अयोध्या में 24-25 दिसम्बर को राज्य स्तरीय आयुष मेला का आयोजन

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दिनांक 24-25 दिसम्बर को दो दिवसीय राज्य स्तरीय आयुष मेला का आयोजन राजकीय इण्टर कालेज अयोध्या में इसका शुभारम्भ मुख्यमंत्री द्वारा दिनांक 24 दिसम्बर को किया जायेगा।


अयोध्या। जिलाधिकारी नितीश कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा दिनांक 24 दिसम्बर को जनपद अयोध्या में के दो दिवसीय आरोग्य आयुष मेला का शुभारम्भ व विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण राजकीय इण्टर कालेज अयोध्या के मैदान में किया जायेंगा। जिलाधिकारी ने बताया कि दो दिवसीय आरोग्य आयुष मेला का आयोजन दिनांक 24 से 25 दिसम्बर 2021 के मध्य किया जायेंगा। उन्होंने बताया कि जनपद के जनसामान्य को आयुर्वेद विधा की विशिष्ट चिकित्सा, क्षार-सूत्र, गठिया रोग की विशेष चिकित्सा आदि का लाभ देने के लिये आरोग्य मेला का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें जीर्ण रोगों से ग्रसित लोगों को आयुर्वेद विधा के विशेषज्ञों द्वारा सम्पूर्ण जाँचकर औषधि उपलब्ध कराई जायेगी। इसके अतिरिक्त गैरसंचारी रोगों (जैसे मधुमेह, तनाव, अनिद्रा, उच्च रक्तचाप आदि) से ग्रसित रोगियों को योग के माध्यम से निरोग रहने हेतु जागरूक किया जायेगा। स्वस्थ व्यक्तियों को स्वस्थ रहने के लिये कौन से योग रोजाना करने चाहिये, की भी जानकारी लखनऊ विश्वविद्यालय के योग विशेषज्ञों द्वारा योगाभ्यास करके दी जायेगी। जिलाधिकरी ने बताया कि आरोग्य मेला में आने वाले लोगों को निःशुल्क दवायें प्रदान की जायेगीं। आरोग्य मेला के द्वारा आयुर्वेद के ग्रन्थों में बताये गये खान-पान के माध्यम से कैसे आधुनिक जीवन शैली से होने वाले रोगों से बचा जा सकता है की भी जानकारी उपलब्ध कराई जायेगी।


जिलाधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में मात्र 08 राजकीय आयुर्वेदिक कालेज संचालित है। अयोध्या क्षेत्र में एलोपैथिक मेडिकल कालेज एवं होम्योपैथिक मेडिकल कालेज संचालित है। परन्तु आयुर्वेद कालेज न होने से क्षेत्र की व्यक्तियों, बच्चों एवं महिलाओं को आयुर्वेद पद्धति से शिक्षा एवं चिकित्सा हेतु सुदूर क्षेत्र में जाना पड़ता था। इन समस्याओं को देखते हुए मा० मुख्य मंत्री जी द्वारा भगवान श्रीराम के जन्म स्थल अयोध्या में 05 एकड़ भूमि पर एक राजकीय आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज एवं चिकित्सालय की स्थापना का जनोपयोगी एवं साहसिक निर्णय लिया गया है। अयोध्या में आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज एवं चिकित्सालय की स्थापना से इस पारम्परिक पद्धति का व्यापक प्रचार-प्रसार व विकास होगा।


जिलाधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय आयुष मिशन, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा कुल 25 जनपदों में 50 शैय्या एकीकृत आयुष चिकित्सालय के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसमें से 11 जनपदों में 50 शैय्या एकीकृत आयुष चिकित्सालयों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। पूर्व में तीन जनपदों-अमेठी, बरेली एवं वाराणसी जनपदों में निर्मित 50 शैय्या एकीकृत आयुष चिकित्सालयों का लोकार्पण किया जा चुका है। आज के पावन दिवस पर प्रदेश के 08 जनपदों लखनऊ, संतकबीरनगर, कानपुर नगर, कानपुर देहात, सोनभद्र, देवरिया, कौशाम्बी, ललितपुर के 50 शैय्या एकीकृत आयुष चिकित्सालयों का लोकार्पण किया जा रहा है। प्रदेश के 06 जनपदों- मिर्जापुर, उन्नाव, हरदोई, सम्भल, श्रावस्ती, गोरखपुर में नव स्वीकृत 50 शैय्या एकीकृत आयुष चिकित्सालयों का शिलान्यास किया जा रहा है। जनपद में जिला चिकित्सालय के भांति समस्त आयुष चिकित्सा सुविधाओं से युक्त 50 शैय्या एकीकृत आयुष चिकित्सालय स्थापित किया जा रहा है, जिसमें जाँच सुविधाओं के साथ भर्ती किये जाने की सुविधा भी उपलब्ध होगी। जिसके अन्तर्गत जनसामान्य को एक छत के नीचे आयुर्वेद विधा की विशिष्ट चिकित्सा पद्धतियों जैसे पंचकर्म, क्षारसूत्र कर्म, जलौका उपचार विधि, अग्निकर्म, यूनानी विधा की रेजिमेण्टल थैरेपी, हिजामा एवं होम्योपैथी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी। चिकित्सालय में सर्जरी के लिये ओटी कक्ष एवं सामान्य प्रसव सम्बन्धी सुविधायें उपलब्ध कराये जाने के लिये लेबर रूम समस्त सुविधाओं एवं उपकरणों सहित उपलब्ध है। आँखों की जाँच सुविधा के लिये ऑप्टोमेट्री कक्ष एवं कान के रोगों की जाँच सुविधा के लिये ऑडियोमेट्री कक्ष की भी व्यवस्था है।


जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि आयुष्मान भारत कार्यक्रम के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश में आगामी वर्षों में कुल 1600 आयुष – हैल्थ वेलनेस सेन्टर की स्थापना किये जाने की योजना है। राष्ट्रीय आयुष मिशन द्वारा कुल 871 आयुष – हैल्थ वेलनेस सेण्टर्स को विकसित किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसमें से 500 राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालयों को आयुष-हैल्थ वेलनेस सेण्टर्स के स्वरूप में विकसित कर लिया गया है। आगामी वर्ष में 250 नये राजकीय आयुर्वेदिक डिस्पेन्सरी/आयुष-हैल्थ वेलनेस सेण्टर्स का निर्माण किया जायेगा। जिसके माध्यम से उस सेण्टर के आस-पास के लगभग 5000 की जनसँख्या को योग एवं आयुर्वेद विधा से चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जायेगी। चिकित्सालय के परिसर मे आयुष वाटिका की स्थापना की गई है। जिसमें औषधीय गुणों वाले पेड-पौधों को लगाया गया है। चिकित्सालय में आने वाले रोगियों एवं जनसामान्य को इन पौधों के औषधीय गुणों एवं घरेलु उपयोग सम्बन्धी जानकारी उपलब्ध कराई जायेगी। प्रत्येक सेण्टर में एक योग प्रशिक्षक (पुरूष) एवं एक योग प्रशिक्षक (महिला) का आबद्धीकरण किया गया है। जो सेण्टर, आस-पास के स्कूल तथा सामुदायिक केन्द्रों में योग सिखायेंगे। महिलाओं के समूह को योग का प्रशिक्षण देने हेतु विशेष रूप से योग प्रशिक्षक (महिला) को आबद्धीकृत किया गया है। आयुर्वेद विधा से दिनचर्या एवं ऋतुचर्या के उपयोग करने हेतु प्रेरित कर अनियमित जीवन शैली से होने वाले रोगों को रोकने का प्रयास किया जाना इस कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्य हैं। इन केन्द्रों के द्वारा रेफरल सिस्टम को विकसित करना, आयुष विधा के माध्यम से चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना, क्षेत्र में प्रकृति परीक्षण एवं सर्वे के द्वारा विशेष रूप से ऋतु में होने वाली स्थान-विशेष रोग की पहचान करना तथा उसके रोक-थाम की व्यवस्था करना है।