डिंपल की एतिहासिक जीत, नेता जी को सच्ची श्रद्धांजलि-अखिलेश यादव

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मैनपुरी के सभी जनमानस का धन्यवाद डिंपल की एतिहासिक जीत, नेता जी को सच्ची श्रद्धांजलि. शिवपाल के साथ आने पर खुशी जताते हुए अखिलेश बोले रामपुर में प्रशासन ने अन्याय किया.

लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने मैनपुरी उपचुनाव में बड़ी जीत हासिल की है. सपा प्रत्याशी डिंपल यादव को 2,88461 वोटों से रिकॉर्ड जीत हासिल हुई है. डिंपल को 6,18,120 वोट और भाजपा प्रत्याशी रघुराज सिंह शाक्य को 3,29,659 वोट मिले हैं. जसवंतनगर सीट पर डिंपल की सबसे बड़ी बढ़त मिली है. यहां नेताजी को 2019 में 94 हजार से ज्यादा वोट मिले थे.इस जीत के साथ मैनपुरी में 1996 से चला आ रहा सपा का कब्जा बरकरार है. डिंपल यादव की यह तीसरी लोकसभा जीत है. बंपर जीत के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और डिंपल यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर समर्थकों को आभार व्यक्त किया. वहीं, शिवपाल ने बहू डिंपल की जीत पर कहा कि लोग पहले मुझे मिनी सीएम कहते थे. लेकिन, मैनपुरी की जीत ने साफ कर दिया है कि लोगों ने अखिलेश को छोटे नेता जी मान लिया है.

मैनपुरी का जातीय समीकरण मैनपुरी सीट पर सपा के लगातार कायम होने के पीछे एक बड़ी वजह यहां का जातीय समीकरण भी माना जाता है. 17 लाख से ज्यादा वोटर्स वाली मैनपुरी सीट पर 35 फीसदी यादव हैं और इसके बाद शाक्‍य और राजपूत की हैं. फिर ब्राह्मण, लोधी, दलित और मुस्लिम वोटर्स हैं. मुलायम परिवार की जीत में यादव और शाक्य कम्‍युनिटी का बड़ा हाथ है. इन्‍हें सपा का पारंपरिक वोट बैंक माना जाता है. अगर पिछले आंकड़ों पर नजर डालें तो मैनपुरी सीट पर सपा को करीब 60-62 फीसदी तक वोट मिलते रहे हैं.

जीत के बाद की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में डिंपल यादव ने मैनपुरी की जनता को जीत के धन्यवाद देते हुए कहा कि ‘मैं समाजवादी पार्टी के सभी समर्थकों, बूथ प्रभारियों और नेताओं को धन्यवाद देती हूं. मैनपुरी के सभी लोगों को धन्यवाद, जिन्होंने सपा का समर्थन किया. मैंने पहले ही कहा था कि यहां की जनता इतिहास रचने का काम करेगी. आज इस क्षेत्र ने सपा को जिताकर इतिहास रच दिया है. यह जीत नेताजी (स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव) की जीत है. यह हम सबकी तरफ से नेताजी को श्रद्धांजलि है.वहीं, अखिलेश यादव कहा कि ‘लोगों ने नेताजी को याद करके सपा को वोट दिया है. जनता ने सकारात्मक राजनीति को जिताने का काम किया है. ये जीत मैनपुरी के मतदाताओं की जीत है. नेताजी की सच्ची श्रंद्धांजलि देने का काम मतदाताओं ने किया है. सपा को जीता कर मैनपुरी की जनता ने नकारात्मक राजनीति करने वालों को पीछे छोड़ देने का काम किया है.

मैं एक-एक मतदाता, संगठन के लोगों का, सेक्टर के लोगों, बूथ कार्यकर्ताओं बाकी अन्य जिनके प्रयास से सपा को ऐतिहासिक जीत हासिल हुई है.वहीं, रामपुर में मिली हार पर अखिलेश यादव ने कहा कि रामपुर में अगर प्रशासन ने अन्याय न किया होता तो वहां भी सबसे बड़ी जीत मिलती. रामपुर में पहले को जनता को वोट डालने नहीं दिया, इस तरह से प्रशासन ने अन्याय किया है. रामपुर में अगर फेयर चुनाव होता और प्रशासन जबर्दस्ती नहीं करता तो सपा की रामपुर में भी सबसे बड़ी जीत होती.अखिलेश ने शिवपाल यादव के साथ आने पर कहा कि मुझे खुशी है कि आज शिवपाल चाचा जी का दल भी सपा के साथ आ गया है. एक ही झंडे के नीचे सब लोग मिलकर काम करेंगे. हमारी आगे की रणनीति है कि मंहगाई, भ्रष्टाचार और बेरोजागरी को कैसे दूर किया जाए. प्रसपा के साथ आने से सपा की शक्ति दोगुनी हो गई.

1996 से सपा का वर्चस्‍व मैनपुरी सीट पर कायम है-

4 अक्तूबर 1992 को नेताजी के नाम से मशहूर मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी का गठन किया और वर्ष 1996 का पहला लोकसभा चुनाव लड़ा. उसके बाद नेताजी ने ऐसा वर्चस्व बनाया कि आज तक कोई भी अन्‍य पार्टी इस सीट पर जीत दर्ज नहीं करा सकी.1996 के बाद मैनपुरी लोकसभा सीट के लिए 8 बार चुनाव हो चुके हैं, लेकिन हर बार जीत समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार की ही हुई है. जब भी चुनाव हुआ तो मुलायम सिंह यादव की कुछ जनसभाएं और परिवार के अन्य सदस्यों की दो-चार बार आमद ही जीत सुनिश्चित कर देती थी. साल 2014 में भी जब पूरे देश में मोदी लहर थी, तब भी मैनपुरी सीट पर भगवा रंग नहीं चढ़ पाया. हालांकि, 2019 में बीएसपी से गठबंधन के बाद सपा की जीत का कुछ अंतर कम हुआ. 2014 में मुलायम सिंह यादव ने 3.5 लाख से ज्यादा वोट से जीत दर्ज की थी लेकिन 2019 के चुनाव में जीत का ये अंतर घटकर एक लाख से भी कम हो गया. लेकिन कोई अन्‍य पार्टी फिर भी अपना कब्‍जा जमाने में कामयाब नहीं हो सकी.