दरोगा गुलाब चंद्र का खौफ

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बाजार शुकुल: हल्का दरोगा गुलाब चंद्र पाल फर्जी लाल देतें है 107/16

अमेठी। 107/16 की धारा भले की कानून व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त रखने के लिए बनाई गई हो पर कहीं न कहीं इसका बेजा इस्तेमाल भी हो रहा है। इसका सबसे अधिक चुनाव आदि में प्रयोग किया जाता है। भले ही पुलिस को शांति भंग की आशंका हो पर हल्का नंबर 1 के दरोगा गुलाब चंद्र पाल एक ही व्यक्ति के खिलाफ जनवरी से अबतक क‌ई बार शांति भंग में पबंद कर चुके हैं। इससे एक व्यक्ति ने अपना दर्द बयां किया, जिससे प्रतीत हो रहा कि कहीं न कहीं इस धारा का इस्तेमाल गलत हो रहा है।

107/16 कानून व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए बनायी गयी पुलिस अपनी जबावदेही से बचने के लिए इस धारा का प्रयोग करती है जबकि आम जनता के लिए यह काफी मुसीबत भरी हो सकती है। इसलिए 107/16 में जमानत कराना अनिवार्य है। वैसे तो यह हल्की धारा होती है लेकिन जमानत कराना अनिवार्य है।

विधान सभा में आचार संहिता लागू होने के बाद से लोगों को धारा 107/16 के तहत (शांति भंग की आशंका) अब तक पाबंद किया जा चुका है। जिन लोगों को इस धारा के तहत पाबंद किया गया है। वह अपनी जमानत कराने के लिए न्यायालय के चक्कर भी लगा रहें हैं। जमानत कराने के लिए नाते रिश्तेदारों से खुशामद कर रहे हैं।

थाना बाजार शुकुल क्षेत्र के एक व्यक्ति ने बताया कि वह पेशे से पत्रकार है, पत्नी प्रधान है, गांव में विकास कार्यों में अड़चन डालने वालों के खिलाफ कोई शिकायत भी कर दें तो हल्का दरोगा गुलाब चंद्र पाल द्वारा फर्जी 107/116 की कार्रवाई कर दी जाती है। उस व्यक्ति ने यह भी बताया कि दारोगा गुलाब चंद्र पाल अपने हल्के में क्राइम कंट्रोल करने के बजाय शिकायतकर्ताथाना न आये, या किसी भी अपराध के खिलाफ आवाज न उठाए, प्रताड़ित करने की नियत से 107/116 का दुर्पयोग कर रहें हैं। पीड़ित व्यक्ति ने कहा हल्का दरोगा श्री गुलाब चंद्र पाल से मैंने पूछा कि सर जी मेरे ऊपर 107/116 की धारा क्यों लगाई गई मेरा क्या जुर्म है तो दरोगा जी ने कहा- मैं अभी परिवार और बच्चों के साथ हूं, कोई जबाव नहीं दिए। पीड़ित ने हल्का दरोगा से क‌ई बार जानने का प्रयास किया, परंतु कोई जबाव नहीं दिया गया। ऐसे में पीड़ित चिंतित हैं कि आखिर क्या दरोगा जी मुझे फर्जी फंसाना चाहते हैं या दरोगा जी की मंसा कुछ और है।

व्यक्ति ने बताया कि गांव में चोरी, दो पक्षों में लड़ाई झगड़े, रास्ते में अवैध निर्माण के खिलाफ यदि मैं शिकायत किया तो मेरे खिलाफ जनवरी से अबतक क‌ई बार फ़र्जी ही 107/116 की कार्रवाई कर चुके हैं। जिससे दरोगा जी द्वारा मेरा मानसिक और आर्थिक शोषण किया जा रहा है।