योगी मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय

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योगी मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय
योगी मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद द्वारा निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए :- योगी मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय

मुख्यमंत्री की घोषणा के क्रम में संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ में एडवान्स पीडियाट्रिक सेन्टर की स्थापना के सम्बन्ध में

मंत्रिपरिषद ने संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ कैम्पस में ई0पी0सी0 मोड पर 500 बेडेड एडवान्स पीडियाट्रिक सेन्टर (फेज-1) के निर्माण कार्य से सम्बन्धित प्रायोजना, जिसकी जी0एस0टी0 सहित आंकलित लागत 19910.52 लाख (01 अरब 99 करोड़ 10 लाख 52 हजार) रुपये के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है। प्रस्तावित 500 बेडेड एडवान्स पीडियाट्रिक सेन्टर का निर्माण कार्य फेजवार किया जाना है। इसमें फेज-1 में 308 बेड एवं फेज-2 में 265 बेड, कुल 573 बेड का निर्माण कार्य कराया जाना प्रस्तावित है। प्रथम चरण में 12 विभाग एवं द्वितीय चरण 11 विभाग प्रारम्भ किये जाएंगे। विभिन्न चरणों में 500 बेडेड एडवान्स पीडियाट्रिक सेन्टर की स्थापना पर 500 करोड़ रुपये तक का व्यय सम्भावित है। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ में विभिन्न प्रकार के रोगों के इलाज हेतु अलग-अलग सेन्टर बने हैं, जहां प्रदेश भर से आने वाले मरीजों का इलाज किया जा रहा है। वर्तमान में नई-नई बीमारियों के कारण नवीन तकनीक/चिकित्सा प्रणाली का प्रयोग अपरिहार्य हो गया है। इसी परिप्रेक्ष्य में मुख्यमंत्री जी की घोषणा के क्रम में एडवान्स पीडियाट्रिक सेन्टर का निर्माण प्रस्तावित है, जिससे बच्चों में हो रही नई-नई बीमारियों का इलाज विश्वस्तरीय तकनीक से समय पर किया जा सके। योगी मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय

लिगेसी स्टाल्ड रियल स्टेट प्रोजेक्ट्स की समस्याओं के निदान के लिए एक्स सी0ई0ओ0, नीति आयोग श्री अमिताभ कान्त की अध्यक्षता में गठित समिति की संस्तुतियों के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में

मंत्रिपरिषद ने लिगेसी स्टाल्ड रियल स्टेट प्रोजेक्ट्स की समस्याओं के निदान के लिए श्री अमिताभ कान्त (एक्स सी0ई0ओ0, नीति आयोग, भारत सरकार) की अध्यक्षता में गठित समिति की संस्तुतियों के क्रियान्वयन हेतु राज्य सरकार द्वारा दिये जाने वाले नीति, पैकेज के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। प्रस्तावित नीति, पैकेज का लक्ष्य होम बायर को रजिस्ट्री के साथ घर, फ्लैट यथाशीघ्र उपलब्ध कराना है। इण्डियन बैंक एसोसिएशन के एक अनुमान के अनुसार पूरे देश में लगभग 4.12 लाख ऐसे घर हैं, जो डेवलपर्स की खराब वित्तीय स्थिति की वजह से पूर्ण नहीं हो पा रहे हैं। इनमें से लगभग 2.40 लाख घर एन0सी0आर0 में स्थित हैं। समिति की इन संस्तुतियों के लागू होने पर घर खरीददारों के हितों की रक्षा होगी तथा रुकी हुई परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूर्ण कर बिल्डरों द्वारा फ्लैट, घर के बायर्स को पूर्ण निर्मित फ्लैट नियत समय से उपलब्ध कराया जाना सम्भव होगा। इस निर्णय से आर्थिक विकास को गति मिलेगी। जन सामान्य को क्षेत्रीय विकास के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे।

