जालौन में पीडब्ल्यूडी का टेंडर घोटाला

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कहते है जालौन में जानवर का दूध और पीडब्लूडी का भ्रष्टाचार बहुत मोटा होता है। वैसे तो वीरांगना लक्ष्मी बाई के गौरव से झांसी मस्तक ऊंचा करता है पर जब भ्रष्टाचार का मामला आता है तो झांसी जालौन के अधीक्षण अभियंता के तरीके अपनी अलग ही पहचान है। ताज़ा मामला जालौन में निकले लोक निर्माण विभाग के मुहम्मदाबाद गुढ़ा रोड चौड़ीकरण का है,निविदा कैसे उनके चहेते को मिल जाय इसकी पूरी जुगत में बार बार एसई साहब सरपट है। अभी एक सप्ताह पूर्व ही इसी निविदा में प्रमुख अभियंता लोक निर्माण के आदेश 795 BDD-1(एनएच) 40 एमटी 11/2020 में कार्य कीमत के हिसाब से बनाये गए नियमों के विरुद्ध लगाई गई अतिरिक्त मसीनो को तब हटाना पड़ा जब मीडिया में ये मनमाना मामला जोर शोर से उठा था,इससे पूर्व चहेतों को टेंडर न दिलवा पाने के अफसोस में इन्ही अधीक्षण अभियंता ने इस लिए निविदाएं निरस्त कर दी थी कि निविदायें 8 आ गयी थी।

अब पुनः 16-7-2021 को अधीक्षण अभियंता लोनिवि झांसी द्वारा एक नया आदेश किया गया जिसमे 12 सिलिप फार्म कंक्रीट पेवर तथा कंक्रीट बैचिंग एन्ड मिक्सिंग प्लांट कैपसिटी 75 एम क्यूब प्रति घंटा,जानकर बताते है ये मसीने 12 से 15 करोड़ में आती है । मतलब स्पष्ट है इस मसीन के कागज उनकी चहेती फर्म के पास होगें पर सवाल उठता है कि प्रमुख अभियंता के कार्यालय ज्ञाप 795- 16/10/2020 में 30 करोड़ तक कि निविदा आमंत्रित करने में तो इस मसीन का न तो उल्लेख है और नही आवश्यकता पाई गई। (देखे मुख्य अभियंता का आदेश) अब सवाल उठता है फिर इसकी आवश्यकता आ कहाँ से गयी। दरअसल ये मसीने नए बन रहे बड़े बड़े राजमार्गों को बनाने में प्रयोग किया जाता है,इसी लिए प्रमुख अभियंता की मसीन निर्धारण समिति ने कार्य आवश्यकता के दृष्टिगत उक्त मसीनों का निर्धारण किया था। चूंकि जानबूझकर अधीक्षण द्वारा अपने चहेतों को निविदा पूल कराने के लिए बार बार कदाचार किया जा रहा है इस लिये पूरा मामला मुख्यमंत्री को संदर्भित कर दिया गया ।