जीवन का रक्षाकवच है आत्मविश्वास

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जीवन का रक्षा कवच है आत्मविश्वास
जीवन का रक्षा कवच है आत्मविश्वास
राजू यादव
राजू यादव

त्मविश्वास जीवन का रक्षा कवच है। यह हर तरह की बाधाओं से हमारी रक्षा करता है और हमें सफलता की ओर अग्रसर करता है। आत्मविश्वास,मानसिक कल्याण के लिए आधारशिला का काम करता है। यह व्यक्ति की जीवन की चुनौतियों से निपटने की क्षमता को प्रभावित करता है। आत्मविश्वास हमें चुनौतियों से जूझने की ताकत देता है और लक्ष्य के पथ पर चलने का मार्ग प्रशस्त करता है।आत्मविश्‍वास वह सुरक्षा कवच है, जो हर तरह की बाधाओं के विरुद्ध आपकी रक्षा करता है और सदैव आपको सफलता के मार्ग की ओर अग्रसर करता है। आत्मविश्वास तब बढ़ता है जब व्यक्ति आत्मसमर्पण और ऊर्जा के साथ अपने लक्ष्यों की सफलता के साथ आगे बढ़ता है, जो उसे सकारात्मक मानसिकता में परिणामी बनाता है। जीवन में आत्मविश्वास अनिवार्य है क्योंकि यह हमें सकारात्मक दृष्टिकोण और स्थिरता प्रदान करता है, जिससे हम जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। आत्मविश्वास जीवन में सफलता की आधारशिला है। यह प्रतिभा को उपलब्धियों में बदल देता है। आत्मविश्वास से मेरा तात्पर्य सफलता के लिए अवश्यक योग्यताओं को सशक्त बनाने से है। जिससे कि हम जीवन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो सकूँ। सफलता को पाने के लिए जितना जरूरी मेहनत और लगन है उतना ही आत्मविश्वास भी है।

जीवन का रक्षा कवच है मनोबल और आत्मविश्वास जो हर मोड़ पर लक्ष्यप्राप्ति को सुनिश्चित करता है। आत्मविश्वास आत्मबल समानार्थी हैं। आत्मबल और मनोबल एक दूसरे के पूरक हैं। वैसे आत्मबल मनोबल से थोड़ा उच्च है। आत्मबल समय,अनुभव और ज्ञान के साथ बढ़ता जाता है। जबकि मनोबल किसी परिस्थिति में कठिन कार्य जो कार्य शारीरिक क्षमताओं से परे हैं को करने के लिये जो बल चाहिए उसको मनोबल कहते हैं। मन में जो इच्छा प्रधान रूप में काम करती है उसे पूरा करने के लिये शरीर की समस्त शक्तियाँ काम करने लगती हैं। निर्णय शक्ति निरीक्षण शक्ति,अन्वेषण शक्ति,आकषर्ण शक्ति,चिंता शक्ति,कल्पना शक्ति आदि। मस्तिष्क की अनेक शक्तियाँ उसी दिशा में अपना प्रयत्न आरंभ कर देती हैं। आत्मविश्वास बढ़ाने के कुछ उपाय जिसे अपनाकर मनोबल को बढ़ाया जा सकता है और आत्म विश्वास मनोबल के साथ समय अनुभव और ज्ञान द्वारा नित्य बढ़ता जाता है। जीवन का रक्षाकवच है आत्मविश्वास

नकारात्मक विचारों से दूर रहें– जब दिल और दिमाग नकारात्मक विचारों से भर जाते हैं तो आत्मविश्वास में कमी आने लगती है जीवन की कुछ घटनाएं जैसे कि बार-बार रिश्ता टूटना, लंबे समय तक बीमार रहना, नौकरी न लगना, ये सब नकारात्मक विचार ला सकते हैं ऐसी परिस्थितियों में अपने अंदर सकारात्मक विचारों को जागृत करें इस दौरान यह सोचें कि आप ये परेशानियाँ धैर्य रखकर समय के साथ हल कर सकते हैं।

