स्वामित्व योजना में प्रदेश का अग्रणी स्थान

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स्वामित्व योजना में प्रदेश का अग्रणी स्थान,31 मई, 2022 तक निर्विवाद वरासत के 33,28,255 आवेदन प्राप्त, सभी निस्तारित।मुख्य सचिव ने खसरा एवं सजरा के डिजिटाइजेशन, खतौनी, वरासत व घरौनी पर की गई कार्यवाही की समीक्षा की।

लखनऊ। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने प्रदेश में खसरा एवं सजरा के डिजिटाइजेशन, खतौनी, वरासत व घरौनी पर की गई कार्यवाही की समीक्षा की। उन्होंने राजस्व विभाग के कार्यों को पूरी तरह से डिजिटाइज्ड करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि समयबद्ध एवं चरणबद्ध तरीके से उक्त कार्यों को डिजिटाइज्ड किया जाये।राजस्व विभाग के कार्यों की डिजिटाइजेशन की प्रगति की जानकारी देते हुए राजस्व विभाग की आयुक्त एवं सचिव मनीषा त्रिघाटिया ने बताया कि स्वामित्व योजना के कार्यों के निष्पादन के अंतर्गत प्रदेश का अग्रणी स्थान है।
 

       उन्होंने बताया कि प्रदेश के 22 जनपदों में ड्रोन सर्वे का कार्य पूरा हो चुका है। 74,657 ग्रामों में अब तक ड्रोन सर्वे का कार्य कर लिया गया है, जिसके सापेक्षा 25,824 ग्रामों की घरौनियां तैयार कर ली गई हैं। इस प्रकार कुल 37,11,294 घरौनियां तैयार कर ली गई हैं, जिनमें से 25 जून, 2022 तक 34,69,879 घरौनियों को वितरित कर दिया गया है। 25 जून, 2022 के पश्चात 2,41,415 नई घरौनियों को तैयार कर लिया गया है।


         इसके अतिरिक्त प्रदेश में 31 मई, 2022 तक निर्विवाद वरासत 33,28,255 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से सभी प्रार्थना पत्रों का निस्तारण कर दिया गया है। अविवादित 28,31,417 प्रार्थना पत्रों में आदेश भी पारित किये गये हैं।बैठक में प्रमुख सचिव राजस्व सुधीर गर्ग सहित सम्बन्धित विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।