मनुष्य जीवन योग के लिए है,भोग के लिए नहीं-मुख्य सचिव

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मनुष्य जीवन योग के लिए है,भोग के लिए नहीं-मुख्य सचिव
मनुष्य जीवन योग के लिए है,भोग के लिए नहीं-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव ने योग स्पोर्टस फाउण्डेशन द्वारा आयोजित लखनऊ डिस्ट्रिक्ट योगासन चैम्पियनशिप में बतौर मुख्य अतिथि किया प्रतिभाग। समग्र व्यक्तित्व निर्माण एवं सफल जीवन के 108 महत्वपूर्ण  सूत्र पुस्तक का मुख्य सचिव ने किया विमोचन। मनुष्य जीवन योग के लिए है,भोग के लिए नहीं-मुख्य सचिव



लखनऊ
। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने नेशनल पीजी कॉलेज में योग स्पोर्टस फाउण्डेशन द्वारा आयोजित लखनऊ डिस्ट्रिक्ट योगासन चैम्पियनशिप में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। मुख्य सचिव ने जनेश्वर मिश्र पार्क में आयोजित 111 बार सूर्य नमस्कार करने वाले प्रतिभागियों द्वारा कीर्तिमान स्थापित करने पर बधाई दी और प्रतिभागियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि सूर्य नमस्कार एक ऐसा योग है, जिसमें सूरज को प्रणाम करते हुए अलग-अलग 12 आसनों को किया जाता है, जो सेहत के लिए बेहद लाभदायक होते हैं। स्वस्थ रहने के लिए फिजिकल एक्टिविटी करना बेहद जरूरी होता है। इसलिए योग की मदद से शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक सेहत को भी काफी फायदा भी होता है। योग करने से स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकते हैं।

      उन्होंने कहा कि संसार में जितने भी प्राणी हैं, उनमें मनुष्य सर्वश्रेष्ठ है। इसलिए मनुष्य का जीवन योग के लिए है, भोग के लिए नहीं। भारत देश के अथक प्रयासों के फलस्वरूप संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्व योग दिवस मनाने का फैसला लिया गया, जिससे भारत की संस्कृति, परंपरा और आस्था को वैश्विक मंचों पर एक पहचान मिली है। योग दिवस के बाद लोगों को स्वस्थ और निरोग रखने के लिए योग शिक्षक भी तैयार हो रहे हैं। उन्होंने भगवद् गीता के श्लोक ‘योगः कर्मसु कौशलम्’ का उदाहरण देते हुए कहा कि योग स्वयं को कुशल बनाने का श्रेष्ठ साधन है। महर्षि पतंजलि का अष्टांग योग हमारे सनातन की संत-ऋषि  परम्परा का मानव जगत के लिए अमूल्य देन है। इसका अनुसरण कर समाज का प्रत्येक नागरिक इस धरा को सर्वोत्तम सेवा प्रदान करने के लिए स्वयं को सक्षम बना सकता है। उन्होंने सभी से योग पद्धति को अपने नियमित दिनचर्या का हिस्सा बनाकर स्वस्थ, सक्षम एवं समृद्ध समाज व देश बनाने में अपना अहम योगदान देने की अपील की।इस अवसर पर मुख्य सचिव ने समग्र व्यक्तित्व निर्माण एवं सफल जीवन के 108 महत्वपूर्ण सूत्र पुस्तक का विमोचन भी किया। इस अवसर पर योग शिक्षक, विद्यार्थीगण व गणमान्य नागरिक आदि उपस्थित थे। मनुष्य जीवन योग के लिए है,भोग के लिए नहीं-मुख्य सचिव