पट्टे के नाम पर वसूली

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बाराबंकी। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की छवि को धूमिल करने में सरकार के अधिकारी मशगूल हैं। अभी हाल ही में एक मामला राजधानी लखनऊ से सटे जनपद बाराबंकी का सामने आया है। बाराबंकी जनपद के नवाबगंज तहसील में ग्राम पंचायत मसौली की निवासी राजकुमारी पत्नी भुनेश्वर से पट्टे के नाम पर लेखपाल ने ₹50,000 वसूल लिए। महीनों बीत जाने के बाद प्रार्थिनी को किसी भी प्रकार का पट्टा आवंटित नहीं हुआ। जब भी प्रार्थनी लेखपाल के पास जाती है लेखपाल उसे प्रताड़ित करते हैं।कहते हैं कि आपकी फाइल उप जिलाधिकारी के पास लंबित है। जिसे पास करने के लिए अभी कुछ और खर्चा करना पड़ेगा।

पट्टे के नाम पर वसूली

पट्टा तो मिला नहीं बार-बार लेखपाल के पास जाने से प्रार्थनी को शारीरिक छेड़छाड़ व मानसिक शोषण का भी सामना करना पड़ता है। यही नहीं लेखपाल प्रार्थिनी से दुर्भावनापूर्ण भाव भी रखता है। अब यहां इस बात से अंदेशा लगाया जा सकता है कि उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारी किस हद तक नीचे जा चुके हैं। जैसा कि अभी हाल ही में विधानसभा में तू-तू मैं-मैं ही नन्ही बाप-दादा तक की बात चली थी उसका असर अधिकारियों में भी नज़र आने लगा है। रही बात प्रार्थनी को पट्टा मिलने की वह तो नज़र नहीं आता। प्रार्थनी के गावं या ग्रामसमाज में लेखपाल जब भी आता है तब उस महिला को अपने पास जरूर बुलाता रहता है।आज महिला मानसिक रूप से बहुत दुःखी हो गयी है है। महिला ने काफी दौड़ भाग के बाद इसकी शिकायत जिलाधिकारी को भी दी है देखना यह है कि जिलाधिकारी इस महिला की शिकायत का संज्ञान कब लेते हैं और उसे कब न्याय मिलता है।

पीड़ित महिला ने आवैस अंसारी लेखपाल नवाबगंज तहसील मसौली, बाराबंकी पर आरोप ही नहीं लगाया है बल्कि इसका शपथ पत्र भी जिलाधिकारी बाराबंकी के समक्ष प्रस्तुत किया है। पीड़ित महिला ने कई बार जनता दरबार में जाकर इसकी गुहार लगाई है। लेकिन वह न्याय पाने लिए अभी भी दर-दर भटक ठोकरें खा रही है। आखिर योगीराज में हमारी महिलाएं आजादी के अमृत महोत्सव में कितना दर-दर की ठोकरे खाएंगी।आज भी हमारी भारतीय महिलाएं आजादी के अमृत महोत्सव में कितना दर-दर की ठोकरें खाएंगी। योगी की तहसीलों में जनता दरबार लगते हैं इस महिला ने भी जनता दरबार में 28 फरवरी 2023 को आवेदन संख्या 20017623005209 के साथ अपनी समस्याओं से अधिकारियों को अवगत कराया। परंतु वह आज भी दर-दर ठोकरें खाने को मजबूर है।उत्तर प्रदेश में आज भी महिलाएं अपने जेवरात गिरवी रखकर बच्चों के लालन-पालन को तड़फती हैं। बच्चों के भविष्य के लिए ही महिला ने अपने जेवरात सुनार के यहां गिरवी रखकर लेखपाल को पट्टे के नाम पर ₹50,000 की व्यवस्था की। जिसमें महिला ने कबूल किया है कि ₹30,000 उसने सुनार के यहां से अपने आभूषण गिरवी रखकर प्राप्त किए। जिसे उसने लेखपाल को दिया। पट्टे के नाम पर वसूली