खादी और ग्रामोद्योग एक दूसरे के पर्यायवाची-पवन सिंह चौहान

89

लखनऊ/बीकेटी। विधान परिषद सदस्य पवन सिंह चौहान ने कहा कि खादी और ग्रामोद्योग एक दूसरे के पर्यायवाची हैं। महात्मा गांधी ने स्वराज एवं ग्रामोद्योग की परिकल्पना की थी। उनका विचार था कि गांव के छोटे-छोटे उद्योगों से भारत आर्थिक तौर से समृद्ध होगा। हर व्यक्ति के हाथ में कोई न कोई रोजगार होना चाहिए। तभी गांव आत्मनिर्भर होंगे।उन्होंने कहा कि खादी ने आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई थी। आज खादी को अंतरराष्ट्रीय जगत में नई पहचान मिल गई है। भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महात्मा गांधी के सपने को साकार करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। हम सबको अपने लोकल उत्पाद की ब्रांडिंग में योगदान करना चाहिए। खादी वस्त्रों एवं ग्रामोद्योग के अन्य उत्पादों की बिक्री के लिए प्रदर्शनी व मेले लगने चाहिए।


एमएलसी श्री चौहान आज देर शाम बख़्शी का तालाब इंटर कॉलेज में खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी एवं डिज़्नी लैण्ड मेले के उद्घाटन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर थे। इस मेले का आयोजन ब्रम्हास्त्र ग्रामोद्योग समिति के तत्वावधान में हो रहा है। समिति के प्रबंधक नरेंद्र बहादुर सिंह एवं सुशील कुमार सिंह ने बताया कि यह प्रदर्शनी आगामी 23 जून तक चलेगी। इसमें बड़ा झूला, टोरा टोरा झूला, भूत बंगला व सेल्फी जोन मुख्य आकर्षण हैं। मेले के दौरान कवि सम्मेलन के अतिरिक्त नाना प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम सम्पन्न होंगे। प्रदर्शनी का समय शाम तीन बजे से रात्रि 10 बजे तक रहेगा। इसमें देश के कई राज्यों से दुकानें आयी हैं।उद्घाटन समारोह में इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल केके शुक्ला, समाजसेवी गनेश रावत, पत्रकार नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान, ओज कवि योगेश चौहान, देवेंद्र कुमार सिंह, प्रधान राम बहादुर सिंह चौहान, सभासद दिनेश रावत, समाजसेवी अशोक कुमार सिंह व रणधीर सिंह आदि मुख्यरूप से उपस्थित थे।