महिला सशक्तिकरण का जश्न

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महिला सशक्तिकरण का जश्न

डब्ल्यू-20 शिखर सम्मेलन: नेतृत्व और प्रबंधन भूमिकाओं में महिलाओं का लाक्षणिक सीमा को तोड़ना।महिला सशक्तिकरण की ताकत का जश्न। महिला सशक्तिकरण का जश्न

दिल्ली। तमिलनाडु के महाबलीपुरम में चल रहे महिला 20 शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन 16 जून को ‘कॉल टू एक्शन- ब्रेकिंग द ग्लास सीलिंग’ पर एक दिलचस्प सत्र के साथ शुरुआत हुई। इसके बाद ‘व्यापार और निवेश के माध्यम से आर्थिक सशक्तिकरण’, और ‘एक सक्षम देखभाल अर्थव्यवस्था के लिए सेवाओं और बुनियादी ढांचे में निवेश’ पर विस्तृत सत्र संपन्न हुआ। यह शिखर सम्मेलन ‘महिला सशक्तिकरण की ताकत का जश्न’ विषय पर एक सत्र के साथ समाप्त हुआ।

महिला सशक्तिकरण का जश्न

दिन का पहला सत्र ‘कॉल टू एक्शन- ब्रेकिंग द ग्लास सीलिंग’ विषय पर नेतृत्व और प्रबंधन भूमिकाओं में महिलाओं के लिए लाक्षणिक सीमा को तोड़ने की दिशा में परिणात्मक कदम उठाने के बारे में था। इस सत्र का संचालन प्रोफेसर डॉ. नीता इनामदार, जीन मोनेट चेयर, हेड-मणिपाल सेंटर फॉर यूरोपियन स्टडीज, एमएएचई, भारत द्वारा किया गया। इस सत्र के पैनल में भारती घोष, पूर्व भारतीय पुलिस अधिकारी, पुरस्कार विजेता संयुक्त राष्ट्र अधिकारी और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता; के. रत्नप्रभा, महिला उद्यमी संघों के मंच उबंटु कंसोर्टियम की संस्थापक अध्यक्ष, सेवानिवृत्त आईएएस और कर्नाटक की पूर्व मुख्य सचिव; संजम साही गुप्ता, सितारा शिपिंग के निदेशक, ऑल अबाउट शिपिंग यूके की शिपिंग में शीर्ष 100 महिलाओं की संस्था मैरीटाइमशीईओ के संस्थापक, वर्ल्ड मैरीटाइम यूनिवर्सिटी में कार्यकारी बोर्ड के सदस्य; डॉ. नर्सेम केस्किन अक्से, सहायक प्रोफेसर, समाजशास्त्र विभाग, इब्न हल्दन विश्वविद्यालय, केएडीईएम (कडेम) के कार्यकारी बोर्ड के सदस्य, तुर्किए के डब्ल्यू20 प्रतिनिधिमंडल की प्रमुख, और एड्रियाना कारवाल्हो, जेनरेशन ब्राज़ील की सीईओ और डब्ल्यू20 ब्राज़ील की सह-प्रमुख शामिल हैं।

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सत्र की मुख्य वक्ता श्रीमती वनाथी श्रीनिवासन थी जो अभी विधायक हैं और भारतीय जनता पार्टी की महिला शाखा की राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने नीति-निर्माण और राजनीतिक प्रतिनिधित्व के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने में अपने अनुभव के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने घर के स्वामित्व और घरेलू हिंसा के बीच की कड़ी पर प्रकाश डाला और बताया कि कैसे महिलाओं के नाम पर स्वामित्व होने के कारण घरेलू हिंसा में कमी आई है। उन्होंने एसएचजी (स्वयं सहायता समूह), पीएम मुद्रा योजना और जीईएम पोर्टल जैसी सरकारी पहलों के बारे में जानकारी साझा की जो महिलाओं को बाजार और वित्त तक पहुंच प्रदान करती हैं। के. रत्नप्रभा ने कर्नाटक के उद्योग सचिव और मुख्य सचिव के रूप में अपने संघर्षों के बारे में बताया। उन्होंने नेतृत्व की भूमिकाओं में महिलाओं के उत्थान के महत्व पर जोर दिया। भारती घोष ने विकास की राह में रोड़े के रूप में खड़ी सीमाओं को तोड़ने के अपने संघर्ष के बारे में बातें की जो भावनाओं, जुनून, करुणा और दृढ़ संकल्प से भरा है।

