बीजेपी कार्यकर्ताओ पर दर्ज मुकदमे होंगे वापस

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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले संगठन और कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने के लिए बीजेपी आलाकमान लगातार सक्रिय बना हुआ है.राजनीतिक नियुक्तियों और संगठन के खाली पदों को भरने के बाद अब योगी सरकार ने फैसला लिया है कि बीजेपी कार्यकर्ताओं पर दर्ज सभी फर्जी आपराधिक मुक़दमे वापस लिए जाएंगे. उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा शासन के दौरान कार्यकर्ताओं के खिलाफ बड़ी संख्या में मुक़दमे दर्ज किए गए थे जिन्हें अब वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

भारतीय जनता पार्टी 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं और कार्यकर्ताओं की नाराजगी को दूर करने की पूरी कोशिशों में लगी हुई है.बीजेपी ने अपने कार्यकर्ताओं का दिल जीतने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. जिसके तहत समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के शासन काल में बीजेपी कार्यकर्ताओं पर दर्ज मुकदमे वापस लेने का फैसला किया है. इस फैसले के तहत दोनों सरकारों में दर्ज 5000 से अधिक मुकदमों को वापस लिया जाएगा।

बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष, योगी आदित्यनाथ और प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह की मौजूदगी में हाल ही में हुई पार्टी कोर कमेटी की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगाईं गई है. फैसले के तुरंत बाद ही इस फैसले पर अमल भी शुरू हो गया है. पार्टी का मानना है कि मायावती और अखिलेश सरकार के दौरान धरना प्रदर्शन और आंदोलनो में बीजेपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ राजनीतिक और फर्जी आपराधिक मुकदमे दर्ज कराए गए थे. अब इन्हें वापस लेने का वक़्त आ गया है. मिली जानकारी के मुताबिक मुक़दमे वापस लेने की प्रक्रिया जुलाई से शुरू हो जाएगी.

5000 मुकदमे पहले ही वापस लिए जा चुके हैं-

योगी सरकार बनने के बाद से ही अब तक लगभग पांच हजार से से ज्यादा मुकदमे वापस लिए गए हैं जिनमे सीएम डिप्टी सीएम और मंत्रियों के खिलाफ दर्ज मुकदमे भी शामिल है और अब जुलाई तक बाकी बचे मुकदमो को वापस लेने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी. बीजेपी बूथ मैनेजमेंट पर खासा जोर देती रही है और अगर बूथ स्तर पर कार्यकर्ता निराश रहेगा तो चुनाव में मनमाफिक सफलता हासिल कर पाना मुश्किल होगा. पंचायत चुनाव में कई जिलों में खराब प्रदर्शन में इसके संकेत भी पार्टी को मिल गए है. इसलिए आलाकमान को लगता है कि कार्यकर्ताओ की नाराजगी दूर करना बहुत जरूरी है.

हाल ही में हुई सांगठनिक बैठकों में पार्टी में असन्तोष थामने नेताओ और कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने पर चर्चा हुई है. जिसके चलते बीजेपी संगठन में खाली पड़े पदों को भरने की कवायद शुरू हुई. आयोग बोर्ड और निगमो में खाली पदों पर कार्यकर्ताओं को नियुक्त करने का सिलसिला भी शुरू हो गया है. अब कार्यकर्ताओ के खिलाफ दर्ज मुकदमो की वापसी प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है. एसपी बीएसपी राज में सरकार की नीतियों के खिलाफ हुए तहसील और थाना स्तर पर आंदोलन, मुजफ्फरनगर दंगे और कैराना पलायन आंदोलन के दौरान बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ सैकड़ो मुकदमे दर्ज किए गए थे.

बीती सरकारों के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, गन्ना मंत्री सुरेश राणा, श्रण कल्याण परिषद के अध्यक्ष सुनील भराला पर भी मुकदमे दर्ज कराए गए थे. इस मामले में सरकारी स्तर पर की जानकारी में सामने आया है कि अब तक पांच हजार से अधिक मुकदमे वापस लिए गए हैं, और बाकी मुकदमो को वापस लिए जाने के लिए होम और और ला डिपार्टमेंट विभाग की तरफ से कार्रवाई की जा रही है.