आत्मनिर्भर भारत ध्वनि और गति का अनुकरण करने में सक्षम

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आत्मनिर्भर भारत- आईडीईएक्स-डीआईओ ने पनडुब्बी की ध्वनि और गति का अनुकरण करने में सक्षम एक्सपेंडेबल मोबाइल एंटी-सबमरीन वारफेयर ट्रेनिंग टारगेट पर रक्षा नवाचार के लिए 150वें अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।

दिल्ली। रक्षा उत्पादन विभाग की प्रमुख पहल, इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस (आईडीईएक्स) ने अपने 150वें अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के साथ एक मील का पत्थर उपलब्धि हासिल कर ली है । यह अनुबंध डिफेंस इंडिया स्टार्ट-अप चैलेंज (डीआईएससी 7) स्प्रिंट संस्करण की एक भारतीय नौसेना परियोजना से संबंधित है। इसका नाम ‘एक्सपेंडेबल मोबाइल एंटी-सबमरीन वारफेयर (एएसडब्ल्यू) ट्रेनिंग टारगेट (ईएमएटीटी) जो पनडुब्बी की आवाज और गति का अनुकरण करने में सक्षम है’ और इसकी विजेता अल्टेयर इंफ्रासेक प्राइवेट  लिमिटेड, पुणे थी। इस चुनौती में पी8आई विमान, एमएच60आर हेलीकॉप्टरों, 10 समुद्री मील तक की गति वाले जहाजों और अन्य रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट से प्लेटफॉर्म पर कोई संशोधन किए बिना तैनात किए जाने में सक्षम प्रशिक्षण लक्ष्य के विकास की परिकल्पना की गई थी, जहां से ईएमएटीटी लॉन्च किए जाने की आवश्यकता है।

रक्षा सचिव गिरिधर अरमने और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ नागरिक और सैन्य अधिकारियों की उपस्थिति में अनुबंध पर संयुक्त सचिव (रक्षा उद्योग उत्पादन) और अतिरिक्त सीईओ / डीआईओ अनुराग बाजपेयी ने अल्टेयर इंफ्रासेक प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ अनिल आनंद के साथ नई दिल्ली में दिनांक 21 दिसंबर को हस्ताक्षर किए। आईडीईएक्स ने 26 जुलाई, 2022 को अपने 100वें अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के पांच महीने के भीतर यह उपलब्धि हासिल की। रक्षा सचिव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार द्वारा की गई पहलों के कारण निर्मित अनुकूल वातावरण के बारे में विस्तार से बताया, जिसमें नई निजी क्षेत्र की कंपनियों को विकास करने और राष्ट्र निर्माण में योगदान करने के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं । उन्होंने उम्मीद जताई कि और कंपनियां इस पारितंत्र का लाभ उठाएंगी और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन को हासिल करने में मदद करेंगी । उन्होंने अल्टेयर इंफ्रासेक प्राइवेट लिमिटेड को बधाई दी और परियोजना को पूरा करने के लिए रक्षा मंत्रालय के समर्थन का आश्वासन दिया।

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आई-डीईएक्स फ्रेमवर्क को प्रधानमंत्री द्वारा 2018 में रक्षा क्षेत्र में सह-निर्माण और सह-विकास का एक मंच प्रदान करने, स्टार्ट-अप को शामिल करने और देश में स्थापित रक्षा और एयरोस्पेस विकसित करने के उद्देश्य से लॉन्च किया गया था । आईडीईएक्स को रक्षा उत्पादन विभाग के तहत स्थापित रक्षा नवाचार संगठन (डीआईओ) द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।थोड़े समय के भीतर आईडीईएक्स, जिसे वर्ष 2021 के लिए इनोवेशन श्रेणी में सार्वजनिक नीति के लिए प्रतिष्ठित प्रधानमंत्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है, डीआईएससी, प्राइम और ओपन चैलेंजेज़ जैसे अपने प्रमुख कार्यक्रमों के माध्यम से रक्षा इको-सिस्टम में एक गेम चेंजर के रूप में उभरा है । आईडीईएक्स आवश्यक गति बनाने और रक्षा क्षेत्र में स्टार्ट-अप का एक महत्वपूर्ण समूह बनाने में सक्षम रहा है ।

अब तक, आईडीईएक्स को डीआईएससी, प्राइम और ओसी के तहत व्यक्तिगत इनोवेटर्स, एमएसएमई और स्टार्ट-अप्स से 6,500 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं । यह हजारों नौकरियां पैदा करने और भारत की प्रतिभा को वापस देश में आकर्षित करने में भी सक्षम रहा है। अक्टूबर 2022 में 2022 में आयोजित डेफएक्सपो के दौरान प्रधानमंत्री ने उद्योग और स्टार्ट-अप के माध्यम से अंतरिक्ष क्षेत्र में सशस्त्र बलों के लिए अभिनव समाधान विकसित करने के लिए डीआईएससी 8 सहित मिशन डेफस्पेस लॉन्च किया था । आवेदन करने की अंतिम तिथि 02 जनवरी, 2023 है।

आईडीईएक्स, सेना के तीनों अंगों, डीपीएसयू, एमएसएमई और स्टार्ट-अप के सहयोग से भारत को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने और अगले 25 वर्षों में वैश्विक रक्षा विनिर्माण केंद्र में बदलने के उद्देश्य से 5 बिलियन अमरीकी डालर यानी 40,000 करोड़ रुपये के निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी उत्पादों को विकसित करने का प्रयास कर रहा है ।आईडीईएक्स यह सुनिश्चित करने के लिए पथ-प्रदर्शक गति से काम कर रहा है कि स्टार्ट-अप और इनोवेटर्स के साथ इसके समझौते समय पर तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचें, अंततः उभरते हुए यूनिकॉर्न के लिए असंख्य विकल्प खोलें और साथ ही, सेवाओं की आवश्यकता को पूरा करें।

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