शाह के दावे का सच आया सामने

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शाह के दावे का सच आया सामने
शाह के दावे का सच आया सामने

शाह के दावे पर खुद कलावती ने सामने आकर बताया सच.अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के विदर्भ की कलावती बंदुरकर का जिक्र किया. अमित शाह ने दावा किया कि राहुल गांधी ने जिन कलावती के घर भोजन किया था, उसकी मदद राहुल ने नहीं पीएम मोदी ने की. शाह के इस बयान के बाद कलावती यवतमाल की विधवा किसान कलावती चर्चा में आ गईं. अब कलावती ने अमित शाह के दावों पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने बताया कि उन्हें कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात के बाद ही मदद मिली थी. बीजेपी से इसका कोई लेना देना नहीं है. शाह के दावे का सच आया सामने

लोकसभा में मणिपुर हिंसा को लेकर केंद्र के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर 9 अगस्त को दूसरे दिन भी चर्चा हुई. इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नाम लिए बिना राहुल गांधी पर जमकर हमला बोला. इस दौरान उन्होंने महाराष्ट्र के विदर्भ की एक महिला कलावती का जिक्र किय. कलावती से राहुल गांधी ने 2008 में मुलाकात की थी. अमित शाह ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी कलावती के घर भोजन करने गए थे और फिर इसके बाद उनका कोई हालचाल नहीं लिया. अमित शाह ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने कलावती को सबकुछ मुहैया कराया.

अमित शाह ने कहा, एक बार राहुल गरीब महिला कलावती के घर भोजन करने गए. इसके बाद सदन में गरीबी का वर्णन किया. इसके बाद उनकी सरकार आई, लेकिन मैं पूछता हूं कि उनकी सरकार ने उस गरीब महिला कलावती के लिए क्या किया? अमित शाह ने कहा कि उस गरीब कलावती को घर, बिजली, गैस, अनाज आदि देने का काम नरेंद्र मोदी ने किया. उन्होंने कहा कि आप जिस कलावती के घर भोजन के लिए, उनको भी मोदी जी पर भरोसा है. वो मोदी जी के साथ खड़ी हैं. हालांकि, गौर करने वाले बात ये है कि अमित शाह ने कलावती को बुंदेलखंड का बताया, जबकि राहुल ने जिन कलावती के घर पर भोजन किया था, वह यवतमाल की हैं.

‘उस समय हमारी हालत बहुत खराब थी, हम सात बहनें और दो भाई थे, पापा गुजर गए थे. हमारी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, हम लोग काम करने खेत में जाते थे. जैसे-तैसे बस गुजरा चल रहा था. लेकिन, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के हमारे यहां आने के बाद हमारी स्थिति बदल गई. तब वो किसानों से मिलने हमारे इलाके में आए थे और अचानक हमारे घर भी आ गए. यहां आने के बाद उन्होंने हमारी पैसे से मदद की. उन्होंने हमें 30 लाख की एफडी दी. फिर घर मंजूर हुआ, पानी और लाइट दी.’

अमित शाह के दावे के बाद मीडिया महाराष्ट्र के यवतमाल में रह रहीं कलावती के घर पहुंचा. उन्होंने कलावती से अमित शाह के दावे को लेकर सवाल किया तो वो बोलीं कि उन्हें कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से मुलाकात के बाद ही मदद मिली थी. कांग्रेस की उस मदद से BJP का कोई लेना देना नहीं है.कलावती के बेटे प्रीतम बंदुरकर ने बताया, उस समय हमारी हालत बहुत खराब थी, हम सात बहनें और दो भाई थे, पापा गुजर गए थे. हमारी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, हम लोग काम करने खेत में जाते थे. जैसे-तैसे बस गुजरा चल रहा था. लेकिन, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के हमारे यहां आने के बाद हमारी स्थिति बदल गई. तब वो किसानों से मिलने हमारे इलाके में आए थे और अचानक हमारे घर भी आ गए. यहां आने के बाद उन्होंने हमारी पैसे से मदद की. उन्होंने हमें 30 लाख की एफडी दी. फिर घर मंजूर हुआ, पानी और लाइट दी. उन्हें उस समय जो कुछ भी मिला था, केवल और केवल राहुल गांधी की वजह से ही मिला था.

कलावती यवतमाल के जालका गांव की रहने वाली हैं. कर्ज से परेशान कलावती के पति परशुराम ने आत्महत्या कर ली थी. राहुल गांधी ने साल 2008 में कलावती से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के बाद कलावती चर्चा में आ गई थीं. कलावती ने पिछले साल बीबीसी को दिए इंटरव्यू में बताया था कि राहुल ने उन्हें तीन लाख का चेक दिया था. इसके बाद उनके खाते में 30 लाख रुपये डाले गए थे. कलावती ने बताया कि राहुल से मिलने के बाद किस तरह से उनका जीवन बदल गया. वे पहले झोपड़ी में रहती थीं. लेकिन अब उनके पास पक्का घर है. शाह के दावे का सच आया सामने