युवक का शव बरामद,हत्या की आशंका
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घोटाले के आरोपियों का सम्मान..! बंदीरक्षक भर्ती घोटाले के आरोपियों का हुआ सम्मान….! आगरा और झांसी भर्ती में किया था गोलमाल। कारागार विभाग के अफसरों का कारनामा।

आर0के0 यादव

लखनऊ। सम्मान पाने वाले अधिकारियों का सम्मान। यह बात सुनने में भले ही आपको अटपटी लग रही हो लेकिन यह कारनामा कारागार विभाग के अधिकारियों ने कर दिखाया है। देश के राष्ट्रपति के सुधारात्मक सेवा एवं वीरता पद प्राप्त कर चुके इन अधिकारियों को गणतंत्र दिवस पर विभाग के मुखिया ने एक बार फिर से सम्मानित कर दिया। दिलचस्प बात यह है कि दागदार अफसरों के सम्मान का यह मामला विभागीय अफसरों में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसको लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। चर्चा है कि जांच छिपाकर जिन अधिकारियों को राष्ट्रपति पदक दिलाया गया आज एक बार फिर उन्हीं को सम्मानित कर दिया गया।


मुंह देखकर भेजे गए आमंत्रण- गणतंत्र दिवस के मौके पर सेवानिवृत्त जेल अधिकारियों के सम्मान के भेजे गए आमंत्रण में भी अधिकारियों ने पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया। जेल मुख्यालय की ओर से विभाग के नौ सेवानिवृत्त अधिकारियों को तो आमंत्रित किया गया। इस आमंत्रण सूची में कई ऐसे अधिकारियों को आमंत्रित नहीं किया गया जो एक साल पहले ही विभाग से सेवानिवृत हुए हैं। बताया गया है कि बीते वर्ष सेवानिवृत हुए डीआईजी आरपी सिंह, वीपी त्रिपाठी, वीके सिंह, पीके शुक्ला समेत कई सेवानिवृत्त अधिकारियों को आमंत्रित ही नहीं किया गया।

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जेल मुख्यालय के मुखिया महानिदेशक पुलिस/महानिरीक्षक कारागार आनंद कुमार ने गणतंत्र दिवस पर सेवानिवृत्त जेल अधिकारियों को सम्मानित करने का निर्णय लिया। इस निर्णय के तहत विभाग के आठ अधिकारियों का आमंत्रित किया गया। इसमें सेवानिवृत्त अपर महानिरीक्षक एसपी सिंह पुंडीर, हरिशंकर सिंह, वीके जैन, शरद कुलश्रेष्ठ, डीआईजी कैप्टन एसके पांडेय, बीआर वर्मा, वरिष्ठï अधीक्षक अंबरीश गौड़, जेलर एसके अवस्थी एवं आरसी उपाध्याय को आमंत्रित किया गया।


विभागीय सूत्रों का कहना है कि संविधान दिवस के दौरान विभाग ने जिन अधिकारियों को सम्मानित किया गया उनमें कई अधिकारियों के दामन दागदार रहे है। इन सम्मानित होने वाले अधिकारियों में बंदीरक्षक भर्ती घोटाले की चलने के दौरान पहले जांच छिपाकर राष्ट्रपति का वीरता पुरस्कार दिलाया गया। इसके बाद सुधारात्मक सेवा पदक से भी अलंकृत किया गया। यही नहीं झांसी में हुई बंदीरक्षक की भर्ती में सवर्ण जाति की महिला को आरक्षण का लाभ देकर नियुक्ति देने वाले अधिकारियों को भी सम्मानित किया गया है। यह मामला काफी सुर्खियों में रहा। सूत्रों का कहना है कि घोटालों की जांच छिपाकर अधिकारियों ने पहले उन्हें राष्ट्रपति पदक दिलाया और एक बार फिर सम्मान पाने वाले अधिकारियों को फिर से सम्मानित कर दिया गया। उधर इस संबंध में जब विभाग के मुखिया महानिदेशक पुलिस/ महानिरीक्षक कारागार आनंद कुमार से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन नहीं उठा।

घोटाले के आरोपियों का सम्मान..!