मेडिकल कॉलेज में जनता कहीं इलाज से परेशान तो कहीं वहां की व्यवस्था से परेशान…
रात में ही हो चुकी मरीज़ की मौत,अभी तक बॉडी नही मिल पाई परिजनों को,पहले डॉक्टर के नियम,फिर पोस्टमार्टम के लिए नियम,मरीज़ और तीमारदारों के लिए सिर्फ नियम.
गाजर- मूली से ज़्यादा मूल्य नही है यहां मरीज़ और तीमारदारो का,जैसे चाहो घुमाते रहो,जब तक चौकी इंचार्ज नही आएंगे,तब तक नही होगी कोई कार्यवाही.
मेडिकल कॉलेज में चौकी इंचार्ज रमापति सिंह के न होने पर चौकी में नही होता कोई काम,दरोगा शाह आलम अपनी ड्यूटी कोरोना स्क्रीनिंग की बता कर झाड़ लेते हैं पल्ला.
बलबीर दीवान और रविंदर दीवान हैं कोरोना संक्रमित, स्टाफ की कमी से चौकी लगभग खाली.पुलिस प्रशासन को देना चाहिये ध्यान,मेडिकल कॉलेज जैसे संवेदनशील जगह पर होनी चाहिए त्वरित व्यवस्था.
कम से कम बॉडी देने के लिए तो नही किया जाना चाहिए किसी दुखी परिवार का शोषण.