आज वर्ल्ड पार्लियामेंट की नितांत आवश्यकता

89

भावी पीढ़ी के हित में विश्व के नेताओं से आगे आने की अपील की डा. जगदीश गाँधी ने”रूस को नियंत्रित करने के लिए आज वर्ल्ड पार्लियामेंट की नितांत आवश्यकता है।”

लखनऊ। विश्व शान्ति के प्रबल समर्थक, प्रख्यात शिक्षाविद् एवं सिटी मोन्टेसरी स्कूल के संस्थापक डा. जगदीश गाँधी ने विश्व के सभी देशों के प्रमुख नेताओं से पुरजोर अपील की है कि विश्व के ढाई अरब बच्चों एवं आने वाली पीढ़ियों के सुरक्षित भविष्य हेतु विश्व एकता व विश्व शान्ति की स्थापना के प्रयासों में तेजी लायें। डा. गाँधी ने विश्व के सभी देशों के प्रमुख नेताओं को पत्र लिखकर वैश्विक समस्याओं के समाधान हेतु विश्व संसद के गठन की जोरदार अपील की है। इसी संदर्भ में आज यहाँ सी.एम.एस. गोमती नगर (प्रथम कैम्पस) ऑडिटोरियम में आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध से तृतीय विश्व युद्ध का खतरा निरन्तर बढ़ता ही जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय जैसी वैश्विक संस्थाएं इस युद्ध को रोक पाने में सफल नहीं हो सकीं, साथ ही वैश्विक संस्थायें जैसे अशिक्षा, गरीबी, बुनियादी स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन आदि का समाधान प्रस्तुत करने में सफल नहीं हो पा रही हैं। ऐसी स्थिति में, अब विश्व संसद का गठन और प्रभावशाली अन्तर्राष्ट्रीय कानून व्यवस्था ही भावी पीढ़ी को सुरक्षित व शान्तिपूर्ण वातावरण उपलब्ध करा सकती है।

डा. गाँधी ने जोर देते हुए कहा कि विश्व की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए विश्व संसद, विश्व सरकार एवं प्रभावशाली अन्तर्राष्ट्रीय कानून व्यवस्था का गठन अब अनिवार्य आवश्यकता है और यही विश्व एकता व विश्व शान्ति का एकमात्र विकल्प भी है। अमेरिका व भारत जैसे विशाल लोकतान्त्रिक देशों के राष्ट्रप्रमुखों का कर्तव्य है कि वे विश्व मानवता के हित में अविलम्ब सभी प्रभुसत्ता सम्पन्न राष्ट्रों की बैठक बुलाकर एक वैश्विक लोकतंत्र (विश्व संसद) की स्थापना का मार्ग प्रशस्त करें।डा. गाँधी ने आगे कहा कि सिटी मोन्टेसरी स्कूल विश्व का अकेला ऐसा विद्यालय है जो अपने यहाँ अध्ययनरत लगभग 58000 छात्रों को सर्वोत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करने के साथ ही उन्हें उच्च जीवन मूल्य प्रदान कर मानवता की सेवा करने वाला एक आदर्श विश्व नागरिक बनाता है, साथ ही संसार के ढाई अरब बच्चों की शान्ति सुरक्षा के लिए भी सतत् प्रयासरत है। सी.एम.एस. के इन प्रयासों को पूरी दुनिया में सराहा गया है।