उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का निधन

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लखनऊ। कल्याण सिंह (बाबू जी) नहीं रहे। उन्होंने 89 साल की उम्र में SGPGI में आखिरी सांस ली। यूपी के पूर्व सीएम और राज्यपाल कल्याण सिंह 48 दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। 7 दिनों से वेंटिलेटर पर थे। 21 जून को उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने के कारण लखनऊ के लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद स्वास्थ्य में सुधार न होने पर 4 जुलाई को उन्हें PGI शिफ्ट किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने कल्याण सिंह के निधन पर शोक जताया है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल्याण सिंह के निधन पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि सोमवार को उनकी कर्मभूमि अतरौली में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। यूपी में 3 दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया गया है।

पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया है।उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह का शनिवार को लखनऊ के संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसजीपीजीआई) में निधन हो गया। क्रिटिकल केयर मेडिसिन (सीसीएम) के आईसीयू में भर्ती कल्याण सिंह वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे। वह बीती चार जुलाई से अस्पताल में भर्ती थे। डॉक्टरों ने बताया क सेप्सिस और मल्टी ऑर्गन फेल्योर के कारण उनका निधन हुआ है।  पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की हालत नाजुक बनी हुई थी। शनिवार को उनकी हालत फिर से बिगड़ गई। उनका डायलिसिस किया गया। डॉक्टर ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने की भी कोशिश की। लेकिन उन्हे नही बचाया जा सका।

कल्याण सिंह का जन्म 6 जनवरी 1932 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री तेजपाल लोधी और माता का नाम श्रीमती सीता देवी था! कल्याण सिंह के 2 बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और कई बार अतरौली के विधानसभा सदस्य के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं, और साथ ही साथ ये उत्तर प्रदेश में लोक सभा सांसद और राजस्थान तथा हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

पहली बार कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री वर्ष 1991 में बने और दूसरी बार यह वर्ष 1997 में मुख्यमंत्री बने थे। इनके पहले मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान ही बाबरी मस्जिद की घटना घटी थी। बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद उन्होंने इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुये ६ दिसम्बर १९९२ को मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया।दिसम्बर १९९९ में कल्याण सिंह ने पार्टी छोड़ दी और जनवरी २००४ में पुनः भाजपा से जुड़े। २००४ के आम चुनावों में उन्होंने बुलन्दशहर से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ा। २००९ में उन्होंने पुनः भाजपा को छोड़ दिया और एटा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय सांसद चुने गये।

कल्याण सिंह को 4 जुलाई को नाजुक अवस्था में पीजीआई शिफ्ट किया गया था। क्रिटिकल केयर मेडिसिन के आईसीयू में उपचार होने के करीब चार दिन बाद कल्याण की तबीयत में काफी सुधार हुआ। वह लोगों से बातचीत करने के साथ उनका जवाब भी दे रहे थे। 17 जुलाई को सांस लेने में तकलीफ बढ़ने पर ऑक्सीजन सपोर्ट दिया गया। अगले दिन फेफड़ों को जरूरत के अनुसार ऑक्सीजन न मिलने पर 18 जुलाई को गले में नली (नॉन इनवेसिव वेंटिलेशन) डाली गई। ज्यादा दिक्कत बढ़ने पर 21 जुलाई को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। दो दिन से गुर्दे की काम करने की गति धीमी होने पर डॉक्टरों ने डायलिसिस शुरू कर दी है। इसके अलावा अन्य अंगों पर भी दबाव पड़ रहा है। पीजीआई निदेशक डॉ. आरके धीमन बताते हैं कि कल्याण के उपचार में दिल, गुर्दा, डायबिटीज, न्यूरो, यूरो, गैस्ट्रो व क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग समेत 12 विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम लगातार निगरानी में लगी हुई है।