प्रदेश के 57 जनपदों में साइबर क्राइम पुलिस थानों की स्थापना के सम्बन्ध में

मंत्रिपरिषद ने प्रदेश के 57 जनपदों में साइबर क्राइम पुलिस थानों की स्थापना के प्रस्ताव को कार्यात्तर स्वीकृति प्रदान कर दी है। उल्लेखनीय है कि कार्यवाही किये जाने की तत्काल आवश्यकता के दृष्टिगत 57 जनपदों में साइबर क्राइम पुलिस थानों की स्थापना से सम्बन्धित अधिसूचना संख्या-2729पी/छः-पु-6-2023-300(13)/2014 दिनांक 14 दिसम्बर, 2023 मुख्यमंत्री जी के अनुमोदनोपरान्त निर्गत कर दी गयी है। प्रस्तावित व्यवस्था में किसी प्रकार के संशोधन/परिवर्धन के लिये मंत्रिपरिषद द्वारा मुख्यमंत्री जी को अधिकृत किया गया है।
ज्ञातव्य है कि साइबर अपराधों की रोकथाम तथा जांच, विवेचनाओं का सामयिक निस्तारण करके साइबर क्राइम में संलिप्त अपराधियों को दण्डित कराये जाने के लिए पूर्व में 31 मार्च, 2016 को जनपद गौतमबुद्धनगर एवं लखनऊ में 02 साइबर क्राइम पुलिस थानों एवं 06 फरवरी, 2020 को 16 परिक्षेत्रीय मुख्यालयों में परिक्षेत्रीय साइबर क्राइम थानों की स्थापना की गयी है। योगी मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय
साइबर अपराधियों द्वारा नवीन तकनीकी का प्रयोग करके एवं पहचान छिपाकर अपराध कारित किया जाता है, जिससे अभियोग का अनावरण एवं अभियुक्तों के विरुद्ध कार्यवाही हेतु विशेषज्ञता एवं उन्नत तकनीकी माध्यमों के उपयोग की आवश्यकता है। साइबर अपराध में हो रही उत्तरोत्तर वृद्धि को देखते हुए मात्र 18 साइबर क्राइम थानों द्वारा गुणात्मक विवेचनात्मक कार्यवाही किया जाना असम्भव हो गया है।
वर्तमान समय में साइबर अपराधों की रोकथाम एवं उच्च कोटि की विवेचना हेतु परिक्षेत्र स्तर पर संचालित साइबर क्राइम पुलिस थानों के अनुरूप प्रत्येक जनपद में जनपदीय साइबर क्राइम पुलिस थाना स्थापित किये जाने की आवश्यकता है, जिससे साइबर अपराधों पर प्रभावी रूप से अंकुश लगाया जा सके।
इसके दृष्टिगत प्रदेश के अवशेष 57 जनपदों में साइबर क्राइम पुलिस थानों की स्थापना का औचित्य पाया गया है। इन 57 जनपदों में वर्ष 2018 में 3093, वर्ष 2019 में 3958, वर्ष 2020 में 4932, वर्ष 2021 में 4291, वर्ष 2022 में 5416 तथा वर्ष 2023 में दिनांक 31 जुलाई, 2023 तक 3693 साइबर अपराध पंजीकृत किये गये हैं। इसी प्रकार एन0सी0आर0पी0 पोर्टल पर दिनांक 30 अगस्त, 2019 से 31 मई, 2023 तक इन 57 जनपदों में वर्ष 2019 में 1435, वर्ष 2020 में 14680, वर्ष 2021 में 33322, वर्ष 2022 में 89674 तथा वर्ष 2023 में 62005 मामले दर्ज किये गये है।
वर्तमान में 18 जनपदों के परिक्षेत्रीय मुख्यालयों में साइबर क्राइम थानों की स्थापना की जा चुकी है। अतः अवशेष 57 जनपदों उन्नाव, रायबरेली, सीतापुर,  हरदोई, लखीमपुर खीरी, कानपुर देहात, इटावा, फतेहगढ़, कन्नौज, औरैया, मेरठ, गाजियाबाद, बुलन्दशहर, बागपत, हापुड़, सुलतानपुर, बाराबंकी, अमेठी, अम्बेडकर नगर, एटा, हाथरस, कासगंज, मथुरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, जौनपुर, गाजीपुर, चन्दौली, महराजगंज, देवरिया, कुशीनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, बदायूं, शाहजहाँपुर, पीलीभीत, रामपुर, बिजनौर, अमरोहा, सम्भल, प्रतापगढ़, फतेहपुर, कौशाम्बी, चित्रकूट, हमीरपुर, महोबा, सोनभद्र, भदोही, मऊ, बलिया, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, ललितपुर, जालौन, मुजफ्फरनगर एवं शामली में भी एक-एक जनपदीय साइबर क्राइम पुलिस थाना की स्थापना किया जाना औचित्यपूर्ण है। योगी मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय
इन 57 जनपदीय साइबर क्राइम पुलिस थानों में विभिन्न श्रेणी के कुल 1,425 पदों के सृजन का प्रस्ताव है। इस जनशक्ति पर आने वाला अनुमानित आवर्तक व्ययभार 91 करोड़ 24 लाख 37 हजार 532 रुपये एवं अनावर्तक व्ययभार 42 लाख 75 हजार रुपये अर्थात कुल-व्यय-भार 91 करोड़ 67 लाख 12 हजार 532 रुपये की आवश्यकता होगी। इन 57 साइबर क्राइम थानों में उपकरण संसाधन/साज-सज्जा पर 35 करोड़ 57 लाख 38 हजार 596 रुपये का व्ययभार अनुमानित है। इस प्रकार इन 57 जनपदीय साइबर क्राइम पुलिस थानों की स्थापना पर कुल धनराशि 01 अरब 27 करोड़ 24 लाख 51 हजार 128 रुपये मात्र का व्ययभार अनुमानित है।

