बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ’ योजना से आधी आबादी के प्रति दृष्टिकोण बदला

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मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना गांव-गरीब की बेटियों के भरोसे का बहुत बड़ा माध्यम बन रही । महिला सशक्तीकरण के इन प्रयासों से उत्तर प्रदेश की महिलाओं का जीवन बदलना प्रारम्भ हो गया । डबल इंजन की सरकार ने उ0प्र0 कीे महिलाओं कोजो सुरक्षा व सम्मान दिया, गरिमा बढ़ायी, वह अभूतपूर्व डबल इंजन की सरकार बिना किसी भेदभाव के बेटियों केभविष्य को सशक्त करने के लिए निरन्तर काम कर रही । आज उ0प्र0 में सुरक्षा, अधिकार, सम्भावनाएं, व्यापार सब हैं । माताओं, बहनों, बेटियों का जीवन पीढ़ियों को प्रभावित और निर्माण करने वाला,एक बेटी की शिक्षा, सामथ्र्य तथा कौशल परिवार, समाज व राष्ट्र की दिशा तय करता है । ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना के माध्यम से देश की चेतना को जगाने का प्रयास, इससे अनेक राज्यों में बेटियों की संख्या में बहुत वृद्धि हुई । स्वयं सहायता समूह असल में राष्ट्र सहायता समूह, राष्ट्रीय आजीविकामिशन के तहत वर्ष 2014 से पहले के 05 वर्ष में जितनी मदददी गयी, बीते 07 वर्षाें में उसमें 13 गुना बढ़ोत्तरी । पहले स्वयं सहायता समूहों को बिना गारण्टी के 10 लाख रु0का ऋण, अब इसका दोगुना 20 लाख रु0 दिया जा रहा ।


राज्य सरकार प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप नारी गरिमा सुनिश्चित करते हुए महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान व स्वावलम्बन के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही। प्रधानमंत्री ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना के माध्यम से आधी आबादी के प्रति दृष्टिकोण बदलने का जो कार्य किया है, उसके परिणाम हम सबके सामने देश की आधी आबादी जिस हक को पाने के लिए आजादी के बाद से तत्पर थी, वह अधिकार व सम्मान अब उसे मिल रहा । केन्द्र सरकार की योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने,भ्रूण हत्या रोकने के लिए मुखबिर योजना, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना ने महिला व पुरुष अनुपात को बेहतर करने में काफी मदद की ।कार्यक्रम के दौरान महिला सशक्तीकरण से सम्बन्धित योजनाओं पर आधारित एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित ।


