बिजलीकर्मी क्यों कर रहे हड़ताल…? 

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बिजलीकर्मी क्यों कर रहे हड़ताल...? 
बिजलीकर्मी क्यों कर रहे हड़ताल...? 

बिजलीकर्मी क्यों कर रहे हड़ताल…? 

लखनऊ- विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के मुताबिक, 3 दिसम्बर 2022 को योगी सरकार और बिजलीकर्मियों के बीच एक समझौता हुआ था. जिसमें कई बिन्दुओं पर सहमति बनी थी. इनमें ऊर्जा निगमों के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक का चयन समिति द्वारा किया जाना, तीन प्रमोशन पदों के समयबद्ध वेतनमान का आदेश किया जाना, बिजली कर्मियों के लिए पावर सेक्टर इम्प्लॉईज प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाना, विद्युत उपकेन्द्रों के परिचालन और अनुरक्षण की आउटसोर्सिंग को बंद करना समेत अन्य कई बिंदु शामिल थे. 

समझौते में अमल ना होने से शुरू हुआ विरोध 


सरकार की तरफ से ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने समझौते के बिंदुओं को लागू करने के लिये 15 दिन का समय मांगा था. अब तीन महीने से ज्यादा समय हो गया है, लेकिन समझौते पर कोई अमल नहीं किया गया. समिति के मुताबिक, सरकार ने समझौते में आश्वासन दिया था कि बिजली कंपनियों के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक का चयन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित एक समिति के जरिए ही किया जाएगा. लेकिन इस व्यवस्था को बंद करते हुए अब इन पदों पर स्थानांतरण के आधार पर तैनाती की जा रही है. जो बिजलीकर्मियों के हड़ताल करने का एक बड़ा मुद्दा है. यूपी के बिजलीकर्मियों की हड़ताल के समर्थन में नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रीसिटी इम्प्लॉइज एण्ड इंजीनियर्स (NCCOEEE) उतरा. NCCOEEE के आह्वान पर देश भर के करीब 27 लाख बिजलीकर्मियों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। .

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विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के मुताबिक, 3 दिसम्बर 2022 को योगी सरकार और बिजलीकर्मियों के बीच एक समझौता हुआ था. जिसमें कई बिन्दुओं पर सहमति बनी थी. इनमें ऊर्जा निगमों के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक का चयन समिति द्वारा किया जाना, तीन प्रमोशन पदों के समयबद्ध वेतनमान का आदेश किया जाना, बिजली कर्मियों के लिए पावर सेक्टर इम्प्लॉईज प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाना, विद्युत उपकेन्द्रों के परिचालन और अनुरक्षण की आउटसोर्सिंग को बंद करना समेत अन्य कई बिंदु शामिल थे. बिजलीकर्मी क्यों कर रहे हड़ताल…?