सपा संस्थापक नेता जी मुलायम सिंह यादव की प्रथम पुण्यतिथि

103
सपा संस्थापक नेता जी मुलायम सिंह यादव की प्रथम पुण्यतिथि
सपा संस्थापक नेता जी मुलायम सिंह यादव की प्रथम पुण्यतिथि

सपा संस्थापक नेता जी मुलायम सिंह यादव की 10 अक्टूबर को पहली पुण्यतिथि मनायी गयी. पूर्व मुख्यमंत्री की पुण्यतिथि पर प्रदेशभर में कई कार्यक्रम हुए . उनके पैतृक गांव सैफई में एक श्रद्धांजलि सभा रखी गई, जिसमें खुद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके परिवार के लोग शामिल हुए. मुलायम सिंह यादव की यूपी की राजनीति में एक अलग ही पहचान रही है. वो जमीन से जुड़े नेता थे, जिसके चलते उन्हें ‘धरती पुत्र’ भी कहा जाता था.आम लोगों के साथ आत्मीय कनेक्शन और खांटी समाजवाद के प्रतीक मुलायम सिंह को लोग प्यार से नेताजी भी कहते थे. मुलायम सिंह यादव ने यूपी की राजनीति ही बदल कर रख दी. उन्होंने छात्र जीवन से राजनीति में कदम रखा और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. इसके बाद वो देश के रक्षामंत्री और तीन बार यूपी के मुख्यमंत्री भी बने. आज समाजवादी पार्टी प्रदेश की दूसरी सबसे ताकतवर पार्टी है. सपा संस्थापक नेता जी मुलायम सिंह यादव की प्रथम पुण्यतिथि

छात्र राजनीति से रखा कदम

मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवम्बर 1939 को इटावा जिले के सैफई गांव में एक किसान परिवार में हुआ. उनकी माता का नाम मूर्ति देवी और पिता का नाम सुघर सिंह यादव था. मुलायम सिंह यादव अपने पांच भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर थे. उनकी शुरुआती पढ़ाई स्थानीय परिषदीय स्कूल से हुई थी. इसके बाद उन्होंने करहल के जैन इंटर कॉलेज से बारहवीं तक पढाई की और फिर आगे की पढ़ाई के लिए इटावा चले गए. यहां के केकेडीसी कॉलेज से मुलायम सिंह ने बीए किया.इटावा में पढ़ाई के दौरान जब उन्हें रहने के लिए जगह नहीं मिली थी तो वो कुछ समय तक केकेडीसी कॉलेज के संस्थापक हजारीलाल वर्मा के घर पर ही रहे. साल 1962 में पहली बार देश में छात्रसंघ चुनाव का एलान हुआ. यहीं से उनकी राजनीति में इच्छा जागी और वो राजनीति में कूद गए. मुलायम सिंह यादव पहले छात्रसंघ के अध्यक्ष बने और युवा नेता के तौर पर उनकी पहचान बनी.

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी के संस्थापक स्व.नेता जी मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि व सादर नमन. सामाजिक उत्थान से उनका सीधा जुड़ाव सभी के लिए प्रेरणादायक है.

ज़मीं से उठकर आसमां पर कायम हो जाना,इतना आसान नहीं है “मुलायम” हो जाना.

पहली बार जसंवत नगर से चुने गए विधायक

इसके बाद मुलायम सिंह ने शिकोहाबाद के डिग्री कॉलेज से एमएम की शिक्षा ली और फिर बीटी करके कुछ समय तक करहल के जैन इंटर कॉलेज में बतौर शिक्षक काम किया. इस बीच उनकी नत्थू सिंह से नजदीकियां बढ़ीं, कुश्ती के शौकीन मुलायम सिंह ने पहलवानी में अपने दांव-पेंचों से नत्थू सिंह को इतना प्रभावित कर दिया कि 1967 के विधानसभा में उन्होंने अपनी परंपरागत जसंवत नगर सीट छोड़कर मुलायम सिंह यादव को सोशलिस्ट पार्टी से चुनाव लड़ाया और महज 28 साल की उम्र में वो विधायक बन गए.

मुलायम सिंह यादव ने इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. साल 1992 में उन्होंने समाजवादी पार्टी का गठन किया, सपा आज यूपी की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है. साल 2012 विधानसभा चुनाव में सपा को अकेले दम पर पूर्ण बहुमत मिला और उनके बेटे अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने थे.

सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की प्रथम पुण्यतिथि पर मंगलवार (10 अक्टूबर) को उनके पैतृक गांव सैफई में श्रद्धांजलि दी गई. श्रद्धांजलि कार्यक्रम में सपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समेत पार्टी के दिग्गज नेता मौजूद रहे.

मुख्यमंत्री योगी ने ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि पर ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी. सीएम योगी ने ट्वीट करते हुए लिखा, “पूर्व रक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि.”

शिवपाल यादव ने ट्वीट कर किया याद

मुलायम सिंह यादव की पहली पुण्यतिथि पर समाजवादी पार्टी नेता शिवपाल यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा, “ठहरी ठहरी सी जिंदगी है, सबकी आंखों में नमी है. एक धोखा है ये सब रंग और सवेरा, बिन सूरज ये उजाला है तो अंधेरा क्या है? हम सभी के ऊर्जा के स्रोत और अभिभावक आदरणीय नेता जी हमारी स्मृतियों व विचारों में सदैव जीवित रहेंगे, विनम्र श्रद्धांजलि.”

कैसा रहा मुलायम सिंह यादव का राजनीतिक सफर

मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 को उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई गांव में एक किसान परिवार में हुआ था. मुलायम सिंह शुरुआती दिनों से छात्र राजनीति में सक्रिय रहें. उन्होंने राजनीति शास्त्र में डिग्री हासिल करने के बाद एक इंटर कॉलेज में कुछ समय के लिए पढ़ाया. वह वर्ष 1967 में पहली बार जसवंत नगर सीट से विधायक चुने गए. उन्होंने वर्ष 1975 में तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार द्वारा देश में आपातकाल घोषित किए जाने का कड़ा विरोध किया.

जोड़-तोड़ की राजनीति में माहिर रहे मुलायम

समाजवादी मुलायम सिंह यादव ने राजनीतिक संभावनाओं को हमेशा खोल कर रखा और वह हर अवसर का इस्तेमाल करने वाले राजनेता रहे. जोड़-तोड़ की राजनीति में भी माहिर माने जाने वाले यादव समय-समय पर अनेक पार्टियों से जुड़े रहे. इनमें राम मनोहर लोहिया की संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी और चरण सिंह के भारतीय क्रांति दल, भारतीय लोक दल और समाजवादी जनता पार्टी भी शामिल हैं. उसके बाद वर्ष 1992 में उन्होंने समाजवादी पार्टी का गठन किया. मुलायम सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश में अपनी सरकार बनाने या बचाने के लिए जरूरत पड़ने पर बसपा, कांग्रेस और बीजेपी से भी समझौते किए. वर्ष 2019 में संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता में दोबारा वापसी का ‘आशीर्वाद’ देकर उन्होंने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया था. सपा संस्थापक नेता जी मुलायम सिंह यादव की प्रथम पुण्यतिथि