प्रयागराज। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि माताओं, बहनों, बेटियों का जीवन पीढ़ियों को प्रभावित और निर्माण करने वाला होता है। एक बेटी की शिक्षा, सामथ्र्य तथा कौशल परिवार, समाज व राष्ट्र की दिशा तय करता है। इसलिए वर्ष 2014 में जब उन्होंने मां भारती के बड़े सपनों, बड़ी आकांक्षाओं को साकार करने का बीड़ा उठाया, तो सबसे पहले देश की बेटी को नया विश्वास देने, उन्हें सशक्त करने का प्रयास प्रारम्भ किया। इसके लिए बेटी के जन्म से लेकर महिला के जीवन चक्र की हर अवस्था के लिए योजनाएं बनायीं, अभियान चलाये। बेटियां कोख में ही न मर जाएं, उन्हें बचाने के लिए ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना के माध्यम से देश की चेतना को जगाने का प्रयास किया। इससे अनेक राज्यों में बेटियों की संख्या में बहुत वृद्धि हुई।प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रसव के बाद मां बच्चे की शुरुआती देखरेख के साथ अपना काम जारी रख सकें, इसके लिए महिलाओं की छुट्टी को 06 महीने किया गया है। गर्भावस्था में गरीब परिवारों में मातृ स्वास्थ्य, चिन्ता का बहुत बड़ा कारण रहा है। इसके लिए गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण, अस्पताल में प्रसव, गर्भावस्था में पोषण पर विशेष ध्यान दिया। प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना के तहत गर्भावस्था के 5,000 रुपये महिलाओं के खाते में जमा किये जाते हैं, ताकि उनके उचित खान-पान का ध्यान रखा जा सके। अभी तक 02 करोड़ से अधिक बहनों को 10 हजार करोड़ रुपये प्रदान किये जा चुके हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप नारी गरिमा सुनिश्चित करते हुए महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान व स्वावलम्बन के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री जी ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना के माध्यम से आधी आबादी के प्रति दृष्टिकोण बदलने का जो कार्य किया है, उसके परिणाम हम सबके सामने हैं। प्रधानमंत्री जी ने मातृ वन्दना योजना, मिशन इन्द्रधनुष, स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वामित्व योजना आदि के माध्यम से देश में महिलाओं को अधिकार सम्पन्न बनाया है। प्रदेश सरकार ने भी प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में आधी आबादी के लिए सुरक्षा, सम्मान व स्वावलम्बन सुनिश्चित करने हेतु विभिन्न कार्यक्रम लागू किये हैं। इनमें से कुछ कार्यक्रमों की लाभार्थियों को आज प्रधानमंत्री जी द्वारा लाभान्वित किया गया है। देश की आधी आबादी जिस हक को पाने के लिए आजादी के बाद से तत्पर थी, वह अधिकार व सम्मान अब उसे मिल रहा है। वर्तमान में बैंकिंग काॅरेस्पाॅण्डेंट सखी के माध्यम से बहन और बेटियां गांव-गांव में बुजुर्गाें को गांव में ही बैंकिंग सुविधा उपलब्ध करा रही हैं। बी0सी0 सखी द्वारा प्रधानमंत्री जी के जनधन खाते के माध्यम से प्रत्येक व्यक्ति तक बैंकिंग सुविधाएं पहुंचाने के सपने को साकार किया जा रहा है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल विकास एवं पुष्टाहार के अन्तर्गत महिलाओं और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण पोषाहार प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री जी द्वारा 202 टेक होम राशन संयंत्रों का शिलान्यास किया गया है। इन संयंत्रों की स्थापना से पोषाहार में होने वाली विसंगतियां और शिकायतें दूर होंगी। वर्ष 2017 में वर्तमान राज्य सरकार द्वारा कार्यभार ग्रहण किये जाने के बाद प्रधानमंत्री जी ने प्रदेश के कुछ जनपदों में महिला पुरुष अनुपात में विसंगति दूर करने के लिए केन्द्र सरकार की योजनाओं को पूरी तत्परता के साथ लागू करने के लिए कहा था। लिंगानुपात की विसंगति दूर करने के लिए राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार की योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने के साथ ही भ्रूण हत्या रोकने के लिए मुखबिर योजना संचालित की। इसके साथ ही मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना भी लागू की गयी। इस योजना के अन्तर्गत बेटी के जन्म के साथ ही स्नातक तक की पढ़ाई के दौरान विभिन्न चरणों में 15 हजार रुपये की धनराशि प्रदान किये जाने का प्राविधान किया गया। महिला व पुरुष अनुपात को बेहतर करने में इन योजनाओं ने काफी मदद की।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि शास्त्रों में कहा गया है कि जहां नारी का आदर होता है, वहां देवता वास करते हैं। केन्द्र व प्रदेश की डबल इंजन सरकार ने मातृ शक्ति के सम्मान को बढ़ाया है।इस अवसर पर केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया सिंह पटेल, प्रदेश सरकार में जल शक्ति मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह, ग्राम्य विकास मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह (मोती सिंह), एम0एस0एम0ई0 मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, नागरिक उड्डयन मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’, महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाती सिंह, माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री गुलाब देवी, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री नीलिमा कटियार सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।