हर घर राशन अभियान-ललन कुमार

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हर घर राशन’ अभियान के तहत लगभग 13 हज़ार से अधिक परिवारों तक राशन के पैकेट पहुँचाए। लॉकडाउन के समय अप्रैल, मई एवं जून में ‘हर घर राशन’ अभियान चलाया गया।राजधानी लखनऊ के हर कोने और गाँव-गाँव पहुँचकर ज़रुरतमंदों को राशन उपलब्ध कराया।
इस अभियान का उद्देश्य उन लोगों तक राशन पहुँचाना था जो 2 वक़्त की रोटी नहीं कमा पा रहे थे।योगी जी न स्वास्थ्य पर काम कर रहे हैं न रोज़गार पर, वह अभी चुनावी मंथन में व्यस्त हैं।

लखनऊ। अप्रैल, मई एवं जून के महीने में भारत ने एक बड़ी त्रासदी झेली। कोरोना की इस लहर ने कई परिवार उजाड़ दिए। सरकार के कोरोना कुप्रबंधन एवं चुनाव की भूख के कारण हजारों परिवारों ने किसी अपने को खो दिया। कई परिवारों ने अपने परिवार का वह सदस्य खोया जिनकी वजह से उन्हें 2 वक़्त की रोटी नसीब होती थी।

पिछले साल की तरह इस बार भी प्रदेश में लंबा लॉकडाउन लगा। सारे कामकाज बंद हो गए। न दफ़्तर खुल रहे थे न ही फेक्ट्रियां। किसी भी प्रकार का आवागमन सड़कों पर हो नहीं रहा था। इस लॉकडाउन ने पुनः उन लोगों को संकट में डाल दिया जिनके घर शाम की रोटी ही दोपहर की कमाई से बनती है। घर-घर में राशन का संकट खड़ा हो गया।

त्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया एवं कम्युनिकेशन विभाग के संयोजक ललन कुमार ने पिछले वर्ष की तरह ही इस वर्ष भी ऐसे ज़रूरतमंद लोगों को बढ़-चढ़कर राशन वितरित किया। जब तमाम नेता कोरोना के भय से अपने घरों में छुपकर बैठे थे तब ललन कुमार ने ‘हर घर राशन अभियान’ की शुरुआत की। इस अभियान का उद्देश्य उन लोगों तक राशन पहुँचाना था जो 2 वक़्त की रोटी नहीं कमा पा रहे थे।

ललन कुमार ने बताया कि राजधानी लखनऊ के हर कोने और गाँव-गाँव पहुँचकर ज़रुरतमंदों को राशन उपलब्ध कराया। इस दौरान पूरा प्रयास किया गया कि कोई भी भूखा न सोए। 2 माह के अंतराल में ललन कुमार एवं उनकी टीम द्वारा हजारों घरों तक पहुँचकर 13 हज़ार से अधिक राशन के पैकेट वितरित किये। उन्होंने बताया कि आगे भी यदि इस प्रकार की विपत्ति आती है तो पुनः राशन वितरण की प्रक्रिया शुरू करेंगे।

साथ ही योगी सरकार पर निशाना साधते हुए वह बोले कि तीसरी लहर का आना तय है। यदि सरकार जागरूक नहीं हुई तो यह भयावह हो सकती है। प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सरकार अब भी गंभीर नहीं दिख रही। दूसरी ओर यदि युवाओं को अब रोज़गार नहीं दिया गया तो हालात बिगड़ जाएँगे। अगली लहर में यदि लॉकडाउन होता है तो सरकार को उनके रोज़गार और खाने की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी।

योगी जी न स्वास्थ्य पर काम कर रहे हैं न रोज़गार पर। वह अभी चुनावी मंथन में व्यस्त हैं।