12 सौ बीघा भूमि वाली गौशाला को संरक्षित और विकसित करने का संकल्प अजमेर वासियों ने लिया। गोपाष्टमी पर गौ भक्तों के समारोह में भजन सम्राट अशोक तोषनीवाल ने चार चांद लगाए। चीटियों, कीडिय़ों को दाना इधर उधर डालने के बजाए पुष्कर गौ आदि पशुशाला में डाले-गौभक्त रणजीत मल लोढ़ा, धर्मेश जैन।
एस0 पी0 मित्तल
अजमेर शहर से सटे लोहागल क्षेत्र स्थित श्री पुष्कर गौ आदि पशुपाल में एक नवंबर को गोपाष्टमी का पर्व उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। इस धार्मिक समारोह में अजमेर को जागृत रखने वाले सभी प्रमुख लोग उपस्थित थे। करीब 12 सौ बीघा में फैल्ीा, यह गौशाला राजस्थान की एकमात्र गौशाला होगी, जो अब शहरी सीमा में आ गई है। इतनी बड़ी गौशाला को संरक्षित और विकसित करने का संकल्प सभी शहरवासियों ने एक साथ लिया। सभी का यह मानना रहा कि इस गौशाला में अन्य कार्यक्रम आयोजित कर इसे आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। मौजूदा समय में जितनी गाय हैं, उससे कई गुना ज्यादा गायों को यहां आसानी से रखा जा सकता है। लम्पी स्किन डिजीज के दौरान इस गौशाला के माध्यम से गायों को सुरक्षित रखा गया। प्रशासन ने भी इस गौशाला ने अपना सेंंटर खोल कर संक्रमित गायो को इलाज किया। इस काम में शहर की अधिकांश सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं को सहयोग मिला। गौशाला की प्रबंध समिति के अध्यक्ष रणजीतमल लोढ़ा और सचिव संजय अतार ने धर्म प्रेमियों से अपील की कि वे चींटियों, कीडिय़ों आदि जीवों को इस गौशाला में आकर ही दाना डाले। उन्होंने कहा कि आमतौर पर देखा गया है कि चींटियों, कीडिय़ों सड़क किनारे या सार्वजनिक पार्कों में दाना डाल दिया जाता है। लेकिन जब कोई बड़ा वाहन आता है या पार्क में लोग पैदल चलते हैं तब ऐसे जीवों की हत्या हो जाती है।
उन्होंने कहा कि श्री पुष्कर गौ आदि पशुशाला में पर्याप्त स्थान है, जहां चींटियो, कीडिय़ों व अन्य छोटे जीवों को दाना डाला जा सकता है। उन्होंने बताया कि ऐसे अनेक परिवार हैं जो अपने सदस्यों के जन्मदिन शादी की सालगिरह आदि के अवसर पर गौशाला में आकर गायों को चारा खिलाते हैं। जनसहयोग की वजह से ही इतनी बड़ी गौशाला को संरक्षित किया गया है। गौशाला की प्रबंध कमेटी से जुड़े महेश अग्रवाल ने बताया कि करीब 12 सौ बीघा की भूमि का सीमाज्ञान करवा लिया गया है। आसपास जो संस्थान बने हैं उनका भी सर्वे करवा लिया गया है। निसंदेह यह पशु शाला अजमेर के धार्मिक और सामाजिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। समारोह में समाजसेवी सुभाष नवाल, रमेश अग्रवाल, प्रदीप सिंघल, एसपी मित्तल का शॉल ओढ़ाकर सम्मान भी किया गया। इस अवसर पर विशेष तौर पर उपस्थित धर्म प्रेमी चंद्रराज सिंघवी ने 21 हजार रुपए आर्थिक सहयोग देने की घोषणा की। इसी प्रकार क्रिश्चियनगंज स्थित माहेश्वरी सेवा संस्थान की ओर से 51 हजार रुपए का चेक दिया। गौशाला की प्रबंध कमेटी के उपाध्यक्ष धर्मेश जैन ने भी उम्मीद जताई कि अब इस गौशाला का तेजी से विकास होगा। समारोह में पारस लालवानी, अशोक राठी, शंकर बंसल, राजेंद्र मित्तल, सुनील गर्ग, उमेश गर्ग, विष्णु गर्ग, गौरव गर्ग, आनंद गोयल सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
अशोक तोषनीवाल के भजन-
भजन सम्राट अशोक तोषनीवाल के भजनों की प्रस्तुति भी हुई। तोषनीवाल ने गौ माता और भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े भजनों की प्रस्तुति देकर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। तोषनीवाल ने कहा कि गोपाष्टमी का दिन सनातन संस्कृति में बहुत ही पवित्र दिन माना जाता है। गाय मनुष्य के लिए जीवनचक्र हैं। यदि किसी परिवार में एक गाय का पालन किया जाता है तो उसकी अनेक दैनिक आवश्यकताएं पूरी हो जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में तो आज भी गाय का गोबर ही ईधन का एकमात्र साधन है। गाय का दूध जहां हमें स्वस्थ रखता है, वहीं गाय के मूत्र से कई रोगों का इलाज संभव हैं। पशु शाला के अध्यक्ष रणजीत मल लोढ़ा ने कहा कि मां तो जीवन में छह माह के बच्चे को दूध पिलाती है, लेकिन गाय जीवन भर मनुष्य को दूध पिलाती है। इससे गाय और जन्म देने वाली माता के महत्व का अंदाजा लगाया जा सकता है। गौशाला के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9571771213 पर अध्यक्ष रणजीत मल लोढ़ा और मोबाइल नंबर 9414227510 पर उपाध्यक्ष धर्मेश जैन से भी ली जा सकती है।