आखिर राजभवन में क्यों चुप रहे अशोक गहलोत..?

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संविधान पार्क बनाने से पहले किसानों की भूमि की नीलामी रुकना जरूरी है।राज्यपाल कलराज मिश्र और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहले नीलाम रोक वाले बिल पर स्थिति स्पष्ट करें।आखिर राजभवन में क्यों चुप रहे अशोक गहलोत।

एस0 पी0 मित्तल

26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर जयपुर स्थित राजभवन (राज्यपाल का सरकारी आवास) में संविधान पार्क का शिलान्यास हुआ। यदि राज्यपाल कलराज मिश्र और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच दोस्ताना संबंध नहीं होते तो राजभवन परिसर में संविधान पार्क नहीं बनता। मुख्यमंत्री के निर्देश पर ही जयपुर विकास प्राधिकरण करोड़ों रुपए खर्च कर राजभवन में इस पार्क का निर्माण करवा रहा है। इस तरह का संविधान पार्क देश में पहला है। स्वाभाविक है कि इसका श्रेय कलराज मिश्र को मिलेगा। संविधान पार्क का निर्माण करवाए जाने पर राज्यपाल मिश्र ने मुख्यमंत्री गहलोत का आभार जताया है। शिलान्यास समारोह में राज्यपाल के साथ सीएम गहलोत भी उपस्थित रहे। इस पार्क में विभिन्न कलाकृतियों के माध्यम से संविधान के महत्व के बारे में बताया जाएगा।

कलराज मिश्र राजस्थान के राजभवन में रहकर अपनी हर ख्वाहिश पूरी करें और मुख्यमंत्री गहलोत मिश्र को भरपूर तरीके से अब्लाइज करे, इस पर किसी को एतराज नहीं है। लेकिन संविधान पार्क से पहले राजस्थान में किसानों की कृषि भूमि की नीलामी रुकनी चाहिए। 26 जनवरी को कलराज मिश्र और अशोक गहलोत भले ही एक दूसरे की प्रशंसा कर रहे हो, लेकिन 24 जनवरी को उनके कार्यालय एक-दूसरे को झूठा बता रहे थे। मुख्यमंत्री कार्यालय का कहना रहा कि पिछले दो वर्ष से किसानों की भूमि नीलामी को रोकने वाला बिल राजभवन में लंबित पड़ा है, जबकि राजभवन का कहना रहा कि हमारे पास ऐसा कोई बिल लंबित नहीं है।

सवाल उठता है कि जब दो संवैधानिक संस्थाओं के बीच झूठ-फरेब है,तब संविधान पार्क क्यों बनवाया जा रहा है। जब संस्थाएं संविधान की पवित्र भावनाओं के अनुरूप काम नहीं कर रही है, तब संविधान पार्क से क्या शिक्षा ली जाएगी। सवाल यह भी है कि 26 जनवरी को राजभवन परिसर में कलराज मिश्र और अशोक गहलोत मिले तब क्या किसानों की भूमि की नीलामी पर रोक के बिल को लेकर कोई बात हुई। जब कृषि भूमि की नीलामी से परेशान किसान आत्महत्या कर रहा है, तब राज्यपाल और मुख्यमंत्री मिलकर संविधान पार्क बनवा रहे हैं। अच्छा होता कि संविधान पार्क से पहले कृषि भूमि की नीलामी रुकवाई जाती। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत बार बार देश में तनाव की बात करते है, जबकि उनके प्रदेश में किसानों की भूमि की नीलामी हो रही है, यह हमारे अन्नदाता के परिवार में तनाव नहीं है? सीएम गहलोत बताए कि राजस्थान में कृषि भूमि की नीलामी होती है, तो कौन जिम्मेदार है? इसे राजनीति का दोगला चरित्र ही कहा जाएगा कि दो दिन पहले जो संवैधानिक संस्थाएं एक दूसरे को झूठा बता रही थी, वो ही 26 जनवरी को संविधान पार्क का शिलान्यास करवा रही हैं। धिक्कार है ऐसी राजनीति?

राजभवन में चुप्पी क्यों?


26 जनवरी को जयपुर में कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय में गणतंत्र दिवस के समारोह के दौरान सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि यदि राज्यपाल रोड़ा एक्ट के संशोधन के बिल को मंजूरी दे दे तो कृषि भूमि की नीलामी रुक सकती है। लेकिन इस समारोह के बाद जब सीएम गहलोत संविधान पार्क के शिलान्यास के लिए राजभवन पहुंचे तो बिल पर कोई बात नहीं हुई। सवाल उठता है कि आखिर सीएम गहलोत ने राजभवन में बिल को लेकर चुप्पी क्यों साधी।