बिहार बजट पर माननीय नेता प्रतिपक्ष की प्रतिक्रिया

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  • बिहार बजट में सिर्फ़ घोषणाएँ हैं, वही घोषणाएँ हैं जो पिछले बजट में भी थे, वही योजनाएँ, वही आवंटन! मतलब साफ है कि काम कुछ होता नहीं, हर वर्ष उसी बजट को पुनः दोहरा दिया जाता है!
  • 20 लाख रोजगार सृजन का झूठा ढोल सत्तारूढ़ दलों ने बिहार चुनाव में खूब बजाया। अब जब किसी तरह सत्ता में बैठ गए हैं तो सरकार 20 लाख रोजगार सृजन का ब्लूप्रिंट बिहार की जनता के सामने रखे।
  • बिहार सरकार ने बजट नहीं, जनता का मज़ाक उड़ाने वाला झूठ का पुलिंदा पेश किया है।
  • पिछले 5 बजट से मुख्यमंत्री लगातार एक खेल स्टेडियम बनवाने की घोषणा कर रहे हैं, पर खेल स्टेडियम है कि घोषणा से बाहर आता ही नहीं है।
  • मुख्यमंत्री का 7 निश्चय पार्ट 1 तो पूरा हो नहीं पाया, और आधा होने के क्रम में ही भ्रष्टाचार, लीकेज और कमीशनखोरी का पर्याय बन गया है, जिसमें नल जल योजना तो अपने आप में भ्रष्टाचार की एक गाथा बन गया है, पर मुख्यमंत्री 7 निश्चय पार्ट 1 पूरा किए बिना 7 निश्चय पार्ट 2 की बात करके सबको भ्रमित करने लगे हैं।
  • बजट में ना बंद पड़े चीनी मिलों का ज़िक्र हुआ, ना फ़ूड प्रोसेसिंग यूनिट्स का हुआ। ना ही नई औधोगिक इकाई स्थापित करने का ज़िक्र हुआ।
  • पढ़ाई, दवाई, कमाई, सिंचाई, सुनवाई और कार्रवाई, जो आम आदमी को सीधे प्रभावित करते हैं, उसका ज़िक्र भी इस बजट में नदारद रहा।