जनपद आगरा में अन्तरराष्ट्रीय आलू केन्द्र का साउथ एशिया रीजनल सेण्टर स्थापित किये जाने हेतु राजकीय प्रक्षेत्र सींगना में स्थित उद्यान विभाग की 10 हे0 भूमि भारत सरकार के नियंत्रणाधीन राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड को 99 वर्ष के लिए निःशुल्क दिये जाने हेतु लीज डीड पर आने वाले स्टाम्प तथा निबन्धन शुल्क में छूट प्रदान किये जाने के सम्बन्ध में

मंत्रिपरिषद ने जनपद आगरा में राजकीय प्रक्षेत्र, सींगना में अन्तरराष्ट्रीय आलू केन्द्र, पेरू का साउथ एशिया रीजनल सेण्टर स्थापित किये जाने हेतु ग्राम सींगना, तहसील-किरावली, जनपद-आगरा में स्थित उद्यान विभाग की भूमि क्षेत्रफल 138.50 हेक्टेयर में से चिन्हित 10 हेक्टेयर भूमि को कृषि एवं किसान कल्याण, उद्यान प्रभाग, भारत सरकार के नियंत्रणाधीन स्वायत्तशासी निकाय राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड, गुरुग्राम हरियाणा को 99 वर्ष के लिये निःशुल्क लीज पर दिये जाने हेतु उद्यान विभाग, उ0प्र0 व राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड, गुरुग्राम हरियाणा के बीच होने वाली हस्ताक्षरित लीज डीड पर देय 37 लाख 50 हजार रुपये का स्टाम्प शुल्क तथा 07 लाख 50 हजार रुपये के निबन्धन शुल्क में छूट दिये जाने हेतु स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग से अपेक्षित अधिसूचना निर्गत कराये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।आलू की उच्च उपज वाली, निर्यात व प्रसंस्करण योग्य, जलवायु के अनुकूल, रोगों व कीटों से प्रतिरोधी, पोषक तत्वों से भरपूर एवं लम्बे समय तक भण्डारण योग्य प्रजातियों के विकास करने व कृषकों को गुणवत्तायुक्त आलू बीज की नयी किस्में तथा उनकी उपज का उचित मूल्य प्राप्त होने का अवसर उपलब्ध कराने आदि के उद्देश्य से जनपद आगरा में स्थित उद्यान विभाग के राजकीय प्रक्षेत्र सींगना में अन्तरराष्ट्रीय आलू केन्द्र पेरू का साउथ एशिया रीजनल सेन्टर स्थापित किया जाना है।

उ0प्र0 कृषि उत्पादन मण्डी (अट्ठाइसवां संशोधन) नियमावली, 2023 के प्रख्यापन के सम्बन्ध में योगी मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय

