गांधी जी के महान विचार

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भारत की आजादी में अहम भूमिका निभाने वाले महात्मा गांधी की आज 151वीं जयंती है। उनके प्रयासों ने भारत को आजादी के साथ जीना सिखाया। भारत के लिए उनका योगदान हमेशा अविस्मरणीय रहेगा। गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था, लेकिन दुनिया उन्हें महात्मा गांधी के नाम से जानती है। महात्मा बनने के लिए गांधी ने ताउम्र संघर्ष किया। आज पूरी दुनिया उन्हें और उनके द्वारा किए गए कामों को याद करती है।

खुद वो बदलाव बनिए जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं।आपको मानवता में विश्वास नहीं खोना चाहिए। मानवता सागर के समान है, यदि सागर की कुछ बूंदें गंदी हैं, तो पूरा सागर गंदा नहीं हो जाता।पाप से घृणा करो, पापी से प्रेम करो।स्वयं को जानने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है, स्वयं को औरों की सेवा में लगा देना।प्रेम की शक्ति दंड की शक्ति से हजार गुनी प्रभावशाली और स्थायी होती है।
व्यक्ति अपने विचारों से निर्मित प्राणी है, वह जो सोचता है वही बन जाता हैं।

  • – महात्मा गांधी सत्य को ईश्वर मानते थे। उन्होंने आजीवन सत्य के मार्ग को चुना। उन्होंने अपनी आत्मकथा को भी सत्य का प्रयोग कहा। वह कहते थे कि सत्य ही ईश्वर है।
  • – गांधी त्याग को बड़ा मानते थे। वह कहते थे कि त्याग करने से मानव हल्का होता है, वहीं बाकी चीजें मन पर बोझ बढ़ाती हैं। वह कहते थे कि उन्हें एहसास हो गया है कि उन्हें मानव जीवन की सेवा करनी है ।
  • – महात्मा गांधी ब्रह्मचर्य को बहुत महत्व देते थे। वह कहते थे कि यही चरित्र का आधार है। इसका पालन करने से मानव को कोई रोग नहीं होता और वह लंबे समय तक जीता है। वह मानते थे कि वीर्य का ऊर्ध्वगमन करने से काफी शक्ति आती है, इसकी एक बूंद से मानव जीवन का निर्माण होता है।
  • – महात्मा गांधी अहिंसा को वीरता की पहचान मानते थे। उनका मानना था कि हथियारों से केवल दुनिया जीती जा सकती है लेकिन मनोवृत्तियों पर विजय पाना मुश्किल है। उनका मानना था कि बदले की भावना को छोड़कर हक के लिए लड़ना वीरता है।
  • – गांधी कहते थे कि बिना मेहनत किए रोटी खाना पाप है। इसके लिए मेहनत की जानी चाहिए। वह कहते थे कि दिमागी प्रयासों को जनसेवा में लगाना चाहए और शारीरिक मेहनत अनिवार्य की जानी चाहिए।
  • -गांधी कहते थे कि केवल अंग्रेजों से ही मुक्त नहीं होना है बल्कि हर तरह की पराधीनता से मुक्त होने का संकल्प होना चाहिए। वह कहते थे कि गांवों का पराधीनता से मुक्त होना ही सबसे बड़ा संकल्प है।
  • – गांधी कहते थे कि व्यक्ति को आध्यात्मिक होना चाहिए। ऐसा करने से सभी का उत्थान होता है। एक आदमी का ऊपर उठना, सभी का ऊपर उठना है और एक आदमी का पतन होना, पूरे संसार का पतन है।
  • – गांधी प्रेम को बहुत शक्तिशाली मानते थे। वह मानते थे कि प्रेम से बड़े से बड़े मसले हल हो जाते हैं। वह कहते थे कि प्रेम आत्मा और सत्य का बल है।
  • -गांधी का मानना था कि गोपनीयता पाप है। केवल गंदगी छुपाने काबिल होती है इसलिए हमें गंदे विचारों को दिमाग में जगह नहीं देना चाहिए। गांधीजी खुद आश्रम में खुले में सोते थे।
  • – गांधी कहते थे कि हर व्यक्ति को अपनी जरूरत के हिसाब से धन कमाना चाहिए। परिवार और पुत्रों के लिए संपत्ति छोड़ना उचित नहीं है।

गांधी जी का कहना था, “अहिंसा बहादुर के लिए होती है, कायरों के लिए नहीं।” उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जितने भी आंदोलन किए सभी अहिंसा पर आधारित थे। गांधी जी को पहली बार कवि रविन्द्र नाथ टैगोर ने महात्मा शब्द से संबोधित किया था। 1915 गांधी जी और टैगोर की पहली मुलाकात शांति निकेतन में हुई थी। उन्हें बापू नाम बिहार के चंपारण जिले  के रहने वाले एक किसान से मिला था। जिसका नाम राजकुमार शुक्ल था। उन्हें पहली बार राष्ट्रपति सुभाषचन्द्र बोस ने संबोधित किया था।