योगी सरकार बाढ़ से निपटने में फेल-विकास श्रीवास्तव

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उत्तर प्रदेश में नदियां उफान पर, रोज बढ़ते कटान से लगातार  प्रदेश के तमाम प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों में भय का माहौल।
बाढ़ प्रभावित समस्त जनपदों में ग्रामीणों का पलायन जारी- योगी सरकार के बाढ़ से निपटने के दावे फेल।

लखनऊ। कांग्रेस प्रवक्ता विकास श्रीवास्तव ने अवध की शारदा, घाघरा, राप्ती और सरयू समेत कई नदियों के बढ़ते जल स्तर पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश की तमाम नदियों में जल स्तर लगातार बढ़ रहा है, इसके साथ ही प्रदेश के कई जिलों में नदी के किनारे गुजर-बसर करने वाले डरे-सहमे ग्रामीण अब पलायन को मजबूर हैं। सभी जनपदों में नदियों के निकटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति भयावह हो चुकी है जिससे किसानों की कई एकड़ खेती बर्बाद हो चुकी है। हालात ये है कि गांव के लोगों के घरों तक पानी पहुंच गया है। ग्रमीणों को अब नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। रोजमर्रा की जरूरत और खाने-पीने की दिक्कत से प्रदेशवासी बेहाल परेशान हैं। उत्तर प्रदेश के लगभग 7 नदियों से सम्बन्धित बांधों में कटान जारी है।


श्री श्रीवास्तव ने बताया कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने अपने जिला नेतृत्व से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर प्रदेश की प्रमुख नदियों में आने वाली बाढ़ और उसकी भयावहता और उनसे होने वाली तबाही को लेकर चिंतित है। प्राप्त रिपोर्ट को देखते हुए कंाग्रेस पार्टी प्रदेश सरकार से मांग करती है कि सरकार तत्काल प्रभाव से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए  विशेष पैकेज जारी करें, ताकि प्रभावित प्रदेशवासियों को इस कोरोना महामारी के बाद अब बाढ़ त्रासदी की चौतरफा मार न झेलना पड़े।


प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता विकास श्रीवास्तव ने बताया कि महराजगंज, लखीमपुर, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, देवरिया, बस्ती, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर, गोरयखपुर, गोण्डा, संतकबीर नगर, बलिया, सीतापुर, मऊ, बाराबंकी आदि जनपदों में बाढ़ के हालात बहुत ही भयानक है, लोग पलायन करने को मजबूर हैं। इसके साथ ही तमाम सारे क्षेत्रों में तटबन्धों की मरम्मत के नाम पर करोड़ों रूपया खर्च करने के बाद भी आज स्थिति इस कदर बदतर हो चुकी है कि हलकी बरसात से ही तटबन्धों में कटान जारी था। ग्रामीणों की शिकायतों के बावजूद मरम्मत और विकास के कार्य कागजों में ही सिमट कर रह गया, तटवर्ती गांवों में आज बाढ़ से निपटने के सारे प्रशासनिक बन्दोबस्त की कलई खुल गयी है। प्रदेश के तमाम जनपदों में लगातार बांधों में कटान जारी रहा। विभागीय लापरवाही और समय रहते ठोस कदम न उठाये जाने के कारण आज प्रदेशभर में करोड़ों एकड़ खेती समेत गांव जलमग्न हैं। बाढ़ को लेकर आपदा प्रबन्धन और जिलाधिकारियों के स्तर पर जो बड़े-बड़े दावे किये जा रहे थे, वह अब नाकाफी साबित हो चुके हैं।


विकास श्रीवास्तव ने प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ जी पर अपने वादों पर खरा न उतरने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे मुख्यमंत्री राजधर्म का पालन करें, किये हुए वादों के मुताबिक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के बेहतर जीवन यापन और सुरक्षा को लेकर जो चुनावी वादे किये थे और सरकारी कार्यक्रम और ठोस कार्यनीति अपनाने की बात की थी। वह पिछले साढ़े चार साल में धरातल पर शून्य दिख रही है। बाढ़ आते ही पूरे प्रदेश में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति ज्यों की त्यों दिख रही है और प्रदेश के बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों को आज भी बाढ़ की त्रासदी की मार झेलनी पड़ रही है।