मनोबल बढ़ाने वालों के साथ रहें- अक्सर उन लोगों के साथ वक्त बिताएं, जो आपका मनोबल बढ़ाने में मदद करते हों ऐसा करने से अच्छा महसूस होगा व नकारात्मक विचारों से लड़ने में मदद भी मिल सकती है बात-बात पर कोसने वाले और नीचा दिखाने वालों से दूर रहें ऐसे लोगों की बातें सुनकर आत्मविश्वास घटता है।

खुद के हुनर को पहचानें- हम सभी में कोई-न-कोई गुण अवश्य होता है बस जरूरत होती है उसको पहचानने की आत्मविश्वास घटने का मुख्य कारण खुद को लेकर खराब राय बनाना ही होता है इससे बाहर निकलने के लिये अपने अंदर के गुणों को पहचानें इससे अच्छा महसूस होगा और आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।

उपलब्धियों को याद करें- जीवन में हासिल की गई उपलब्धियों को याद करें, इससे आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद मिलेगी व्यक्ति को एहसास होगा कि वो अपने बारे में जो भी खराब सोच रहा है, वो उससे कई गुना अच्छा है इससे उसे खुद की कीमत समझ आती है एक डायरी में भी अपनी उपलब्धियों को लिखने के साथ उससे जुड़ी कोई तस्वीरें हों, तो उसे रख सकते हैं जब भी कॉन्फिडेंस लेवल कम लगे या महसूस हो कि हम कुछ नहीं कर सकते, तो तुरंत डायरी देख लें।

त्रुटियां होने से न डरें- जब व्यक्ति किसी काम को पहली बार करने की कोशिश करता है, तो उसमें त्रुटियां होना स्वभाविक है इसलिए त्रुटियां होने से न डरें, क्योंकि व्यक्ति गलती करके ही सीखता है और आगे बढ़ता है हां, एक बार हुई त्रुटियों को दोबारा न दोहराएं इससे आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।

त्रुटियों से सीखें- त्रुटियों से डरने के बजाय उससे सीखें गलती हर किसी से होती है, इसलिए इस बात से निराश न हों इस बात का ध्यान रहे कि असफलता के बाद लक्ष्य को हासिल करने की कोशिश को नहीं छोड़ना चाहिए त्रुटियों से सीखें, अपने को बच्चों की तरह गिरने के बाद उठें और तुरन्त आगे बढ़ने का प्रयास करें इससे आपका आत्मविश्वास नहीं डगमगाएगा। जीवन का रक्षाकवच है आत्मविश्वास

खुद पर भरोसा रखें- खुद के अंदर आत्मविश्वास जगाने के लिये सबसे जरूरी है स्वयं पर भरोसा रखना किसी भी काम को करने से पहले खुद पर अगर भरोसा हो, तो सफलता अवश्य मिलती है और इससे आत्मविश्वास भी बढ़ता है इसी वजह से खुद पर भरोसा रखें।

ज्ञान अर्जित करें- आत्मविश्वास बढ़ाने के लिये खुद का ज्ञान बढ़ायें, क्योंकि ज्ञान अर्जित करके मनोबल बढ़ता है किसी विषय पर जितना ज्ञान होगा, उतना ही कॉन्फिडेंस भी बढ़ेगा ज्ञान के लिये किताबों, मैगजीन, न्यूज पेपर या फिर इंटरनेट का सहारा ले सकते हैं खासकर, अपने विषय जिसमें आपको करियर बनाना हो, उससे संबंधित ज्ञान को बढ़ायें समय, अनुभव और ज्ञान के आधार पर आत्मविश्वास और विवेक विकसित होता जाता है।

आँख से आँख मिलाकर बात करें- किसी से भी बात करते समय नजरें मिलाकर रखें ऐसा करने से खुद ही आत्मविश्वास बढ़ता है कुछ गलत बोलने का डर और झिझक के कारण ही अक्सर लोग आंखें नहीं मिलाते इस वजह से उनका आत्मविश्वास घटने लगता है इस दौरान यह सोचें कि सामने वाला भी इंसान है और उससे भी गलती हो सकती है।

