पार्थ श्रीवास्तव आत्महत्या के कारणों जांच की मा0 उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश की देखरेख कराई जाए- अजय कुमार लल्लू

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सीएम कार्यालय के सोशल मीडिया सेल में कार्यरत संविदा कर्मी की आत्महत्या को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र। प्रतिष्ठत कायस्थ परिवार के एक मात्र पुत्र स्व0 पार्थ श्रीवास्तव की आत्महत्या को लेकर कायस्थ समाज में रोष। स्व0 पार्थ श्रीवास्तव के सुसाइड नोट और जिन परिस्थितियों में मृत्यु हुई है उससे उसके कार्यदाता एवं वरिष्ठ सहयोगियों की प्रताड़ना परिलक्षित होती है। संविदाकर्मी पार्थ श्रीवास्तव की आत्महत्या के कारणों की मा0 उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश की देखरेख में उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। इस दुःखद घटना के दोषियों को सजा और मृतक के परिजनों को तत्काल आर्थिक मदद प्रदान किया जाए।

सचिन रावत

लखनऊ। उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने मुख्यमंत्री कार्यालय के सोशल मीडिया सेल में संविदा पर कार्यरत संविदा कर्मी पार्थ श्रीवास्तव द्वारा संदिग्ध परिस्थितियों में आत्महत्या किए जाने की घटना को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मृतक पार्थ श्रीवास्तव के परिजनों को न्याय दिलाने की मांग की है। उन्होने कहा है कि चूंकि मामला मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़ा हुआ है और बेहद संवेदनशील है, इसलिए हमारी मांग है कि उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश की देखरेख में इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की जाए।

अजय कुमार लल्लू ने पत्र में लिखा है कि स्व0 श्री पार्थ प्रतिष्ठित कायस्थ परिवार के एकमात्र पुत्र थे, जिसके कारण कायस्थ समाज में बहुत रोष है और सोशल मीडिया और समाचार-पत्रों में विगत 21 मई से इस सम्बन्ध में तमाम समाचार-प्रकाशित हुए हैं।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने पत्र में कहा है कि स्वर्गीय पार्थ श्रीवास्तव की मृत्यु जिन परिस्थितियों में हुई है, उससे प्रथम दृष्ट्या यह प्रतीत होता है कि उसने यह कदम अपने कार्य प्रदाता और वरिष्ठ सहयोगियों की प्रताड़ना के बाद उठाया है। समाचार पत्रों में उसके द्वारा दो पृष्ठ के सुसाइड नोट लिखे जाने की बात भी प्रकाशित हुई है। इसलिए यह जांच का विषय है कि एक युवा और ऊर्जा से भरपूर, बेहद संवेदनशील युवक को किस प्रकार के वातावरण में कार्य करना पड़ रहा था, जिसका उल्लेख उसने अपने उस लेखन में किया है। उसने मृत्यु से पूर्व पत्र में लिखा है कि कुछ वरिष्ठ कर्मी उसको प्रताड़ित कर रहे थे। यद्यपि पुलिस ने पहले तो किसी भी प्रकार के सुसाइड नोट से इनकार किया था। इसलिए पुलिस की जांच पर शंका उठना स्वाभाविक है।

अजय कुमार लल्लू ने कहा कि स्वर्गीय पार्थ श्रीवास्तव के पिताजी से उनके निवास पर एक प्रतिनिधि मण्डल कांग्रेस नगर अध्यक्षअजय श्रीवास्तव “अज्जू” के नेतृत्व में पार्थ श्रीवास्तव के पिताजी से उनके निवास पर मिलने भी गया था। पार्थ श्रीवास्तव के पिताजी इस घटना से न केवल दुखी, बल्कि बहुत भयभीत भी हैं। स्वर्गीय पार्थ श्रीवास्तव को कार्यालय में कौन सा वर्ग प्रताड़ित कर रहा था और उसकी शिकायतों को क्यों अनदेखा किया जा रहा था, इसकी पूरी पड़ताल किए बिना मृत युवक के साथ न्याय नहीं हो सकेगा। इसके अतिरिक्त अन्य युवा कर्मियों के साथ भी ऐसा ही व्यवहार तो नहीं किया जा रहा है। 

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