मंत्रिपरिषद ने कृषि उत्पादों हेतु राष्ट्रीय स्तर पर कृषकों को बाजार (ई-नाम) उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से प्रदेश के बाहर के व्यापारियों को प्रदेश में तथा प्रदेश के व्यापारियों को अन्य प्रदेशों में विनिर्दिष्ट कृषि उत्पादों को व्यापार हेतु लाइसेंस उपलब्ध कराये जाने के लिए उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मण्डी नियमावली, 1965 (यथासंशोधित) के नियम 70 में संशोधन करते हुए उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मण्डी (अट्ठाइसवां संशोधन) नियमावली, 2023 के प्रख्यापन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। कृषि विपणन सुधारों की दिशा में भारत सरकार के कृषि मंत्रालय द्वारा यह निर्देश प्रसारित किये गये हैं कि ई-नाम परियोजना के अन्तर्गत प्रदेश के बाहर के व्यापारियों को प्रदेश के विनिर्दिष्ट कृषि उत्पादों के क्रय-विक्रय हेतु लाइसेंस जारी कर अनुमति दी जाए। यह अनुमति पारस्परिक होगी, अर्थात् प्रदेश के व्यापारी भी अन्य प्रदेशों में विनिर्दिष्ट कृषि उत्पाद का क्रय, विक्रय कर सकेंगे अर्थात् Recognition of Trading Licences of other State (Reciprocity of trading licence) को राज्य की कृषि विपणन व्यवस्था में शामिल करना है।


भारत सरकार द्वारा निर्देशित कुल 13 कृषि विपणन सुधारों में से उत्तर प्रदेश राज्य द्वारा 12 सुधार अंगीकृत किये जा चुके हैं, जिसके फलस्वरूप केन्द्र सरकार द्वारा किये गये अनुश्रवण में प्रदेश को उच्च स्थान प्राप्त हुआ है। अब तक कुल सुधारों में से मात्र एक सुधार, दूसरे प्रदेश के व्यापारियों को प्रदेश में विनिर्दिष्ट कृषि उत्पादों के क्रय हेतु लाइसेंस दिये जाने को अंगीकार किया जाना शेष है, जिसे नियमावली में प्रस्तावित संशोधन करके अंगीकार किये जाने का निर्णय लिया गया है।प्रस्तावित संशोधन लागू किये जाने से अन्तरराज्यीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, किसानों को उनके उपज का प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य प्राप्त होगा, कृषकों को अन्य राज्यों में भी बाजार का विकल्प उपलब्ध होगा तथा इससे व्यापार बाधारहित, त्वरित एवं प्रतिस्पर्धात्मक होगा।
अन्य राज्यों के व्यापारियों को लाइसेंस जारी करने से राज्य के विनिर्दिष्ट कृषि उत्पादों का क्रय अन्य राज्य के व्यापारी सीधे कृषकों से कर सकेंगे। इसी प्रकार दूसरे प्रदेश के कृषि उत्पादों का क्रय भी प्रदेश के व्यापारी सीधे कृषकों से कर सकेंगे। इससे प्रदेश के कृषकों एवं व्यापारियों को लाभ होगा। प्रस्तावित व्यवस्था से कृषकों को पहली बार सीधे राष्ट्रीय स्तर पर बाजार उपलब्ध होगा, जिससे प्रतिस्पर्धा के कारण उन्हें बेहतर मूल्य मिलने की संभावना है। बाजार का विस्तारीकरण होगा एवं कृषकों तथा व्यापारियों को उत्पाद के विपणन हेतु विकल्प उपलब्ध होंगे, जिससे प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार को बढ़ावा मिलेगा योगी मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय

भारत सरकार की भारतनेट योजना के अन्तर्गत ग्राम पंचायतों तक ऑप्टिकल फाइबर केबिल बिछाने तथा मोबाइल कनेक्टिविटी से वंचित गांवों में 4जी मोबाइल सेवाओं की संतृप्ति हेतु उपलब्ध कराये जाने वाली वन भूमि के प्रीमियम और लीज रेण्ट के भुगतान से छूट प्रदान किए जाने के सम्बन्ध में