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“व्यापार और निवेश के माध्यम से आर्थिक सशक्तिकरण” विषय पर दूसरे सत्र में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि कैसे व्यापार और निवेश महिला सशक्तिकरण और लिंग-संवेदनशील व्यापार नीतियों के महत्व में अहम भूमिका निभाते हैं। इस सत्र में महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने में निवेश की भूमिका के बारे में भी बताया गया। इस सत्र का संचालन सुश्री जाह्नबी फूकन ने किया जो निदेशक, जेटीआई ग्रुप, असम की निदेशक हैं। इस सत्र के पैनल में डॉ. शमिका रवि, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य और डब्ल्यू20 2023 शासकीय सूचना मसौदा समिति की प्रमुख; अनूस डेर बोघोसियन, प्रमुख, डब्ल्यूटीओ व्यापार और लिंग कार्यालय, डब्ल्यूटीओ; बंसुरी स्वराज, सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता और डब्ल्यू20 भारतीय प्रतिनिधि; डॉ. स्टेफ़नी ओस्ट्रेच, हार्वर्ड केनेडी स्कूल महिला नेटवर्क के बोर्ड सदस्य और गैलेक्टो के मुख्य व्यवसाय अधिकारी, और डॉ. मरीना के ग्लेज़टोवा, नेशनल रिसर्च यूनिवर्सिटी हायर स्कूल ऑफ इकोनॉक्सि (एचएसई) के वैज्ञानिक निदेशक की सलाहकार और रूस में एचएसई इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रेड पॉलिसी की उप निदेशक शामिल हैं। डॉ. रवि ने बताया कि महिलाओं को वित्तीय और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने से न केवल महिलाओं पर बल्कि पूरे परिवार पर प्रभाव पड़ता है क्योंकि इससे स्कूल की पढ़ाई बीच में ही छोड़ने की दर में कमी आती है, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और परिवार में पोषण संबंधी घटकों में वृद्धि होती है। सुश्री बोगोसियन ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए अंतर-मंत्रालयी सहयोग के महत्व पर जोर दिया। सुश्री स्वराज ने महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा की गई पहलों के बारे में विस्तार से बताया।

