एक ओबीसी चिन्तक का कष्ट

194
एक ओबीसी चिन्तक का कष्ट
एक ओबीसी चिन्तक का कष्ट

अनुपम आनन्द


क्षमा करिए ओबीसी को मैं ….. ही नहीं कुछ और भी कहना चाहता हूं। जरा याद करिये 07अगस्त 1990 को क्या हुआ था….? बताता हूं पूज्यनीय यशकायी श्रद्धेय विश्वनाथ प्रताप सिंह के नेतृत्व वाली जनता दल सरकार द्वारा मण्डल आयोग की सिफारिशें लागू करने की घोषणा कर दी गयी थी,जनता दल के सत्ता में सहयोगी पार्टी भाजपा ने इस निर्णय का मुखर विरोध किया,अगले दिनों में इसके विरोध में डीयू, बीएचयू,जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, पटना विश्वविद्यालय सहित 22 विश्वविद्यालयों के सवर्ण छात्र सड़कों पर उतर आये, अनेक शासकीय सम्पत्तियों में तोड़ फोड़ व आगजनी की गयी क्योंकि भाजपा व सवर्ण नेताओं को 65% ओबीसी को सत्ता में 27% की भागीदारी देना भी स्वीकार नहीं था।जैसा कि यदि जरा भी बुद्धि लगाओगे तो समझ में आयेगा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात सवर्णों द्वारा शासकीय एवं सार्वजनिक उपक्रमों में साक्षात्कार के बल पर अघोषित आरक्षण चलाया गया। एक ओबीसी चिन्तक का कष्ट


मण्डल कमीशन की रिपोर्ट लागू होने के विरोध में चलाया गया आन्दोलन स्वतंत्र भारत का जेपी आन्दोलन के अलावा सबसे बड़ा आन्दोलन था.परन्तु वीपी सिंह के नेतृत्व वाली जनता दल सरकार के सामाजिक न्याय की दृढ़ इच्छा शक्ति के कारण पिछड़ों को न्याय मिला। देश की वर्तमान ओबीसी का फर्जी चोला ओढ़े हुए मोदी सरकार ने पिछड़ों के विरुद्ध जिस कूटनीतिक चाल से उनकी जड़ें खोद डालीं व आगे भी खोद रही है उसे 75% ओबीसी समझ ही नहीं पा रहा है वह राम राज्य ला रहा है जिसमें उसे शिक्षा ग्रहण करने यहां तक कि जप तप करने पर प्राणों की बलि देनी पड़ती थी,वह राम मन्दिर बनने से खुश,धारा 370 हटने से खुश,कांवड़, परिक्रमा,आरती,दीपोत्सव, मन्दिरों के कॉरीडोर निर्माण,मुश्लिमों के मनोबल टूटने से खुश,नारा हर हर मोदी घर घर मोदी एक मोदी ने तो तुम्हें 50 साल पीछे कर दिया आगे देखो होता क्या है….?

