मंत्रिमंडल विस्तार के बारे में मैंने कुछ नहीं कहा-अजय माकन

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मैंने मंत्रिमंडल विस्तार के बारे में कभी कुछ नहीं कहा-अजय माकन।जिला स्तर पर राजनीतिक नियुक्तियों पर मंथन जारी है।उपचुनाव पर सीएम और विधानसभा अध्यक्ष से भी मंथन।

एस0पी0 मित्तल

राजस्थान – कांग्रेस में राजस्थान के प्रभारी महासचिव अजय माकन ने स्पष्ट कर दिया कि अशोक गहलोत मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर उन्होंने कभी कुछ नहीं कहा। 3 फरवरी को मीडिया से संवाद करते हुए माकन ने कहा कि ऐसी खबरें मीडिया में ही प्रकाशित होती है। मैंने तो सिर्फ जिला स्तर पर राजनीतिक नियुक्तियों के बारे में कहा था। इन नियुक्तियों को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से विचार विमर्श हो रहा है।

जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में बनी बीस सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति, औद्योगिक विकास समिति जैसी समितियों को कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को सदस्य के तौर पर नियुक्त किया जाता है। हालांकि इन कमेटियों का कोई खास महत्व नहीं होता है, लेकिन ब्लॉक और वार्ड स्तर के कार्यकर्ता खुश हो जाते हैं। प्रदेश भर में ऐसी तीन हजार नियुक्तियां होनी है। कांग्रेस सरकार के पांच वर्ष में से दो वर्ष तो गुजर चुके हैं।

हालांकि राज्य स्तरीय सरकारी उपक्रम और प्रमुख शहरों में विकास प्राधिकरण व नगर सुधार न्यास में अध्यक्षों की नियुक्ति होनी है, लेकिन इसका फैसला मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही करेंगे। अविनाश पांडे को हटाकर जब अजय माकन को प्रदेश का प्रभारी महासचिव बनाया गया, तब सचिन पायलट के समर्थकों को बहुत उम्मीद थी। तब माकन ने भी ऐसे बयान दिए, जिससे लगा कि वे अशोक गहलोत और सचिन पायलट में तालमले करवा पाएंगे।

माकन ने मंत्रिमंडल विस्तार पर भी अपनी राय रखी, लेकिन माकन को जल्द समझ में आ गया कि वे राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत के बगैर कुछ नहीं कर सकते हैं। इसीलिए अब माकन को कहना पड़ रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार पर उन्होंने कभी कोई बात नहीं की। यानि मंत्रिमंडल के विस्तार पर सीएम गहलोत ही निर्णय लेंगे। मालूम हो कि पिछले आठ महीनों में सीएम गहलोत अकेले ही 20 से भी ज्यादा विभागों का बोझ ढो रहे हैं। सचिन पायलट, विश्वेन्द्र सिंह और रमेश मीणा की बर्ख़ास्तगी और भंवरलाल शर्मा के निधन के बाद सभी विभाग मुख्यमंत्री के पास ही हैं।

गृह और वित्त जैसे बड़े विभाग गहलोत ने शुरू से ही अपने पास रखे हुए हैं। गहलोत ने कभी नही कहा कि उनके पास विभागों का बोझ है। सभी 20 विभागों का मुखिया सीएम ने अपने भरोसे के अधिकारियों को बना रखा है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री सचिवालय में आईएएस और आरएसएस की फौज तैनात है। 20 विभागों का काम काज सीएमआर से ही संचालित हो रहा है। तीन फरवरी का अजय माकन का बयान राजस्थान की राजनीति को समझने के लिए काफी है।


उप चुनाव पर मंथन :- प्रभारी महासचिव माकन ने तीन फरवरी को जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी से मुलाकात की। इस मुलाकात में तीन विधानसभा में होने वाले उपचुनावों को लेकर मंथन हुआ। उप चुनावों के परिणाम गहलोत सरकार के लिए बहुमत रखते हैं। सचिन पायलट के प्रदेशाध्यक्ष के पद से हटने के बाद प्रदेश में पहली बार कोई उप चुनाव हो रहे हैं।