरक्षाकर्मियों के साथ अभद्र व्यवहार (गाली गलौज) करने और डीआईजी जेल की जांच में निलंबन की संस्तुति के आरोपी अधीक्षकों को कारागार विभाग में सम्मानित कर दिया। यह बात सुनने में भले ही अटपटी लगे लेकिन सच है। इस सच का खुलासा विभाग की ओर से गणतंत्र दिवस पर पदको के लिए जारी की गई नामों की सूची में हुआ। सूची में इसके अलावा भी कई दागदार कर्मियो को पदक एवम प्रशंसा चिन्ह देकर सम्मानित किया गया है। यह मामला विभागीय अधिकारियों में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसको लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।

घूम फिरकर एक ही कर्मचारी पा रहे पदक

प्रदेश के कारागार विभाग में बेतरतीब तरीके से हुए पदक वितरण का यह आलम है कि एक एक कर्मी तीन से चार बार पदक व प्रशंसा प्रमाण पत्र पा गए। सूत्रों का कहना है कि पदक के लिए अफसर अपने ही चहेते कर्मियो का नाम भेजते है। इसी वजह से मुख्यालय के अमिताभ मुखर्जी, विनोद कुमार सिंह, शिवांशु गुप्ता, पदम कुमार, आगरा परिक्षेत्र के पंकज शर्मा, परवेश शर्मा को पहले भी पदक मिलने के बाद इस बार फिर से सम्मानित कर दिया गया। यह तो बानगी भर है। लिस्ट में तमाम ऐसे नाम है जिन्हे कई बार पहले भी सम्मानित किया जा चुका है।

बीते दिनों मैनपुरी जेल में एक कार्यक्रम के दौरान जेल अधीक्षक कोमल मंगलानी ने मंच से जेल कर्मियो के साथ अपशब्दों का खुलेआम इस्तेमाल किया। इसका वीडियो वायरल हुआ। कई दिनों तक यह मामला सुर्खियों में भी रहा। शासन और जेल मुख्यालय में बैठे अधिकारियों ने इस अधीक्षक के खिलाफ कार्यवाही तो कोई नहीं बल्कि इसको सराहनीय कार्य करने के लिए प्रशंसा प्रमाण पत्र देकर सम्मानित जरूर कर दिया। इसी तरह राजधानी की लखनऊ जिला जेल में बहुचर्चित सन साइन सिटी मामले की हाईकोर्ट के निर्देश के बाद हुई जांच में तत्कालीन डीआइजी ने वरिष्ठ अधीक्षक आशीष तिवारी समेत दो अन्य के खिलाफ निलंबन की संस्तुति की गई। दोषी अधीक्षक के निलंबन की बात छोड़िए उसके खिलाफ बगैर कोई कार्यवाही किए बिना प्रशंसा प्रमाण पत्र दे दिया गया। इस जेल में बीते तीन साल के दौरान घटनाओं का अंबार बना रहा है। कैदियों की फरारी से लेकर बंदियों की गलत रिहाई और बंदियों की पिटाई से बंदीरक्षक की मौत तक हो चुकी है। कार्यवाही करने के बजाए ऐसे अधिकारी को तोहफा दिया गया है।

चयन का आधार पूछने पर अफसरों ने साधी चुप्पी

पदको की सूची के लिए चयनित किए गए नामों के आधार के संबंध में जब महानिरीक्षक कारागार एसएन साबत से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनसे बात नहीं हो पाई। उधर इस संबंध में जब डीआइजी मुख्यालय अरविंद कुमार सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि नामों के लिए चयन समिति गठित की गई थी। चयन समिति ने नामों का चयन किया है। चयन समिति के सदस्यों ने अपने ही नामों का चयन कर लिया के सवाल पर उन्होंने चुप्पी साध ली।

इसी प्रकार विभाग के सम्मानित होने वाले कर्मियों की सूची में एडवांस लेकर बजट आवंटित करने वाले अमिताभ मुखर्जी, पिछले करीब तीन दशक से लखनऊ परिक्षेत्र अच्छी पैठ बनाने वाले वीरेश चंद्र वर्मा, फिरोजाबाद जेल में कैंटीन का प्रभार हटने के बाद अधिकारियों की उगाही के खिलाफ आवाज बुलन्द करने वाली डिप्टी जेलर करुणेश और घूम फिरकर पश्चिम की कमाऊ जेलों पर रहने वाले जेलर राजेश कुमार सिंह को प्रशंसा पत्र और अभी एक माह पूर्व शासन से सेटिंग गेटिंग करके गाजियाबाद गौर किशोर कुमार दीक्षित आईजी का प्लेटिनम पदक और हाल ही में जेलर से अधीक्षक पद पर प्रोन्नति होकर सेटिंग से हरदोई पहुंचे सतीश चंद्र त्रिपाठी को स्वर्ण (गोल्ड) पदक से अलंकृत कर दिया गया है। इसी प्रकार सम्मानित होने वालों की सूची में तमाम दागदार और आरोपियों को अलंकृत कर दिया गया है। पदक सूची में दागदार अफसरों का बोलबाला