स्वास्थ का खजाना है सहजन

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स्वास्थ का खजाना है सहजन
स्वास्थ का खजाना है सहजन

सहजन का पौधा या मोरिंगा ओलीफेरा जिसे हिंदी में सहजन के नाम से भी जाना जाता है, भारत में एक बहुत आम सब्जी है। लेकिन हममें से ज्यादातर लोग इस पौधे के अद्भुत स्वास्थ्य लाभों से अनजान हैं। यह अपने पौष्टिक पत्तेदार साग, फूलों की कलियों और खनिज युक्त हरे फलों की फली के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। स्वास्थ का खजाना है सहजन

सहजन की पत्तियां पूरे शरीर के लिए फायदेमंद होती हैं। ये पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं। गाजर, संतरे और यहां तक कि दूध से भी अधिक सहजन या मोरिंगा अधिक पौष्टिक है। सहजन की पत्तियों का भारतीय व्यंजनों में खूब उपयोग होता है। यह हार्ट हेल्थ के लिए भी फायदेमंद है। इन्हें कई तरीकों से आहार में शामिल किया जा सकता है। सहजन की पत्तियों को कच्चा, पाउडर या जूस के रूप में सेवन किया जा सकता है। सहजन के पत्तियों को पानी में उबालकर इसमें शहद और नींबू मिलाकर भी पिया जा सकता है। सहजन का इस्तेमाल सूप और करी में भी हो सकता है। सब्जी के रूप में इसका सबसे अधिक उपयोग किया जा सकता है। हार्ट हेल्थ के लिए मोरिंगा जूस और मोरिंगा सूप भी सबसे अधिक लिया जाता है।

सहजन के पोषण तथ्य

मोरिंगा साग (पत्तियां) प्रोटीन का बहुत अच्छा स्रोत हैं। 100 ग्राम ताजी कच्ची पत्तियों में 9.8 ग्राम प्रोटीन होता है। ताजा फली और बीज ओलिक एसिड और विटामिन सी से भरपूर होते हैं।यह विटामिन ए का सबसे समृद्ध स्रोत है।सब्जियों के साथ-साथ फली में भी कई महत्वपूर्ण बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन जैसे फोलेट, विटामिन बी 6 (पाइरिडोक्सिन), थायमिन (विटामिन बी -1), राइबोफ्लेविन, पैंटोथेनिक एसिड और नियासिन अच्छी मात्रा में होते हैं। सब्जियां (पत्तियां) कैल्शियम, लोहा, तांबा, मैंगनीज, जस्ता, सेलेनियम और मैग्नीशियम जैसे खनिजों के बेहतरीन स्रोतों में से एक हैं।

सहजन के कुछ आश्चर्यजनक स्वास्थ्य लाभ इस प्रकार हैं:-

रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है- सहजन में 18 अमीनो एसिड होते हैं जो कई बीमारियों के इलाज में मदद करते हैं। एक महत्वपूर्ण उपयोग इसका मधुमेह विरोधी गुण है। मोरिंगा ओलीफेरा की पत्तियों के मेथनॉल अर्क का मधुमेह विरोधी प्रभावकारिता के लिए मूल्यांकन किया गया था। इसके लाभ प्राप्त करने के लिए इसे अपने नियमित सब्जी सूप में उपयोग करें।
जोड़ों के दर्द से राहत दिलाता है- चरक ने इसका उल्लेख तेल के पादप स्रोत के रूप में भी किया है। अपने औषधीय लाभों और एनाल्जेसिक प्रभावों के कारण, मोरिंगा कई आयुर्वेदिक दर्द निवारक तेलों में प्राथमिक घटक है।

याददाश्त और एकाग्रता को बढ़ाता है- सहजन में ग्लूटामिक एसिड की मौजूदगी अमोनिया के नशे को रोकने में मदद करती है। यह एक सक्रिय न्यूरोट्रांसमीटर पदार्थ भी है जो बदले में आपकी याददाश्त और सीखने की क्षमताओं में मदद करता है। अपनी दालों में सहजन मिलाएं ताकि उबालते समय दाल में आवश्यक पोषक तत्व आ जाएं।

प्रजनन क्षमता में सुधार- प्रजनन क्षमता को बेहतर बनाने में भी मोरिंगा फायदेमंद साबित हो सकता है। हाल के शोध से पता चलता है कि मोरिंगा का नियमित उपयोग पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने और शुक्राणु की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए जाना जाता है। यह एक न्यूरोट्रांसमीटर के रूप में भी कार्य करता है और हार्मोन उत्पादन में शामिल होता है। अपनी पुदीना या धनिये की चटनी में मोरिंगा की पत्तियों का उपयोग करें और स्वाद के लिए थोड़ा लहसुन डालें।

मुँहासों को साफ़ करने में मदद करता है- मोरिंगा अपने शुद्धिकरण गुणों के लिए जाना जाता है। मोरिंगा की पत्ती का अर्क और तेल गंभीर मुँहासे का इलाज कर सकता है। तेल त्वचा को शुद्ध करता है और उसे फिर से जीवंत करने में मदद करता है। मोरिंगा को आपकी नियमित सब्जियों के साथ सरसों की चटनी के साथ पकाई गई एक साधारण ग्रेवी डिश के रूप में लिया जा सकता है।

ऊतक विकास को बढ़ावा देता है- मोरिंगा शिशुओं और वयस्कों के लिए समान रूप से फायदेमंद है। इसमें हिस्टिडाइन होता है जिसका उपयोग एलर्जी प्रतिक्रियाओं के दौरान निकलने वाले न्यूरोलॉजिकल यौगिक हिस्टामाइन को बनाने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग विकास और ऊतकों की मरम्मत के लिए किया जाता है।

पेट के कीड़ों को मारता है- मोरिंगा के फूल आंत में मौजूद किसी भी कीड़े से छुटकारा पाने में मदद करते हैं। आप सहजन के फूलों से स्वादिष्ट पकोड़े बना सकते हैं और अपनी पसंद की किसी भी चटनी के साथ आनंद ले सकते हैं.

स्वस्थ गर्भावस्था में सहायक- सहजन प्रोटीन, विटामिन, खनिज, एंटी-ऑक्सीडेंट और इन सभी पोषक तत्वों से भरपूर है जो बढ़ते बच्चे के लिए महत्वपूर्ण हैं।

जोड़ों के दर्द की समस्या में मिलता है आराम – हम सभी जानते हैं सहजन एक बहुत ही फायदेमंद सब्जी है। सहजन का सूप पीने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है साथ ही ये डायबिटीज मरीजों के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है। यहां तक कि इसे पीने से बैड कोलेस्ट्रॉल की भी प्रॉब्लम दूर होती है।

डायबिटीज़ के रोगियों के लिए भी है फायदेमंद – सहजन के पत्ते के रस में एंटी-डायबिटीज़ गुण मौजूद होते हैं जो कि ब्लड ग्लूकोज़ के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। वहीं प्रोटीन व इंसुलिन हार्मोन के बनने में वृद्धि करके सीरम ग्लूकोज़ के स्तर में कमी लाते हैं।

किडनी के लिए सहजन उपयोग – सहजन की छाल, पत्तियां, बीज, फूल और जड़ सब कुछ फायदेमंद होता है क्योंकि इसकी जड़ों में ड्यूरेटिक गतिविधि होती है जो कि पथरी बनाने वाली इकाइयों के जमाव को कम करने में भी मदद कर सकता है। इसके अलावा, ये रस बड़े हुए सीरम यूरिक एसिड और क्रिएटिनिन के स्तर को भी कम करते हैं।

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