एक ओबीसी चिन्तक का कष्ट


पहले सुप्रीम कोर्ट से आरक्षण पर फैसला यदि आरक्षित वर्ग में आवेदन है तो 27% आरक्षित सीट में ही सीट मिलेगी चाहें आप टापर हों सीट आरक्षित घेर लेंगे,मार्जिन के अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के दौरान 40 से50% अंक देकर बाहर कर ही दिया जायेगा।आरक्षित वर्गों के लिए क्वालीफाइंग कट आफ भी तय यदि सभी पद नहीं भरे तो रिक्त रह गये पद सामान्य श्रेणी में जोड़ दिये जायेंगे,अब कोई बैकलॉग भर्ती नहीं होगी।सरकार द्वारा संसद में आर्थिक पिछड़े के नाम पर 12%सवर्ण जनसंख्या के लिए 10% पद आरक्षित जिनके लिए कोई क्वालीफाइंग मेरिट नहीं जिसके कारण उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में 3 अंक पाकर ई डब्ल्यू एस सवर्ण अभ्यर्थी चयनित,उत्तराखण्ड में PCS J में2020 में 30 अंक पाने वाले जज बने। आज हर परीक्षा में ओबीसी की मेरिट सामान्य से अधिक जा रही है। निजीकरण की राह पर चलकर पिछड़ों की नौकरी से छुट्टी तय कर दी गयी है।आश्चर्य होता है कि 12% जनसंख्या के लिए 10% आरक्षण के निर्णय पर संसद में दो चार नेताओं के विरोध के अलावा कोई शोर शराबा नहीं,कोई सड़कों पर नहीं उतर सका।आर्थिक पिछड़ेपन की आय सीमा ओबीसी के क्रीमी लेयर के बराबर यहां तक कि उत्तर प्रदेश के पूर्व बेसिक शिक्षा मंत्री के भाई इस कैटेगरी में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर चयनित,शिक्षक भर्ती 69000 में गुप्ता एवं तिवारी ओबीसी आरक्षण के अन्दर चयनित तथा कार्यरत कितना अन्धेर है लेकिन हम अन्ध भक्त बने हुए हैं।


सोचनीय है कि आर्थिक पिछड़े आरक्षण के अंर्तगत सभी वर्गों के अभ्यर्थियों को आरक्षण क्यों नहीं दिया गया क्या यह भेदभाव नहीं है। सरकार द्वारा लैट्रल इंट्री पर संयुक्त सचिव स्तर पर IAS में सीधी साक्षात्कार करके की जाने वाली भर्ती के विज्ञापन में एस सी,एस टी,ओबीसी आवेदन के पात्र नहीं लिखा गया है ऐसा करके हमें संविधान में दिया गया अवसर की समानता के अधिकार से वंचित किया गया है जो हमारे मूल अधिकारों का हनन है,और हम मोदी के गुणगान कर रहे हैं।वर्तमान भाजपा सरकार तानाशाही पर उतर आई है,यदि अब भी ओबीसी भाजपा को वोट देता है तो हम उसे कुलघाती ही कहेंगे जिसे आने वाली पीढ़ियां माफ नहीं करेंगी।

ऐसे 12 बडे काम,जोकि मुस्लिमों से डराकर,OBC का वोट लेकर सत्ता प्राप्ति की,और सत्ता का प्रयोग कर, OBC PM ने OBC के खिलाफ किया काम !
पिछले 09साल मे OBC के विरुद्ध किये गए 12 बड़े कार्य;-

1.OBC को 27% मे ही सीमित किया, भले ही उसके अंक, जनरल से अधिक आएं, वो 27% मे ही जाएगा! इस प्रकार क्यूँकि OBC लगभग 54% है, की मेरिट कट ऑफ जनरल से अधिक जाने लगी। जबकि पूर्व व्यवस्था मे OBC के ऐसे प्रतियोगी, जिनके मार्क्स् जनरल के बराबर या अधिक आते थे, उन्हे जनरल मे Count किया जाता था। ये आपको नहीं दिखता है,पता नहीं क्यूँ?

2.आईएएस की Lateral Entry मे OBC के लिए कोई जगह सुनिश्चित नहीं की, जबकि पीएम OBC हैं। ये आपको नहीं दिखता! पता नहीं क्यूँ?

3.सिविल सर्विस परीक्षा 2015 मे OBC के चयनित लगभग 150 IAS को इसलिए बाहर किया, क्यूँकि इतने ही OBC IAS ने जनरल की लिस्ट मे अपनी जगह बनाई थी।
OBC के ऐसे IAS को 27% मे डाल दिया और OBC मे जगह बनाए कम मेरिट वाले आईएएस को चयन के बाद बाहर किया! किंतु ये भी आपको दिखाई नहीं दिया,पता नहीं क्यूँ…?