मंत्रिपरिषद ने भारत संचार निगम लिमिटेड को भारतनेट योजना के अन्तर्गत ग्राम पंचायतों तक ऑप्टिकल फाइबर केबिल बिछाने तथा मोबाइल कनेक्टिविटी से वंचित गांवों में 4जी मोबाइल सेवाओं की संतृप्ति हेतु उपलब्ध करायी जाने वाली वन भूमि के प्रीमियम और लीज रेण्ट के भुगतान से भारत संचार निगम लिमिटेड को छूट प्रदान किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। भारत सरकार की नेशनल ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क (एन0ओ0एफ0एन0) परियोजना के अन्तर्गत प्रदेश में ब्रॉडबैण्ड कनेक्टिविटी हेतु ग्राम पंचायत स्तर पर ऑप्टिकल फाइबर केबिल बिछाया जाना तथा मोबाइल कनेक्टिविटी से वंचित गांवों में मोबाइल सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए मोबाइल टावर्स की स्थापना, इन क्षेत्रों में स्थानीय जनता, ग्राम पंचायतों एवं राज्य सरकार के हित में है। इस कार्य हेतु भारत सरकार द्वारा स्पेशल परपज वेहिकिल के रूप में भारत ब्रॉडबैण्ड नेटवर्क लिमिटेड (बी0बी0एन0एल0) का चयन किया गया है।
परियोजना को उत्तर प्रदेश में क्रियान्वित किये जाने के सम्बन्ध में राज्य सरकार द्वारा दूरसंचार विभाग, भारत सरकार एवं भारत ब्रॉडबैण्ड नेटवर्क लिमिटेड के साथ दिनांक 26-10-2012 को हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन में इस आशय का प्राविधान है कि नेशनल ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क द्वारा कनेक्टिविटी प्रदान किया जाना स्थानीय जनता, ग्राम पंचायत एवं राज्य सरकार के हित में है। इसलिए राज्य सरकार के स्थानीय निकाय, राज्य सरकार की कम्पनियों तथा एजेंसियों द्वारा राइट ऑफ वे (आर0ओ0डब्ल्यू0) चार्जेज अधिरोपित नहीं किये जाएंगे।


इसके अतिरिक्त देश के मोबाइल कनेक्टिविटी से वंचित गांवों में 4जी मोबाइल सेवाओं की संतृप्ति हेतु भारत सरकार की योजना के क्रियान्वयन के लिए प्रदेश के विभिन्न जनपदों के चिन्हित 361 गांवों को परियोजना के अन्तर्गत आच्छादित किए जाने हेतु 226 स्थानों पर नये मोबाइल टावर्स का निर्माण किये जाने हेतु 200 वर्गमीटर ग्राम सभा की भूमि जिला प्रशासन के माध्यम से चिन्हित कर भारत संचार निगम लिमिटेड को निःशुल्क उपलब्ध कराये जाने हेतु मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है। ग्राम पंचायतों तक ऑप्टिकल फाइबर बिछाने हेतु राइट ऑफ वे अनुमति के लिए तथा मोबाइल टावर्स का निर्माण किये जाने हेतु 200 वर्गमीटर निःशुल्क भूमि उपलब्ध कराये जाने के विषय में वन विभाग द्वारा भूमि के प्रीमियम तथा वार्षिक लीज रेन्ट की मांग की जा रही है। अतः भारत संचार निगम लिमिटेड द्वारा इससे छूट प्रदान किये जाने की मांग की गयी। मंत्रिपरिषद के इस निर्णय से आम जनमानस को दूरसंचार सेवाओं की सुगम उपलब्धता होगी, जिससे जन-सामान्य को अपने व्यावसायिक कार्यकलापों के निष्पादन में भी सुगमता होगी तथा इससे उनका सामाजिक-आर्थिक उत्थान होगा। आम जनमानस को दूरसंचार सेवाओं की सुगम उपलब्धता के फलस्वरूप विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र इत्यादि कार्य-कलापों के विस्तार से भी प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न होंगे। योगी मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय

उ0प्र0 औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2022 के अन्तर्गत प्रदेश में मेगा श्रेणी के औद्योगिक उपक्रमों हेतु विशेष सुविधाएं एवं रियायतें अनुमन्य कराये जाने विषयक

मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2022 के अन्तर्गत प्रदेश में मेगा श्रेणी के औद्योगिक उपक्रमों हेतु विशेष सुविधाएं एवं रियायतें अनुमन्य कराये जाने विषयक शासनादेश संख्या-21/2023/1307/ 77-6-2023-2 (एम), 2022 दिनांक 14 अप्रैल, 2023 द्वारा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय प्राधिकृत समिति (एच0एल0ई0सी0) की दिनांक 29 सितम्बर, 2023 को सम्पन्न प्रथम बैठक में की गई संस्तुतियों पर अनुमोदन प्रदान कर दिया है।
ज्ञातव्य है कि उ0प्र0 औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2022 में अनुमन्य वित्तीय प्रोत्साहन हेतु अर्ह मेगा श्रेणी एवं उससे उच्च औद्योगिक इकाइयों को लेटर ऑफ कम्फर्ट निर्गत किये जाने की संस्तुति किये जाने का अधिकार मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय प्राधिकृत समिति (एच0एल0ई0सी0) में निहित है। इस उच्च स्तरीय प्राधिकृत समिति द्वारा की गई संस्तुति का अंतिम अनुमोदन मंत्रिपरिषद द्वारा प्रदान किये जाने का प्राविधान है। योगी मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय
इस बैठक में वरुण वेबरेजेस की चार औद्योगिक इकाईयों को निम्न विवरण के अनुसार लेटर ऑफ कम्फर्ट निर्गत करने की संस्तुति की गयी है :-
(क) अमेठी परियोजना : 713.75 करोड़ रुपये – 4.67 करोड़ रुपये = 709.08 करोड़ रुपये आगणित पात्र पूंजी निवेश (ई0सी0आई0)।
(ख) प्रयागराज परियोजना : 1019.87 करोड़ रुपये – 25.08 करोड़ रुपये = 994.79 करोड़ रुपये आगणित पात्र पूंजी निवेश (ई0सी0आई0)।
(ग) गोरखपुर परियोजना : 1040.24 करोड़ रुपये – 25.22 करोड़ रुपये = 1015.02 करोड़ रुपये आगणित पात्र पूंजी निवेश (ई0सी0आई0)।
(घ) चित्रकूट परियोजना : 473.45 करोड़ रुपये – 26.77 करोड़ रुपये =
446.68 करोड़ रुपये आगणित पात्र पूंजी निवेश (ई0सी0आई0)।
  उपरोक्त विवरणानुसार आगणित पात्र पूंजी निवेश (ई0सी0आई0) के सापेक्ष नीति में प्राविधानित प्रोत्साहन विकल्पों में से शुद्ध एस0जी0एस0टी0 रिफण्ड का विकल्प चयनित किया गया है।

हरदुआगंज (1×660) मेगा वॉट तापीय विस्तार परियोजना की तृतीय पुनरीक्षित लागत 6352.14 करोड़ रु0 स्वीकृत

मंत्रिपरिषद ने इनर्जी टास्क फोर्स के अनुमोदन के क्रम में हरदुआगंज (1×660) मेगा वॉट तापीय विस्तार परियोजना की तृतीय पुनरीक्षित लागत 6352.14 करोड़ रुपये को स्वीकृति प्रदान कर दी है। सुपर क्रिटिकल तकनीक एवं नये पर्यावरण मानकां के अनुरूप एस0सी0आर0 (सिलेक्टिव केटालिटिक रिडक्शन) एवं एफ0जी0डी0 (फ्लू गैस डीसल्फराइजेशन) की स्थापना के साथ प्रदेश की प्रथम इकाई हरदुआगंज (1×660) मेगा वॉट तापीय विस्तार परियोजना, कासिमपुर, अलीगढ़ की तृतीय संशोधित लागत अनुमोदित की गयी है। इसका 70 प्रतिशत भाग वित्तीय संसाधनों से स्वीकृत ऋण एवं 30 प्रतिशत शासकीय अंशपूंजी द्वारा पोषित होगा। परियोजना को 09 फरवरी, 2022 से वाणिज्यिक भार पर घोषित किया जा चुका है। परियोजना से उत्पादित शत-प्रतिशत बिजली प्रदेश की जनता को प्राप्त हो रही है।

