आखिर मुख्तार अंसारी के साथ जेल में क्या हुआ..?

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आखिर मुख्तार अंसारी के साथ जेल में क्या हुआ..?
आखिर मुख्तार अंसारी के साथ जेल में क्या हुआ..?

  उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में आधी रात को हड़कंप मच गया। जिले के प्रशासनिक अधिकारी के हाथ-पांव उस वक्त फूल गए, जब माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की अचानक से तबीयत खराब हो गई।आनन-फानन में उन्हें बांदा के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। शुरुआत में जानकारी मिली की घबराहट और सीने में दर्द होने के चलते मुख्तार अंसारी को भर्ती कराया गया। लेकिन अब नई जानकारी मिली है कि मुख्तार अंसारी को कब्ज और यूरिन इंफेक्शन की शिकायत थी, जिसके बाद अस्पताल पहुंचाया गया था। मिल रही जानकारी के मुताबिक सोमवार देर रात मुख्तार की तबीयत बिगड़ने के बाद जेल प्रशासन की तरफ से डॉक्टरों को बुलाया गया। जांच के बाद डॉक्टरों ने मुख्तार को बाँदा मेडिकल कॉलेज के ICU में एडमिट कराने की सलाह दी। जिसके बाद कड़ी सुरक्षा के बीच मुख्तार को मेडिकल कॉलेज के ICU में एडमिट कराया गया है। आखिर मुख्तार अंसारी के साथ जेल में क्या हुआ

बता दें कि अभी कुछ दिन पहले ही मुख्तार अंसारी ने कोर्ट से गुहार लगाई थी कि उन्हें जेल में बेहतर सुविधा नहीं मिली रही है। साथ ही उन्होंने बांदा जेल में किसी अनहोनी की आशंका जताते हुए अपनी जान का खतरा भी बताया था। मुख़्तार अंसारी ने अपने वकील अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन के जरिए जज कमलकांत श्रीवास्तव के समक्ष प्रार्थना पत्र भी दिया था। 19 मार्च को दिए गए प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि जेल में मुख़्तार अंसारी को जो भोजन दिया गया था, उसमे कुछ विषाक्त पदार्थ था। जिसे खाने के बाद मुख्तार को घबरात होने लगी और हाथ-पैर ठन्डे पड़ गए, लगा कि तुरंत मृत्यु हो जाएगी।

मुख्तार की तबीयत को लेकर जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और जेल प्रशासन की ओर से पूरी तरह से चुप्पी साध ली है। दो दिन पहले ही मुख्तार अंसारी की सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही को लेकर एक जेलर और दो डिप्टी जेलर को सस्पेंड किया गया था। सूत्रों कि माने तो मुख्तार विगत तीन दिनों से यूरिनल इंफेक्शन से परेशान था। उसे रात में एक बजे मुख्तार अंसारी को जिला अस्पताल में शिफ्ट किया गया था। डॉक्टर्स ने शुरुआती जांच के बाद सर्जरी रिकमेंड की थी, जिसके बाद मुख्तार को सर्जिकल इंटरवेंशन के लिए आईसीयू में शिफ्ट किया गया है। इससे पहले मुख्तार अंसारी ने आरोप लगाया था कि उसे जेल में स्लो पॉइजन दिया गया है। 

21 मार्च को जब बाराबंकी की MP-MLA कोर्ट में चर्चित एम्बुलेंस मामले में मुख्तार अंसारी की पेशी थी तो उसके वकील ने कोर्ट में एप्लीकेशन दिया था कि 19 मार्च की रात में मुझे खाने में विषाक्त पदार्थ दिया गया है, जिसकी वजह से मेरी तबीयत खराब हो गई है। ऐसा लग रहा है कि मेरा दम निकल जाएगा और बहुत घबराहट हो रही है। कृपया मेरा सही से डाक्टरों की टीम बनाकर इलाज करवा दें। इससे पहले भी मुझे विषाक्त प्रदार्थ मिलाकर दिया गया था। बांदा जेल के सुपरिटेंडेंट ने मुख्तार अंसारी के स्लो पॉइजन देने के आरोपों को खारिज कर दिया था। प्रशासन ने बताया कि पहले एक सिपाही और फिर डिप्टी जेलर जेलर खाना खाता है, उसके बाद मुख्तार को दिया जाता है।जेल के 900 बंदी भी यही खाना खाते हैं। ऐसे आरोप बेबुनियाद हैं।

सूत्रों कि माने तो मुख्तार अंसारी की हालत खतरे से बाहर है। मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में मुख्तार अंसारी का इलाज चल रहा है। डॉक्टरों की टीम मुख्तार अंसारी के स्वास्थ्य की निगरानी कर रही है। अगर हालात ज्यादा बिगड़ती है तो मेडिकल कॉलेज से रेफर भी किया जा सकता है। कुछ देर में मुख्तार अंसारी के परिजन भी मेडिकल कॉलेज पहुंच सकते हैं। देर रात हालात बिगड़ने पर मुख्तार अंसारी को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। मुख़्तार अंसारी की हालत काफ़ी गंभीर है मुख़्तार अंसारी के बड़े भाई अफ़जाल,पत्नी अफशां और बेटे उमर को वायरलेस से मेसेज देकर तुरंत बुलाया गया। महमूदाबाद थाने पर भेजा गया वायरलेस मैसेज परिवार रास्ते में है। आखिर मुख्तार अंसारी के साथ जेल में क्या हुआ