केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में आरक्षित वर्ग का बैकलॉग भरने की मांग

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केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में आरक्षित वर्ग का बैकलॉग भरने की मांग
केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में आरक्षित वर्ग का बैकलॉग भरने की मांग

केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में आरक्षित वर्ग का बैकलॉग भरने की मांग।

लखनऊ। केन्द्रीय आरक्षण नियमावली के अनुसार ओबीसी को 27%,एससी को 15% और एसटी को 7.5% आरक्षण कोटा दिया गया गया.है। देश के 53 केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में आरक्षित वर्ग का एक तिहाई से अधिक प्रोफ़ेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर का कोटा रिक्त है।भारतीय ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ.लौटनराम निषाद ने केन्द्रीय शिक्षामंत्री धर्मेन्द्र प्रधान और ओबीसी पीएम नरेन्द्र मोदी से विशेष भर्ती अभियान चलाकर आरक्षित वर्ग का बैकलॉग भरने की मांग किया है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में सांसद रामनाथ ठाकुर द्वारा पूछे गए तारांकित प्रश्न के जवाब में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के 9 अगस्त 2023 को जो आंकड़े सदन में प्रस्तुत किए, वे खुद ही वस्तुस्थिति बयान करते हैं।धर्मेंद्र प्रधान द्वारा दिए गए जवाब के मुताबिक़, 1 जुलाई 2023 तक केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के शैक्षणिक पदों पर दिए गये कोटानुसार क्रमश: 46%,37% और 44% पद रिक्त हैं।


निषाद ने बताया कि ओबीसी के.लिए 3608 पद स्वीकृत हैं जिसमें 1933 पद भरे हैं और 1665 (46%) पद रिक्त हैं। इसी तरह अनुसूचित जाति के स्वीकृत 2284 पदों में 1347 पद भरे गये हैं और 837(37%) रिक्त है।अनुसूचित जनजाति के 1141 स्वीकृत पदों के सापेक्ष 636 पद भरे हैं और 505(44%) पद रिक्त हैं। निषाद ने बताया कि ऐसे में जब पहले से ही केंद्रीय विश्वविद्यालयों में वंचित वर्गों के लिए स्वीकृत 41.66 फीसदी शैक्षणिक पद रिक्त पड़े हों, ‘गुणवत्ता अंक’ जैसे विभेदकारी प्रावधान का इस्तेमाल वंचना की इस स्थिति को कम करने की बजाय और बढ़ाएगा ही, जो चिंताजनक है। उन्होंने केन्द्रीय सरकार से भारत सरकार के अधीन विभागों,मंत्रालयों में ओबीसी,एससी,एसटी के रिक्त पदों को भरने के लिए विशेष भर्ती अभियान शुरूकरने की मांग किया है। केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में आरक्षित वर्ग का बैकलॉग भरने की मांग