गहलोत सरकार का राजनीतिक प्रदर्शनों पर रोक

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गहलोत सरकार ने राजनीतिक प्रदर्शनों पर रोक लगा रखी है।जब जयपुर में राजभवन के घेराव के लिए हजारों श्रमिक व किसान जुट सकते हैं और मंत्री की जनसुनवाई में सैकड़ों लोग आ सकते हैं तब राजस्थान में सायं चार बजे बाजारों को बंद क्यों करवाया जा रहा है। क्या ऐसे राजनीतिक प्रदर्शनों से कोरोना की तीसरी लहर नहीं आएगी?

एस0 पी0 मित्तल

राजस्थान के लोगों को कोरोना की तीसरी लहर से बचाने के लिए प्रदेशभर में सायं चार बजे बाजारों को बंद करवाया जा रहा है तथा सरकार ने राजनीतिक प्रदर्शनों पर भी रोक लगा रखी है। लेकिन 26 जून को जयपुर में केन्द्र सरकार के श्रम और कृषि कानूनों के विरोध में हजारों लोगों ने धड़ल्ले से प्रदर्शन किया। इन प्रदर्शनकारियों का उद्देश्य राज्यपाल कलराज मिश्र के सरकारी आवास (राजभवन) का घेराव करना था। प्रदर्शनकारियों ने कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाते हुए जमकर नारेबाजी की। इस मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस के अधिकारी और जवान भी मौजूद थे।

लेकिन किसी भी प्रदर्शनकारी को रोकने में पुलिस ने भूमिका नहीं निभाई। इसी प्रकार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व स्कूली शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा बीकानेर के सर्किट हाउस में जो जनसुनवाई कर रहे हैं उसमें भी सैकड़ों लोग भाग ले रहे हैं। यह माना कि ऐसी राजनीतिक गतिविधियां राजस्थान की कांग्रेस सरकार के लिए फायदे मंद हैं, लेकिन जब यह सब हो सकता है तो प्रदेश में कोरोना का डर दिखाकर बाजारों को सायं चार बजे बंद क्यों कराया जा रहा है। क्या ऐसे राजनीतिक प्रदर्शनों से तीसरी लहर नहीं आएंगी? या फिर बाजार खुलने से ही तीसरी लहर आएगी, यह ऐसे सवाल है कि जिन के जवाब प्रदेशभर के व्यापारी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से चाहते हैं।

यदि कोई व्यापारी अपनी दुकान पर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की पालना नहीं करता है तो उस पर जुर्माना लगाया जाता है। कई बार तो दुकान भी सीज कर दी जाती है। जबकि 26 जून को जयपुर में हजारों लोग एक साथ एकत्रित हुए और पुलिस मूक दर्शक बनी रही। प्रदर्शनकारियों ने न तो मास्क लगा रखा था और न ही सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कर रखी थी। प्रदेशभर के व्यापारिक संगठनों ने मुख्यमंत्री गहलोत से कई बार आग्रह किया है कि बाजारों को रात 8 बजे तक खोला जाए।

चार बजे बाजार बंद होने से दुकानदार और ग्राहक दोनों परेशान हो रहे हैं। यदि बाजारों में भीड़ से कोरोना की तीसरी लहर की आशंका है तो फिर राजनीतिक प्रदर्शनों से भी तीसरी लहर आ सकती है। जब कोरोना का डर दिखाकर बाजारों को चार बजे बंद कराया जा रहा है तब राजनीतिक प्रदर्शनों को छूट क्यों हैं? गंभीर बात तो यह है कि सरकार की रोक के बाद ऐसे प्रदर्शन धड़ल्ले से हो रहे हैं।

डेल्टा वेरिएंट का पहला मामला बीकानेर में मिला:-

प्रदेश के स्कूली शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा भले ही बीकानेर में जनसुनवाई कर भीड़ एकत्रित कर रहे हों, लेकिन यह भी सही है कि डेल्टा वेरिएंट का पहला केस बीकानेर में ही मिला है। इससे पूरे राजस्थान को खतरा उत्पन्न हो गया है। सवाल उठता है कि तीसरी लहर की आड़ में सिर्फ व्यापारी वर्ग को ही परेशान क्यों किया जा रहा है।