  1. 2017 मे श्री केशव मौर्या के नेतृत्व मे चुनाव लड़ा गया,मौर्या के नाम पर OBC ने सवर्णो की पार्टी को खुलकर वोट किया,CM मौर्या जी को बनाना चाहिए था, बनाया किसको???
    लेकिन ये खुलेआम की गई हकमारी आपको नहीं दिखाई दी,पता नहीं क्यूँ…?

5.1992 के राममन्दिर आंदोलन मे 90% कारसेवक OBC थे, शहीद भी OBC हुए, लेकिन राममन्दिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सहित 15 लोगों मे एक भी OBC नहीं है। ये आपको नहीं दिखता,पता नहीं क्यूँ?

6.1992 मे राममन्दिर आंदोलन के अगुआ, माननीय कल्याण सिंह, जो कि OBC थे, उनको राममन्दिर के शिलान्यास तक मे नहीं बुलाया, ये कल्याण सिंह ही नहीं, पूरे OBC समुदाय का अपमान है। आपको दिखाई नहीं देता!पता नहीं क्यूँ??

7.69000 शिक्षक भर्ती मे भी यही हुआ है, ऐसे 19000 candidate जिनकी मेरिट जनरल से अधिक थी, उन्हे OBC 27% मे घुसेडा और कम मेरिट वाले जो 27% मे आ रहे थे, उनको बाहर का रास्ता दिखा दिया! लेकिन ये भी आपको दिखाई नहीं दिया,पता नहीं क्यूँ?

8.UP ही नहीं पूरे भारत की सूची उठा लीजिये, OBC के कितने VC, कितने प्रोफेसर, कितने Associate प्रोफेसर,कितने असिस्टेंट प्रोफेसर हैं….? VC 1% भी नहीं हैं, प्रोफेसर 2% भी नहीं हैं, Aasociate प्रोसेसर 3% भी नहीं हैं,असिस्टेंट प्रोसेसर 5% भी नहीं हैं, होने कितने चाहिए, कम से कम 27%….अब तो जो भर्तियां हो रही हैं, उनमे OBC पद पर NFS घोषित कर जनरल (सवर्णो) को भरा जा रहा है। लेकिन आपको यह भी नहीं दिखता, पता नहीं क्यूँ…?

9.सवर्णो को बिना मांगे बिना आन्दोलन के बिना समीक्षा के EWS (आरक्षण) दे दिया किंतु हमारे समाज की दशको पुरानी आरक्षण की मांग पर कोई सुनवाई नहीं,क्यूँ….? EWS (गरीब सवर्ण) की मेरिट SC से भी कम जा रही है, क्यूँकि 10% सवर्णो को 10% दे दिया! वो गरीब थे ही नहीं! थे भी, तो वो तो पहिले से 80% कब्जाये हैं…! ये आपको नहीं दिखता, पता नहीं क्यूँ….?

10.जब से OBC पीएम बने हैं,OBC की schoalarship बंद हो गई!क्यूँ?? ये आपको नही दिखता!

11.वर्तमान मे सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि पीएम OBC है, OBC अपनी जनगणना कराना चाहता है, लेकिन हमारे OBC पीएम के कानों पर जू तक नहीं रेंग रही!
कैसे OBC हैं???घुटने पेट की तरफ झुकते हैं, लेकिन ये तो सवर्णो की तरफ झुके हैं, लेकिन आपको क्यूँ दिखेगा,आपकी आँखों पर तो मानसिक गुलामी पट्टी बँधी है।
ये आपको नहीं दिखता, पता नहीं क्यूँ….?

12.प्रत्येक राज्य मे बीजेपी OBC वोट की बदौलत सत्ता प्राप्त करती है किंतु बीजेपी के मुख्यमंत्रियों का इतिहास उठा लो,90% मुख्यमंत्री सवर्णो को ही बनाया है…? एक ओबीसी चिन्तक का कष्ट