परफेक्शन की चाहत न रखें.- अगर आप हमेशा सोचेंगे कि हर काम परफेक्ट हो, तो ऐसा नहीं हो सकता है इससे दिमाग में टेंशन बनी रहती है और काम भी गलत हो सकता है इसी वजह से कोशिश करें कि ज्यादा प्रेशर में रहने के बजाय आराम से काम करें इससे काम भी सफल होगा और आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।

सही शब्दों का चयन और बोलने की कला- सबसे जरूरी है बोलने की कला सीखना आत्मविश्वास बढ़ाने के लिये यह जरूरी कदम होगा, जिसे अपनाना ही चाहिए अगर आप लोगों के बीच में बोल नहीं पाते, तो इसकी शुरुआत अपनों से कर सकते हैं शुरुआत में घर के सदस्यों व दोस्तों से बातें करें इसके अलावा, छोटे-छोटे फंक्शन में अपना योगदान दें ऐसा करने से आपके अंदर बोलने का कौशल आयेगा बोलने की कला सीखने के साथ ही सही शब्दों का चयन करना भी जरूरी है इससे आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद मिलेगी।

जिम्मेदारी लें- कई बार लोग जिम्मेदारियां लेने से डरते हैं इसके पीछे का कारण है आत्मविश्वास में कमी होना इसके लिये जिम्मेदारियां उठाने की शुरुआत करें ये शुरुआत अपने घर, स्कूल, कॉलेज और ऑफिस जैसी जगहों में किसी भी कार्यक्रम में भाग लेकर या कोई जिम्मेदारी लेकर कर सकते हैं काम जो भी हाथ में लें, उसे पूरे मन व मेहनत से निभायें इससे अंदर आत्मविश्वास आयेगा। जीवन का रक्षाकवच है आत्मविश्वास

दूसरों से तुलना न करें- कई बार लोगों में आत्मविश्वास की कमी इस कारण भी हो जाती है, क्योंकि वो हर बात पर स्वयं की तुलना दूसरों से करते हैं इस बात को याद रखें कि आप जैसे दिखते हैं और जो हैं, वो अच्छा है चाहे बात रंग-रूप की हो या आर्थिक स्थिति की, इन चीजों में कभी खुद की दूसरों से तुलना न करें ऐसा करने से ईर्ष्या की भावना उत्पन्न हो सकती है ऐसे में खुद पर विश्वास रखें कि आप अपने आप में ही खास हैं इससे आत्मविश्वास बरकरार रहेगा।

स्ट्रेटेजी बनाएं- किसी भी काम को करने से पहले प्लानिंग करने से वो काम सही तरीके से पूर्ण होता है अगर अपने दिमाग में काम को लेकर पूरी प्लानिंग की जाए और उससे जुड़ी बारिकियों के बारे में सोच लें, तो परिणाम अच्छा हासिल होगा ऐसा करने से सही गलत का परिचय भी होगा और आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।

वक्त के साथ बदलें- कहते हैं कि परिवर्तन संसार का नियम है समय के हिसाब से स्वयं को ढालें लाइफस्टाइल से लेकर हर चीज में बदलाव जरूरी है यह बेहद अधिक न भी हो, लेकिन कुछ हद तक बदलाव लाना चाहिए ऐसा करने से खुद को खुशी मिलती है और ट्रेंडिंग चीजों को फॉलो करते रहने से मनोबल भी बढ़ता है।

डर का सामना करें- खुद पर संदेह करना बंद करें व कायरता के अंधेरे से बाहर निकलें और आगे बढ़ने का सपना देखें चीज से डरते हैं, उसका सामना करना सीखें अगर किसी काम को करने से डर लगता है और ऐसा लगता है कि वह नहीं हो पायेगा, तो उसे पूरी लगन व मेहनत के साथ करने का प्रयास करें ऐसा करने से आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी होगी।

