उरई के सुनियोजित विकास कि महायोजना तैयार करें-मुख्य सचिव

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मुख्य सचिव के समक्ष उरई महायोजना-2031 का प्रस्तुतीकरण किया गया।

लखनऊ। प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा के समक्ष उरई महायोजना-2031 का प्रस्तुतीकरण किया गया। प्रस्तुतीकरण के पश्चात् अपने संबोधन में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा कि महायोजना तैयार करने की कार्यवाही में ट्रैफिक,ट्रांसपोर्टेशन तथा ड्रेनेज इत्यादि के बिन्दुओं पर अत्यधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। यह भी निर्देशित किया कि नगरीय अवस्थापनाओं एवं उपयोगिताओं को भी महायोजना तैयार किये जाने की कार्यवाही में इंटीग्रेट किया जाये।प्रस्तुतीकरण में प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार ने बताया कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में झांसी नगर के पश्चात् उरई दूसरा सबसे बड़ा नगर है, जिसकी वर्ष 2011 में जनसंख्या 1,90,575 थी तथा जनसंख्या की दशकीय वृद्धि दर 37 प्रतिशत थी। उरई प्रमुखता एक औद्योगिक नगर है, जहां यूपीएसआईडीसी और उद्योग विभाग द्वारा औद्योगिक क्षेत्रों का विकास किया गया है। यहां की प्रमुख औद्योगिक इकाईयां हिन्दुस्तान यूनिलीवर लि0, वेजप्रो, उर्वशी टेक्सटाईल्स आदि हैं। इसके अतिरिक्त खाद्य उत्पादन एवं प्रसंस्करण, धातु एवं कास्ट फर्नीचर, जनरल इंजीनियरिंग/कृषि यंत्र, दाल मिल आदि उद्योग भी कार्यरत हैं।

  उन्होंने बताया कि उरई के सुनियोजित विकास हेतु वर्ष 1986 में नगर पालिका क्षेत्र एवं उसके चारो ओर 17 गांवों को सम्मिलित करते हुए प्रथम महायोजना-1987-2006 लागू की गयी थी। वर्ष 2006 में नगर पालिका क्षेत्र एवं 34 राजस्व ग्रामों को शामिल करते हुए उरई विकास प्राधिकरण का गठन किया गया, जिनके द्वारा नवीन महायोजना-2031 तैयार की गयी है। यह महायोजना 3,50,000 की अनुमानित जनसंख्या हेतु तैयार की गयी है, जिसके अन्तर्गत भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए आवासीय, व्यवसायिक, कार्यालय,औद्योगिक, सामुदायिक सुविधायें, उपयोगितायें एवं सेवायें, पार्क एवं खुले स्थल, यातायात एवं परिवहन तथा अन्य नगरीय उपयोगों के प्रस्ताव दिये गये हैं। इसके अतिरिक्त नगरीय अवस्थापना सुविधाओं यथा-जलापूर्ति, सीवरेज, ड्रेनेज, विद्युत आपूर्ति तथा कूड़ा निस्तारण आदि के लिए प्रस्ताव दिये गये हैं।  उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा अमृत योजनान्तर्गत जी0आई0एस0 बेस्ड महायोजना बनाने हेतु चयनित 59 नगरों में उरई नगर भी सम्मिलित है तथा इस नगर हेतु पूर्व में तैयार की जा रही महायोजना को जी0आई0एस0 में कनवर्जन की कार्यवाही की गयी है।

इसके अतिरिक्त प्रथम बार महायोजना को सजरा मानचित्र पर सुपरइंपोज किया गया है, इससे आम जनता को अपनी भूमि के भू-उपयोग की आॅनलाइन जानकारी उपलब्ध हो सकेगी। चूंकि महायोजना सैटेलाइट की इमेजरी पर आधारित है, अतः इसकी एक्युरेसी भी काफी अच्छी है। नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग एवं उरई विकास प्राधिकरण के संयुक्त प्रयास से तैयार की गई महायोजना-2031 के ड्राफ्ट पर जनता से आपत्ति एवं सुझाव आमंत्रित किये गये तथा प्राप्त आपत्ति एवं सुझाव के निस्तारण के उपरान्त उरई महायोजना-2031 को अन्तिम रूप दिया गया है।  प्रस्तुतीकरण में सचिव आवास अजय चैहान, मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक अनूप श्रीवास्तव, निदेशक आवास बंधु रवि जैन, सलाहकार आवास बंधु एन0आर0वर्मा व आवास विभाग के अन्य अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।