आखिर ताज़ किसका ….!

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दीया कुमारी 2013 में सवाई माधोपुर से विधानसभा चुनावों में किरोड़ी लाल को हराया। इसके बाद उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ा। दीया कुमारी का भाजपा में लगातार कद बढ़ता जा रहा है। दिया कुमारी पहले विधायक थी, अब सांसद बन गई है, वही दिया जयपुर के राजपरिवार की सदस्य है। जो दावा कर रही है की ताजमहल जिस स्थान पर बना है वो भूमि राजपरिवार की है। इस के साथ -साथ दिया ने ताजमहल के बंद २२ कमरों को खोलने की मांग की है। ताजमहल के उन 22 कमरों को खोलने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने सर्वे कराने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस याचिका को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया।

इन दिनों ताजमहल बंद कमरे व तहखाने के चलते चर्च में है। ताजमहल के अस्तित्व को लेकर एक बार फिर से हुआ विवाद, ताजमहल के 22 कमरों को खोलने वाली याचिका पर अब अगली सुनवाई गुरुवार को होग। देशभर में उठ रहे है ताजमहल के इतिहास पर सवाल। इसमें अब राजस्थान का नाम भी मिल गया है। ताजमहल को लेकर बीजेपी नेता और राजपरिवार की सदस्य दीया कुमारी ने बुधवार को कहा कि उस जगह पर हमारा महल था। दीया कुमारी ने कमरों को खोलने की मांग की है। दीया कुमारी का कहना है की जिस स्थान पर ताजमहल बना है जो राजपरिवार की भूमि है। इन्होने दावा किया है कि उनके पास ऐसे दस्तावेज भी मौजूद है।

दीया कुमारी

राजकुमारी दीया कुमारी ने किया नया दावा – राजपरिवार के कई सदस्य राजस्थान राजनीती में उच्च पदों पर नियुक्त है। राजनीति में राजपरिवार से जुड़े सदस्य को अलग ही महत्व रहा है। राजपरिवार के सदस्य सांसद, विधायक, मुख्यमंत्री आदि उच्च पदों पर कार्यरत है। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ,राजकुमारी दिया कुमारी पहले विधायक थी, अब सांसद बन गई है।जयपुर की राजकुमारी दिया कुमारी ने कहा है कि ताजमहल हमारा महल था। ताकत के जोर पर शाहजहां ने हमारे पुरखों से छीना था। इसके सारे दस्तावेज और मूलपत्र हमारे पास सुरक्षित हैं।दिया कुमारी ने कहा कि ताजमहल के 22 कमरों को खोल दीजिए, सारा रहस्य बाहर आ जाएगा।


आगरा के ताजमहल के स्थान पर जयपुर की तत्कालीन रियासत का महल होने का दावा करने वाली पूर्व राजपरिवार की सदस्य और सांसद दीया कुमारी इस संबंध में केंद्र व उत्तर प्रदेश सरकार को दस्तावेज भेजेंगी। इनमें इस बात का उल्लेख होगा कि जयपुर की तत्कालीन रियासत के महल के स्थान पर शाहजहां ने ताजमहल बनवाया था। जयपुर के सिटी पैलेस में स्थित पोथी खाने से दस्तावेज निकलवाए गए हैं। इनका वकील परीक्षण कर रहे हैं। गौरतलब है कि गत बुधवार को जयपुर स्थित भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में दीया कुमारी ने प्रेसवार्ता कर उक्त दावा किया था।उधर, बीकानेर में राज्य सरकार के अभिलेखागार में ऐसे दस्तावेज भी उपलब्ध हैं, जिनसे प्रमाणित होता है कि जयपुर रियासत के तत्कालीन महाराजा जय सिंह को फरमान जारी कर आमेर, मकराना और राजनगर की खदानों (खान) से संगमरमर भेजने के लिए कहा गया था । नौ सितंबर,1632 में शाहजहां की ओर से जय सिंह को आमेर की नई खान से संगमरमर निकालने के लिए मुलूकशाह को भेजने के लिए कहा गया था। फरमान में पूर्व राजपरिवार को ताजमहल निर्माण के लिए मजदूर और वाहन उपलब्ध करवाने के लिए भी कहा गया था। शाहजहां ने फरमान की अवहेलना नहीं होने के निर्देश भी दिए थे । 21 जून,1637 को लिखे फरमान में शाहजहां ने जय सिंह को निर्देश दिए थे कि आमेर और राजनगर में पत्थर काटने वालों को बिल्कुल ही नहीं रोका जाए। जानकारी के अनुसार, ताजमहल को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच राजस्थान सरकर में पुरातत्व विभाग के अधिकारी भी दस्तावेज खंगालने में जुट गए हैैं।

जयपुर की राजकुमारी का ये था दावा कि ताजमहल का बंद तहखाना खुलवाने के मामले में बुधवार को दीया कुमारी ने बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि ताजमहल मुगलों की नहीं, उनके पुरखों की निशानी है। जिस जगह ताजमहल बना है, वह जमीन राजा जयसिंह की थी। शाहजहां ने यह जमीन उनसे ली थी। उन्होंने इसके दस्तावेज जयपुर सिटी पैलेस के पोथीखाने में होने की बात कही थी। इस पर पलटवार करते हुए प्रिंस तूसी ने गुरुवार को वीडियो जारी किए। इसमें तूसी कह रहे हैं कि राजकुमारी का बयान बेबुनियाद है। उनके पास कोई दस्तावेज नहीं है। वह राजपूत घराने व मुगलों को बदनाम कराना बंद करें। वह अपनी बात को साबित कर दिखाएं।