श्रद्धालुओं से गुलजार रहा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर

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वर्ष 2023 के पहले दिन श्रद्धालुओं से गुलजार रहा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर। साढ़े पांच लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किया दर्शन पूजन। पुराणों के अनुसार पहले यह भगवान विष्णु की पुरी थी, जहां श्रीहरि के आनंदाश्रु गिरे थे, वहां बिंदु सरोवर बन गया और प्रभु यहां ‘बिंधुमाधव’ के नाम से प्रतिष्ठित हुए। महादेव को काशी इतनी अच्छी लगी कि उन्होंने इस पावन पुरी को विष्णुजी से अपने नित्य आवास के लिए मांग लिया। तब से काशी उनका निवास स्थान बन गई।

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वाराणसी। नए साल के पहले दिन बाबा के दरबार में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। बाबा की एक झलक पाने के लिए भोर से ही श्रद्धालुओं का आवागमन शुरू हो गया था। मंगला आरती के पश्चात जैसे ही बाबा का पट आम दर्शनार्थियों के लिए खुला वैसे ही हर हर महादेव और ओम नमः शिवाय के जयकारे से पूरा काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर गूंज उठा। श्रद्धालुओं ने वर्ष के पहले दिन बाबा का जलाभिषेक कर पूरे साल सुखमय जीवन की मंगल कामना की।

काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित सबसे प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों में से एक है। यह वाराणसी, उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित है। यह मंदिर पवित्र नदी गंगा के पश्चिमी तट पर स्थित है, और बारह ज्योतिर्लिंगस में से एक है, जो शिवमेटल के सबसे पवित्र हैं। मुख्य देवता विश्वनाथ या विश्वेश्वर नाम से जाना जाता है जिसका अर्थ है ब्रह्मांड के शासक है। वाराणसी शहर को काशी भी कहा जाता है। इसलिए मंदिर को काशी विश्वनाथ मंदिर कहा जाता है।

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि श्रद्धालुओं के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थी, जैसे ही दर्शनार्थियों के लिए बाबा का पट खोला गया वैसे ही लंबी कतार लग गई। मंगला आरती के पश्चात रात्रि तक करीब साढ़े पांच लाख से अधिक दर्शनार्थियों ने बाबा के दर्शन पूजन किए। उन्होंने बताया कि दर्शनार्थियों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो इसके लिए हर एक सुविधा मंदिर में उपलब्ध कराई गई थी। वॉलिंटियर्स भी लगाए गए थे ताकि किसी भी श्रद्धालुओं को परेशानी ना हो।

श्रद्धालुओं की व्यवस्था देखने के लिए वाराणसी के मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा भी मंदिर पहुंचे उन्होंने दर्शनार्थियों से मंदिर की ओर से की गई सुविधाओं का हालचाल जाना मंदिर की ओर से की गई व्यवस्थाओं पर उन्होंने प्रसन्नता जाहिर की उन्होंने कहा कि आगे और भी दर्शनार्थियों के लिए सुविधाओं को बढ़ाया जाए।

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