15वीं शताब्दी में राजसत्ता ने धर्म-परिवर्तन करने पर किया विवश – डाॅ0 नीलकंठ तिवारी

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वाराणसी – 15वीं शताब्दी में राजसत्ता ने धर्म-परिवर्तन व संस्कृति त्यागने के लिए जबरन प्रयास किया तो तुलसीदास जैसे संत इसके विरूद्ध खड़े होते हैं और गली-गली में रामलीला का आयोजन करते हैं। जेल में बंद बालगंगाधर तिलक ने गीता रहस्य नामक पुस्तक लिख दिया। आजादी के बाद राष्ट्र किधर जाए, इसपर राजसत्ता को चिंता ही नहीं हुई। सभी रूस, चीन, अमेरिका आदि की तरफ देखने लगे, किसी ने भारतीय-मनीषा की तरफ ध्यान नहीं दिया।

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय स्थित शताब्दी कृषि प्रक्षागृह में यह बातें शुक्रवार को सेवाज्ञ संस्थानम् द्वारा उत्तिष्ठ भारत की थीम पर ‘वैश्विक संदर्भ में व्यक्ति निर्माण तथा भारतीय चिंतन‘ विषयक एक दिवसीय संविमर्श में बतौर मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पर्यटन, संस्कृति, धर्मार्थ कार्य डाॅ नीलकंठ तिवारी ने कही। राज्यमंत्री डाॅ तिवारी ने संगोष्ठी का उद्घाटन विश्वविद्यालय के संस्थापक महामना मदनमोहन मालवीय के चित्र पर पुष्पांजलि व दीप प्रज्जवलित कर किया।

विषम से विषम परिस्थिति को भारत ने किया हल –

डाॅ0 नीलकंठ तिवारी ने कहा कि परंपराओं, साहित्य, सांस्कृतिक इतिहास को देखा जाए तो भारत कभी सुसुप्ता अवस्था में नहीं रहा, हमेशा जागृत रहा। विषम से विषम परिस्थिति को भारत ने हल किया। वैदिक ज्ञान को कुछ पोंगा-पंथियों ने संकुचित करने का प्रयास किया। यह काम ईसा पूर्व से चला आ रहा था। लेकिन केरल से निकला 25 साल का नौजवान पूरे देश में शास्त्रार्थ किया, भारतीय विचार को स्थापित करने काम किया, जो बाद में चलकर आदि शंकराचार्य कहलाया। उन्होंने कहा कि गोरक्षपीठ से भी बहुत से संत निकले, जो पूरे भारत में जाकर भारतीय ज्ञान-परंपरा को स्थापित करने का महत्वपूर्ण कार्य किए।

चुनौतियों को झटके में मोदी सरकार ने किया समाप्त –

उन्होंने कहा कि तीन-तलाक, धारा-370, भ्रष्टाचार जैसी चुनौतियों को मोदी सरकार ने झटके में समाप्त कर दिया। लंबे समय से प्रतीक्षारत अयोध्या में भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है। कोरोना के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साहस से काम लिया। उन्होंने कहा कि चीन, पाकिस्तान से आंख मिलाकर लड़ रहे हैं। मोदी-योगी सरकार आत्मनिर्भर भारत को साकार करने में जुटी है। हमारी सरकार ने 150 देशों को वैक्सीन देने का कार्य कर रही है। एक देश के प्रमुख ने यहां तक कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने संजीवनी बूटी भेज दिया है।