शहरों को हरियाली से भरेंः विचार मंच

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श्याम कुमार, वरिष्ठ पत्रकार

लखनऊ। स्वर्गीय चन्द्रभानु गुप्त द्वारा स्थापित बुद्धिजीवियों की पुरानी एवं प्रतिष्ठित संस्था ‘विचार मंच’ द्वारा ‘ऑक्सीजन हेतु वृक्षारोपण’ विषय पर फोन-संगोष्ठी का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने कहा कि कोरोना महामारी से सभी को समझ में आ गया है कि जीवित रहने के लिए ऑक्सीजन अनिवार्य आवश्यकता है।

ऑक्सीजन की प्राप्ति हेतु सबसे बड़े व सबसे आसान स्रोत वृक्ष हैं। इसलिए इस बार वर्षाकाल में शहरों में वृक्षारोपण पर अधिक जोर दिया जाना चाहिए।


मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ पत्रकार पीबी वर्मा ने कहा कि हमारे यहां सभी शहर बुरी तरह प्रदूषण की गिरफ्त में आ चुके हैं तथा शहरों में ऑक्सीजन की कमी से लोगों के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है।

कोरोना ने ऑक्सीजन का महत्व समझा दिया है, अतः हमें शहरों को प्रदूषणमुक्त करने के लिए युद्धस्तर पर अभियान चलाकर सभी शहरों में इतने पेड़ लगाने चाहिए कि वे शहर हरियाली से परिपूर्ण हो जाएं और प्रदूषण का स्थान ऑक्सीजन ले ले।


संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए ‘समाचार वार्ता’ के सम्पादक श्याम कुमार ने कहा कि वास्तविकता यह है कि शहरों में हरियाली बढ़ने के बजाय घटती जा रही है तथा उसके परिणामस्वरूप प्रदूषण का स्तर निरंतर बढ़ रहा है। इसलिए इस वर्ष वर्षाकाल में शहरों के चप्पे-चप्पे में पेड़ लगाए जाने चाहिए।

सभी शिक्षण-संस्थाओं, सरकारी व गैरसरकारी कार्यालयों आदि के लिए अनिवार्य किया जाना चाहिए कि वे अपने यहां हरसंभव स्थान पर पेड़ लगाएं तथा उनकी रक्षा भी करें। इसकी निगरानी के लिए भाजपा के कार्यकर्ताओं की टीमें बनाई जानी चाहिए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को भी युद्धस्तर पर पौधरोपण-अभियान में लगना चाहिए।


वरिष्ठ पत्रकार राजेश राय, वरिष्ठ मजदूर नेता व विश्लेषक सर्वेश चंद्र द्विवेदी, सुविख्यात अर्थशास्त्री प्रो. अम्बिका प्रसाद तिवारी, विश्लेषक सूर्यभानु सिंह गौतम व महर्षि इंद्रप्रकाश एवं समाजसेवी सुशीला मिश्र ने कहा कि हमारी नौकरशाही फर्जी काम करने में बहुत माहिर है, इसीलिए लाख ढिंढोरा पीटा जाय, वास्तविकता यह है कि अधिकतर पेड़ कागजों पर लगते हैं तथा जो लगाए भी जाते हैं, उनमें ज्यादातर जीवित नहीं रहते हैं।


वरिष्ठ पत्रकार राजीव अहूजा व शेखर पंडित तथा विश्लेषक हरिप्रकार ‘हरि’ ने कहा कि विगत सत्तर सालों में हर साल जितनी संख्या में पेड़ लगाए जाने की घोषणा होती रही है, उसके अनुसार तो अब कहीं एक इंच भी जमीन ऐसी नहीं बची है, जहां पेड़ लगाए जा सकें।


डाॅ. अजयदत्त पांडेय, कमलेश कुमार पांडेय, कुमार अशोक, डाॅ. ओमप्रकाश शर्मा आदि राजनीतिक विश्लेषकों तथा युवानेता गोपाल कौशल व अली मेंहदी रिजवी ने कहा कि भ्रष्टाचार के कारण पेड़ लगाने का अभियान नौकरशाही का जेब भरने का अभियान बनकर रह गया है।


समाजसेवी सैयद अख्तर अली, रुकैया परवीन एवं आनंद महाराज ने कहा कि पौधरोपण के अभियान में नागरिकों को भी भागीदार होना चाहिए। उन्हें अपने घरों में क्यारियां बनाकर एवं गमलों में पेड़ लगाकर घरों को हरियाली से भर देना चाहिए। इससे उनके घरों में पर्याप्त ऑक्सीजन उपलब्ध हो जाएगी। अन्य वक्ताओं ने भी विचार व्यक्त किए।