यादव से ईर्ष्या नहीं प्रतिस्पर्धा करो

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चौ.लौटनराम निषाद
भाजपा ने अतिपिछड़ी जातियों को धोखा दिया-लौटन राम निषाद

चौ.लौटनराम निषाद

आप और भाजपा का मातृ संगठन है आरएसएस।भाजपा ने मण्डल कमीशन तो केजरीवाल ने उच्च शिक्षा में ओबीसी कोटा का विरोध किया।यादव पिछड़ों, दलितों का दुश्मन नहीं संरक्षक है,यादव से ईर्ष्या नहीं प्रतिस्पर्धा करो।

लखनऊ। क्लास-1 की नौकरियों में कुर्मी जाति पहले नम्बर है और यादव दूसरे,मौर्य/कुशवाहा/शाक्य तीसरे नम्बर पर हैं।आरएसएस व भाजपा ने यादव समाज को अतिपिछड़ों के हकमार व खलनायक के रूप में झूठे प्रचार कर बना दिया।राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव व भारतीय पिछड़ा दलित महासभा के राष्ट्रीय महासचिव चौ.लौटनराम निषाद ने कहा कि पिछड़ों,दलितों कद मां-सम्मान,अधिकार की लड़ाई यादव समाज लड़ा है,सामन्तों का मुकाबला यादवों ने किया है,इसे नकारा नहीं जा सकता।उन्होंने कहा कि यादव अतिपिछड़ों का दुश्मन नहीं संरक्षक है।अतिपिछड़े, वंचित तब तक आगे नहीं बढ़ सकते जबतक कि वे यादव,जाटव से ईर्ष्या न कर प्रतिस्पर्धा करेंगे।3-4 दिन पूर्व उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग द्वारा हिंदी विषय के 162 एसोसिएट प्रोफेसर के चयन का परिणाम आया है,जिसमे ओबीसी के 45 आरक्षित पदों में 25 यादव चयनित हुए हैं,यह उनकी काबिलियत का परिणाम है न कि किसी की कृपा की।
निषाद ने कहा कि भाजपा व आप का मातृसङ्गठन आरएसएस ही है जिसका उदय जातिगत जनगणना,वयस्क मताधिकार व शूद्र वर्ण(ओबीसी,एससी, एसटी) के प्रतिनिधित्व के विरोध में हुआ।जब 13 अगस्त,1990 को मण्डल कमीशन की सिफारिश के अनुसार 52 प्रतिशत अन्य पिछड़े वर्ग की जातियों को सरकारी सेवाओं में 27 प्रतिशत कोटा की अधिसूचना जारी हुई तो जनता दल सरकार को बाहर से समर्थन दे रही भाजपा ने समर्थन वापसी के बहाने के लिए आडवाणी के नेतृत्व में रामरथ यात्रा शुरू कर दिया।आज पिछड़े दलित,वंचित अपने ही दुश्मनों के बहकावे में आकर उनके गुलाम बन गए हैं जो उनके आरक्षण ,अधिकार व सम्मान के दुश्मन हैं।जिस भाजपा ने मण्डल कमीशन का विरोध किया,वह पिछडो ,वंचितों का हितैषी कैसे हो सकेगी है?यूपीए-1 की सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्री अर्जुन सिंह जी ने 3 मार्च,2006 को ओबीसी को कडन्द्रीय व उच्च शिक्षण प्रशिक्षण संस्थानों में 27 प्रतिशत आरक्षण कोटा का निर्णय किये तो आरएसएस के लोगों ने विरोध किया,सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दिया।संघ के कार्यकर्ता अरबिंद केजरीवाल ने यूथ फॉर इक्विलिटी संगठन के माध्यम से उच्च शिक्षा में ओबीसी कोटे के विरोध किया। जे एन यू कैंपस स्थित ताप्ती होस्टल मेस में 2 अगस्त,2008 को विरोध सभा किया।
सेन्सस-2011 में कांग्रेस सरकार सामाजिक-आर्थिक-जातिगत जनगणना कराने का निर्णय लिया तो संघ के आनुषांगिक संगठन प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से विरोध करने लगे।केजरीवाल एन्ड टीम ने अन्ना हजारे को आगे कर लोकपाल बिल के नाम पर 5 अप्रैल से 14 अप्रैल,2011 तक जन्तर मन्तर पर अनशन किया,यह ओबीसी जनगणना से ध्यान बंटाने का षडयंत्र था।केजरीवाल पिछड़ा दलित सामाजिक न्याय का विरोधी व कट्टर सवर्ण बनिया राजनीति का नेता है।भाजपा की ही तरह यह आरएसएस नियंत्रित है।हम नहीं तो तुम,तुम नहीं तो हम,यही आप व भाजपा की राजनीति है।भाजपा व आप पिछड़ों,दलितों के स्वार्थी नेताओं को चारा बनाकर ओबीसी,एससी, एसटी का शिकार कर रहे हैं।आप व भाजपा बाज बनकर पिछड़ों,दलितों को चिड़िया समझकर शिकार कर रहे हैं।सरकारी उपक्रमों,संस्थानों का निजीकरण कर संविधान के अनुच्छेद-15(4),16(4),16(-1) व 16(4-5) के अंतर्गत ओबीसी,एससी, एसटी कद प्रतिनिधित्व के अधिकार को छीन रहे हैं।