लखीमपुर खीरी-किसानों और प्रशासन के बीच समझौता

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एस0पी0 मित्तल

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार को घेरे के लिए कांग्रेस ने पूरी ताकत लगाई।अशोक गहलोत को छोड़ कर कांग्रेस शासित दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री तनावग्रस्त लखीमपुर खीरी जाने को आतुर। हिरासत में लिए जाने के बाद प्रियंका गांधी ने सीतापुर के गेस्ट हाउस में झाडू लगाई।लखनऊ में सपा के कार्यकर्ताओं पर पुलिस जीप जलाने का आरोप। किसानों और प्रशासन के बीच समझौता।जब कानून लागू ही नहीं हो रहा तो किसान आंदोलन क्यों हो रहा है?

3 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में चार किसानों और चार भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या के बाद उपजे तनाव में 4 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस ने पूरी ताकत लगा दी है। राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी रात को तनाव ग्रस्त क्षेत्र में जाना चाहती थीं। लेकिन पुलिस ने प्रियंका को सीतापुर में हिरासत में ले लिया। प्रियंका को हिरासत में लिए जाने के बाद कांग्रेस शासित राज्य पंजाब और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और भूपेश बघेल ने यूपी सरकार से उनका हेलीकॉप्टर उतरने की इजाजत नहीं दी है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के यूपी जाने का अभी कोई कार्यक्रम सामने नहीं आया है। यूपी में अगले वर्ष मार्च में विधानसभा के चुनाव होने हैं, इसलिए लखीमपुर खीरी के प्रकरण में कांग्रेस कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है।

उत्तर प्रदेश में प्रमुख विपक्षी समाजवादी पार्टी भी इस प्रकरण में कूद पड़ी है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव 4 सितंबर को सुबह बजे अपने घर से लखीमपुर के लिए रवाना हुए थे, तभी पुलिस ने हिरासत में ले लिया। आरोप है कि गुस्साए कार्यकर्ताओं ने थाना गौतम की पुलिस जीप में आग लगा दी। यह आग तब लगाई गई, जब अखिलेश अपने घर के बाहर धरने पर बैठे थे। पुलिस जीप अखिलेश यादव की सुरक्षा के लिए ही खड़ी थी। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह भी लखीमपुर खीरी जाने को उतावले हैं। वहीं भाजपा नेताओं का कहना है कि कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के नेता पॉलिटिकल टूरिज्म पर है। ऐसे नेता शांति के बजाए दंगा भड़काना चाहते हैं। सरकार का प्रयास है कि की लखीमपुर खीरी में शांति कायम हो। नेताओं की उपस्थिति से माहौल और बिगड़ेगा।

आठ जनों की मौत-

3 अक्टूबर को जब लखीमपुर खीरी में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा की ओर से एक किसान गोष्ठी हो रही थी, तब चार किलोमीटर पहले किसानों ने धरना शुरू कर दिया। जब भाजपा के कार्यकर्ता धरना स्थल से गुजर रहे थे, तब किसानों के साथ झड़प हो गई। झड़प के दौरान ही एक वाहन गिरने से चार किसान दब गए। इस घटनाएं से गुस्साए किसानों ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला बोल दिया। इसमें भाजपा के चार कार्यकर्ताओं की मौत हो गई। आठ जनों की मौत के बाद ही लखीमपुर खीरी का माहौल तनाव ग्रस्त हो गया है। केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा ने कहा है कि किसानों के बीच छिपे उपद्रवियों ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला किया। यदि मौके पर मेरा बेटा आशीष भी होता तो उपद्रवी उसे भी मार देते। मिश्रा ने कहा कि वे इस घटना की जांच में सहयोग करने को तैयार है।

आंदोलन क्यों…?

देश में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर चार अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने भी सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान लखीमपुर खीरी का मामला भी उठा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तीन कृषि कानून लागू ही नहीं हुए हैं तो फिर किसान आंदोलन क्यों हो रहा है? कृषि कानूनों का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, कोर्ट ने कहा कि आंदोलन की वजह से जगह जगह जो जाम लग रहा है, उससे लाखों लोगों को भारी परेशानी हो रही है।

किसानों और प्रशासन में समझौता-

प्राप्त जानकारी के अनुसार लखीमपुर खीरी के प्रकरण में अब प्रशासन और किसानों के बीच समझौता हो गया है। यह समझौता किसान नेता राकेश टिकैत और एडीजी प्रशांत कुमार के बीच हुआ। राकेश टिकैत ने बताया कि सभी मृतकों के परिजन को 45-45 लाख रुपए की सहायता मिलेगी तथा परिवार के एक सदस्य को योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी मिलेगी। घायलों को 10 लाख रुपए की सहायता दी जाएगी। इसके अलावा उच्च स्तरीय जांच में जो दोषी होगा उसे सख्त सजा दिलाई जाएगी।