अजमेर में डेयरी बूथों पर शुद्ध मावे के पेड़े Pure Mawa trees at Dairy Booths in Ajme

179

अजमेर में डेयरी बूथों पर शुद्ध मावे के पेड़े। निजी कारोबारियों को दूध बेचने वाली सहकारी समिति की सदस्यता रद्द होगी। 12 सौ करोड़ रुपए का टर्नओवर होने पर डेयरी अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने संतोष जताया।

एस0 पी0 मित्तल

दीपावली के मौके पर जब बाजारों में मिलावटी मावे की मिठाइयां बनने की खबरें लगातार आ रही है, तब सहकारिता के क्षेत्र में चलने वाली अजमेर दुग्ध डेयरी ने अपने बूथों पर शुद्ध मावे से बने पेड़े उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया है। डेयरी अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने उपभोक्ताओं से अपील की कि वे डेयरी में निर्मित पेड़े ही खरीदें। चौधरी ने बताया कि डेयरी के अत्याधुनिक प्लांट में शुद्ध मावा तैयार होता है और उसी से पेड़े बनाए जाते हैं। डेयरी के पेड़े खाने से मुंह में शुद्ध दूध का अहसास होगा। चौधरी ने कहा कि डेयरी से जुड़ी जो दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियां निजी कारोबारियों को अवैध तरीके से दूध बेच रही है, उनकी सदस्यता निरस्त की जाएगी। डेयरी से जुड़ने के कारण समितियों के पदाधिकारियों को अनेक सुविधाएं मिलती है। डेयरी में दूध जमा हो रहा है, इसलिए पशु पालक भी अपने पशुओं का दूध डेयरी के संग्रहण केंद्रों पर ही देते हैं। जो दूध संग्रहण केंद्रों पर आ जाता है उस पर अजमेर डेयरी का ही अधिकार है। कोई भी समिति डेयरी के दूध को निजी कारोबारियों को नहीं बेच सकती है। चौधरी ने कहा कि अवैध रूप से दूध की बिक्री किए जाने पर सहकारी समिति की सदस्यता तो रद्द होगी ही साथ ही समिति पर 500 रुपए से लेकर 10 हजार रुपए तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा।

उन्होंने बताया कि कुछ समितियों द्वारा निजी कारोबारियों को दूध बेचने से डेयरी में दूध का संकलन घट गया है, यही वजह है कि मांग को पूरा करने के लिए टोंक, चित्तौड़ उदयपुर आदि के जिला संघों से दूध खरीदना पड़ रहा है। चौधरी ने ग्रामीणों से भी अपील की है कि वे सहकारी समितियों द्वारा दूध की अवैध बिक्री की सूचना सीधे उन्हें दे सकते हैं। यह सूचना चौधरी के मोबाइल नंबर 9414004111 पर दी जा सकती है। सूचना देने वाले को 11 सौ रुपए का इनाम भी दिया जाएगा। चौधरी ने उपभोक्ताओं से भी अपील की है कि वे डेयरी का शुद्ध दूध ही खरीदे। डेयरी के दूध में किसी भी स्तर पर मिलावट नहीं होती है। चौधरी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 23-24 में अजमेर डेयरी का टर्नओवर 12 सौ करोड़ रुपए के पार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि डेयरी के नए प्लांट के शुरू होने से मुनाफे में लगातार वृद्धि हो रही है। अब बड़ी मात्रा में दूध का पाउडर अजमेर में ही तैयार किया जाता है। पूर्व में अतिरिक्त दूध का पाउडर दिल्ली, हरियाणा और यूपी के निजी प्लांट में तैयार करवाया जाता था।

लेकिन अब अन्य दुग्ध डेयरियों के दूध का पाउडर भी अजमेर डेयरी के प्लांट में बन रहा है। चौधरी ने जिले के पशुपालकों से भी आग्रह किया कि वे अपने पशुओं का दूध डेयरी के संकलन केंद्रों पर ही जमा करवावे। अजमेर डेयरी एक लीटर दूध का मूल्य 56 रुपए चुका रही है। यह खरीद मूल्य देश में सर्वाधिक है। चौधरी ने बताया कि 23 अक्टूबर को जवाहर रंगमंच पर डेयरी की आमसभा रखी गई है। इस सभा में पशुपालकों की विभिन्न समस्याओं पर विचार विमर्श होगा। चौधरी ने बताया कि जिले के पशुओं के लिए सैक्स सोर्टेड सीमन मेहसाणा से मंगाया गया है जिसे निशुल्क वितरित किया जाएगा।