बुन्देलखण्ड पेयजल उपलब्ध कराने हेतु 5244 करोड़ रूपये की योजना लागू-डा0 महेन्द्र सिंह

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आज वीडिया कान्फ्रेसिंग के माध्यम से ग्रामीण पेयजल योजना, नमामि गंगे परियोजना, लघु सिंचाई तथा भू-गर्भजल विभाग की योजनाओं की समीक्षा किया,सभी परियोजनाओं को गुणवत्तापूर्ण एवं समयबद्धता के अनुसार पूरा किया जाए। विन्धय क्षेत्र में मिर्जापुर एवं सोनभद्र जनपदों के 3379 राजस्व गांव में पेयजल उपलब्ध कराने हेतु 5244 करोड़ रूपये की योजना लागू की गयी। प्रदेश सरकार द्वारा बुन्देलखण्ड क्षेत्र के सभी बस्तियों में शुद्ध एवं सुरक्षित योजना प्रारम्भ की गयी की गयी ,अटल भूजल योजना में गुणवत्तापूर्ण एवं समय से कार्य पूर्ण कराये जाए,निशुल्क बोरिंग योजना की नियमित समीक्षा की जाए, भू-जल रिचार्जिंग अधिनियम को शत-प्रतिशत लागू किया जाए।


लखनऊ, उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डा0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि सभी परियोजनाआंे को गुणवत्तापूर्ण एवं समयबद्धता के अनुसार पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण पेयजल आपूर्ति के अन्तर्गत जलजीवन मिशन, ग्रामीण पेयजल, तथा बुन्देलखण्ड पैकेज के अन्तर्गत जो कार्य स्वीकृत हुये है उन्हें समय से पूरा किया जाए। जलशक्ति मंत्री आज वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से ग्रामीण पेयजल योजना, नमामि गंगे परियोजना, लघु सिंचाई तथा भू-गर्भजल विभाग की योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा बुन्देलखण्ड क्षेत्र के जनपद झांसी, महोबा, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर, बांदा तथा चित्रकूट के 4613 राजस्व ग्रामांे के ग्रामीण क्षेत्रों के पेयजल से अनाच्छादित सभी बस्तियों में शुद्ध एवं सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने की महत्वाकंाक्षी पयेजल योजना प्रारम्भ की गयी है। इस योजनाआंे की कुल लागत 10,479 करोड़ रूपये है। जिससे 64 लाख की आबादी लाभान्वित होगी।

डा0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि इसी प्रकार विन्धय क्षेत्र में मिर्जापुर एवं सोनभद्र जनपदांे के 3379 राजस्व गांवों में पेयजल उपलब्ध कराने हेतु 5228 करोड़ रूपये की योजना लागू की गयी है। जिससे 40 लाख की आबादी लाभान्वित होगी। उन्होंने कहा कि सभी योजनाओं पर शीघ्र ही कार्य प्रारम्भ कर दिया जाए। जिससे भारत सरकार द्वारा पूर्ण करने की जो तिथि निर्धारित की गयी है उसके अनुरूप उन्हें पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि योजनाओं की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए तथा कही भी लापरवाही न होे। जलशक्ति मंत्री ने नमामि गंगे परियोजना की समीक्षा करते हुए कहा कि मथुरा, रामनगर, वाराणसी, मिर्जापुर, इटावा, कासगंज, फिरोजाबाद, कानपुर तथा प्रयागराज मंे कराये जा रहे कार्याें की प्रगति में तेजी लायी जाए प्रत्येक योजना को निर्धारित समय सीमा के अन्तर्गत पूरा किया जाए। समय सीमा को न बढ़ाया जाए तथा सीवेज के कार्याें को समय से पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक एस0टी0पी0 पर कैमरा लगाया जाए जिससे मुख्यालय से भी उनका पर्यवेक्षण किया जा सके। उन्होंने कहा कि एस0टी0पी0 की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए तथा जहां पर भी कार्य चल रहे है वहां पर भी 04 कैमरे लगाये जाए। नालों की मॉनिटरिंग किया जाए तथा एस0टी0पी0 नियमित चल रही है कि नहीं उसकी भी समीक्षा की जाए।

उन्होंने कहा कि थर्ड पार्टी चैकिंग की जांच की जाए तथा विलम्ब के कारणों की समीक्षा की जाए। जलशक्ति मंत्री ने लघु सिंचाई विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि तालाब एवं चैकडैमों की नियमित जांच कराये। तालाब एवं चैकडैम जहां आवश्यक हो वहां का प्रस्ताव भेजे। जनप्रतिनिधियों से प्राप्त प्रस्तावों को भी भेजा जाए। सभी तालाबांे एवं चैकडैमों की जियोंटैगिंग करायी जाए तथा चैकडैमों एवं तालाबों पर कैमरे भी लगाये जाए तथा अधिक से अधिक कार्य मनरेगा के अन्तर्गत कराया जाए। उन्होंने कहा कि निशुल्क बोरिंग योजना की शिकायते नहीं आनी चाहिए। किसानों को कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए। जलशक्ति मंत्री ने भू-गर्भ जल विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि अटल भू-जल योजना में 10 जनपद चयनित हैं इस योजना में अच्छा कार्य होना चाहिए। जिससे देश में उत्तर प्रदेश को प्रथम स्थान प्राप्त हो सकें। उन्होंने कहा कि भू-जल रिचार्जिंग अधिनियम को शत-प्रतिशत लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि पीजोमीटर सही लगना चाहिए। इसकी नियमित समीक्षा करे। उन्होंने कहा कि इजराइल के साथ जो एम0ओ0यू0 हुआ है उस पर शीघ्र कार्य प्रारम्भ कर दिया जाए। इस अवसर पर प्रमुख सचिव नमामि गंगे, पेयजल योजना, लघु सिंचाई तथा भू-गर्भ जल विभाग, अनुराग श्रीवास्तव प्रबन्ध निदेशक जल निगम विकास गोठलवाल, विशेष सचिव नमामि गंगे शत्रुध्न सिंह तथा अधिशासी निदेशक जल परियोजना सुरेन्द्र राम सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।