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तीसरे सत्र का विषय ‘एक सक्षम देखभाल अर्थव्यवस्था के लिए सेवाओं और बुनियादी ढांचे में निवेश’ था जिसमें इस बात पर केंद्रित था कि कैसे देखभाल के काम का अधिकांश बोझ महिलाओं और लड़कियों के कंधों पर पड़ता है और अर्थव्यवस्थाओं के सुचारू रूप से संचालन के लिए देखभाल का काम कैसे आवश्यक है। इस सत्र का संचालन सुश्री केल्सी हैरिस, अंतरिम उपनिदेशक, पॉलिसी एंड एडवोकेसी, इंटरनेशनल सेंटर फॉर रिसर्च ऑन वीमेन (आईसीआरडब्ल्यू) द्वारा किया गया। उन्होंने एक पेशेवर और औपचारिक देखभाल सेवा क्षेत्र की स्थापना के लिए बेहतर बुनियादी ढांचे की आवश्यकता और वित्त पोषण में बढ़ोतरी किए जाने की ओर इशारा किया। इस सत्र के पैनल में अदिति दास राउत, अपर सचिव, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार; अया मत्सुरा, जेंडर विशेषज्ञ, आईएलओ डिसेंट वर्क टेक्निकल सपोर्ट टीम, साउथ एशिया; एस्थर अचुमी डेनिस, फॉर्मर सर्विस एंड सपोर्ट एडमिनिस्ट्रेटर, समिट काउंटी बोर्ड ऑफ डेवलपमेंटल डिसएबिलिटीज, डिपार्टमेंट ऑफ डेवलपमेंटल डिसएबिलिटीज, ओहायो, यूएसए; मिताली निकोरे, संस्थापक एवं प्रमुख अर्थशास्त्री, निकोर एसोसिएट्स; और चीउ सी एंडरसन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री की मंत्रिमंडल के मातहत ऑस्ट्रेलियाई महिला आर्थिक समानता कार्यबल भी शामिल रहीं। सत्र में अपने संबोधन के दौरान सुश्री राउत ने बताया कि भारत सरकर देखभाल सेवाओं और देखभाल के बुनियादी ढांचे में निवेश करने के लिए कानून, बुनियादी ढांचे के विकास और कई नीतियों के संयोजन के माध्यम से घरेलू कामकाज के साथ-साथ सेवा वितरण की कठिनता को कम करने के लिए कई पहल कर रही है। सुश्री निकोरे ने एक 3 स्तंभीय रूपरेखा साझा की जिसमें छुट्टी नीति, देखभाल कार्य के लिए सब्सिडी और वास्तविक बुनियादी ढांचे का निर्माण शामिल है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी की आवश्यकता होगी। सुश्री डेनिस ने गृहिणी व्यक्तिगत देखभाल में निवेश और महिलाओं द्वारा विकलांगता देखभाल के जरिए कमाई करने से संबंधित ओहियो प्रशासन द्वारा अपनाई जाने वाली सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा किया।

महिला सशक्तिकरण का जश्न

दिन का अंतिम सत्र महिला सशक्तिकरण की ताकत का जश्न मनाने के बारे में था। इसमें इस बात पर जोर दिया गया कि महिला सशक्तिकरण महिलाओं की ताकत, लचीलापन और प्रगति का उत्सव है। सत्र की शुरुआत सुश्री भारती घोष के एक भावुक भाषण के साथ हुई। इसके बाद सुश्री गुल्डन तुर्कटन, अध्यक्ष डब्ल्यू20 तुर्की 2015, सुश्री लिंडा लौरा सब्बदिनी, अध्यक्ष डब्ल्यू20 इटली 2021, और सुश्री उली सिलालाही, अध्यक्ष डब्ल्यू20 इंडोनेशिया 2022 ने भी सत्र को संबोधित किया। ब्राजील की सुश्री एड्रियाना कारवाल्हो और दक्षिण अफ्रीका की प्रोफेसर नार्निया बोहलर मुलर ने क्रमशः 2024 और 2025 में डब्ल्यू20 की मेजबानी के लिए अपनी खुशी व्यक्त की। तमिलनाडु सरकार में वित्त और मानव संसाधन प्रबंधन मंत्री थिरु थंगम थेनारासु ने समापन सत्र का मुख्य भाषण दिया। उन्होंने सभी डब्ल्यू20 प्रतिनिधियों का महाबलीपुरम के दर्शनीय शहर में स्वागत किया और तमिलनाडु सरकार की ओर से महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के दृष्टिकोण को अपना समर्थन दिया। उन्होंने लैंगिक-संवेदनशील और लिंग आधारित अलग-अलग डेटा के आधार पर राष्ट्रीय लैंगिक रणनीति पर डब्ल्यू20 विज्ञप्ति के फोकस की सराहना की। इस शिखर सम्मेलन का समापन डॉ. संध्या पुरेचा, अध्यक्ष, डब्ल्यू20 2023 की समापन टिप्पणियों के साथ हुआ। उन्होंने डब्ल्यू20 टीम और सम्मानित प्रतिनिधियों को उनकी उपस्थिति और सार्थक भागीदारी के लिए धन्यवाद दिया। साथ ही कहा कि उनकी भागीदारी से भारत की जी20 प्रेसीडेंसी के तहत प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को पूरा करने में मदद करने में मदद मिली है। महिला सशक्तिकरण का जश्न