जीवन का रक्षाकवच है आत्मविश्वास

ड्रेसिंग सेंस डेवलप करें- ड्रेसिंग सेंस मनोबल को बढ़ाने में बड़ा काम आता है, इसलिए ऐसे कपड़े पहना करें, जो आपके शरीर पर अच्छे लगते हों बॉडी के अनुरूप ही कपड़े खरीदें, क्योंकि ये ऐसे होने चाहिए, जो पर्सनालिटी में चार चांद लगा दें दरअसल, जब अंदर से महसूस होता है कि कपड़े स्टाइलिश लुक दे रहे हैं, तो आत्मविश्वास अपने आप बढ़ने लगता है।

स्वयं के बारे में सोचें– आप सोचें कि स्वयं के बारे में आप क्या राय रखते हैं और भविष्य में आप क्या पाना चाहते हैं अगर खुद के बारे में कोई भी खराब राय हो, तो उसे बदलने की कोशिश करें उसे बदलने के अपने उस कार्य और सोचने के तरीके दोनों में बदलाव लायें इन बातों से आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद मिल सकती है।

काम को टाले नहीं- कोई भी काम करने जा रहे हैं, वो छोटा हो या फिर बड़ा, उसे उसी समय पूरा कीजिए अगर काम को टालने की आदत है, तो इससे जब तक वो काम नहीं होगा दिमाग पर एक दबाव बना रहेगा यदि काम को वक्त पर और सही तरीके से पूरा कर लेते हैं, तो इससे आत्मविश्वास बढ़ सकता है कभी ऐसा भी होता है कि कई सारी चीजें एकसाथ आ जाती हैं, तो उसे प्राथमिकता के आधार पर पूरा करें इससे आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी हो सकती है। जीवन का रक्षाकवच है आत्मविश्वास

स्वास्थ्य का रखें ख्याल– आत्मविश्वास बढ़ाने के लिये स्वास्थ्य का अच्छा होना आवश्यक है ऐसे में अपने सेहत का अच्छे से ख्याल रखें कम सोना, आहार पर ध्यान न देना तथा व्यायाम न करने से शरीर को काफी नुकसान हो सकते हैं।

योग और ध्यान– योग और ध्यान से आत्मविश्वास जागृत होता है नित्य प्राणायाम, आसन, ध्यान करें इससे मन एकाग्र करने के साथ साथ मानसिक इच्छाशक्ति और शारीरिक शक्ति भी बढ़ेगी।

जोखिम लेने से न डरें– कई बार जीवन में जोखिम लेने से भी मनोबल बढ़ाने में मदद मिल सकती है, इसलिए जीवन में जोखिम लेना भी जरूरी है बिना जोखिम लिये सफलता नहीं मिल सकती रिस्क लेने के बाद अगर आप सफल होते हैं, तो आत्मविश्वास बढ़ सकता है अगर असफल हुए, तो कुछ सीखने को मिलेगा वो खुद के बारे में सोचना इतना आसान नहीं होता, लेकिन यह जरूरी है जोखिम जितना बड़ा होगा सफलता और सीख भी उतनी ही बड़ी होगी।

धैर्यवान बनें– आत्मविश्वास के लिये धैर्यवान होना बहुत जरुरी है, धैर्यवान व्यक्ति किसी की कार्य को जब तक लक्ष्य पूरा नहीं हो जाता लगा रहता है।

स्पष्टता – आप जो भी काम कर रहे हैं, उसमें उत्कंठ प्रेरणा के लिये आत्मविश्वास की तथा सफलता पाने के लिये या फिर जीवन में चीजों को बेहतर ढंग से करने के लिये इंसान को स्पष्टता की जरूरत होती है।

प्रश्‍न उठता है कि आत्मविश्‍वास पैदा कैसे हो…? उत्तर है…..इसके लिए हमारे इरादे मजबूत होंने चाहिए,मजबूत इरादे ही आत्मविश्‍वास पैदा करते हैं। जीवन का रक्षाकवच है आत्मविश्वास