  सहारनपुर विकास प्राधिकरण के विकास क्षेत्र में 33 राजस्व ग्रामों को सम्मिलित किये जाने का प्रस्ताव स्वीकृत

मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश नगर योजना एवं विकास अधिनियम-1973 के प्राविधानों के अन्तर्गत विकास क्षेत्र की निरन्तरता एवं सुनियोजित विकास हेतु अधिनियम की धारा-3 के अन्तर्गत सहारनपुर विकास प्राधिकरण के विकास क्षेत्र में कुल 33 राजस्व ग्रामों को सम्मिलित किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश नगर योजना एवं विकास अधिनियम, 1973 की धारा-3 के प्राविधानों के अन्तर्गत सुनियोजित विकास हेतु शासनादेश संख्या-1347/9-आ0वि0-95-67-डीए/83 दिनांक 03.05.1995 द्वारा सहारनपुर विकास प्राधिकरण का गठन किया गया तथा पूर्व से अधिसूचित विनियमित क्षेत्र (सहारनपुर नगरपालिका के सीमा के अन्तर्गत आने वाले तथा उसके आस-पास 102 राजस्व ग्रामों) को यथावत रखा गया।
सहारनपुर विकास प्राधिकरण के विकास क्षेत्र का सीमा विस्तार औचित्यपूर्ण होने के दृष्टिगत तहसील सहारनपुर सदर के 18 राजस्व ग्रामों, तहसील नकुड़ के 08 राजस्व ग्रामों, तहसील रामपुर मनिहारन के 05 राजस्व ग्रामों एवं 02 ग्राम (ग्राम-उग्राहू अहतमल, तहसील सदर एवं ग्राम मिर्जापुर तहसील नकुड़) जो पूर्व के अधिसूचित होने से छूट गये थे, को सम्मिलित करते हुये कुल 33 राजस्व ग्रामों को सहारनपुर विकास प्राधिकरण के विकास क्षेत्र में सम्मिलित किया जाना है।
सहारनपुर नगर एवं आस-पास के क्षेत्रों में जनसंख्या वृद्धि एवं प्रमुख मार्गों पर तीव्र औद्योगिक एवं व्यावसायिक गतिविधियाँ विद्यमान हैं। इसके कारण नगर एवं आस-पास के क्षेत्रों में होने वाले विकास एवं निर्माण कार्य को सुनियोजित विकास का स्वरूप देने हेतु सहारनपुर विकास प्राधिकरण के विकास क्षेत्र का सीमा विस्तार किया जाना नितांत आवश्यक है।

अधिवक्ता कल्याण निधि (कॉर्पस फण्ड) को बढ़ाकर 500 करोड़ रु0 किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति

मंत्रिपरिषद ने अधिवक्ता कल्याण निधि (कॉर्पस फण्ड) को बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। ज्ञातव्य है कि प्रदेश अधिवक्ताओं के कल्याण के संवर्धन के निमित्त अधिवक्ता कल्याण निधि (कॉर्पस फण्ड) की स्थापना की गयी है। इसके द्वारा वर्तमान में अधिवक्ताओं की मृत्यु के पश्चात उनके विधिक वारिसों/आश्रितों को आर्थिक सहायता के रूप में 05 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की जाती है। वर्तमान सरकार द्वारा अपने संकल्प पत्र-2017 के क्रम में अधिवक्ताओं की मृत्यु पर उनके परिजनों को मिलने वाली सहायता राशि की आयु सीमा को बढ़ाकर 70 वर्ष कर दिया गया है। मृतक अधिवक्ताओं के आश्रितों को प्रदान की जाने वाली आर्थिक सहायता की राशि 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 05 लाख रुपये कर दी गयी है। इससे उनके आश्रितों को अधिक आर्थिक सुरक्षा प्रदान होगी।

आबकारी नीति वर्ष 2024-25 के प्रख्यापन के संबंध में

मंत्रिपरिषद ने आबकारी नीति वर्ष 2024-25 के प्रख्यापन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। ज्ञातव्य है कि मादक वस्तुओं के निर्माण, परिवहन, आयात, निर्यात, बिक्री एवं कब्जे में रखे जाने सम्बन्धी गतिविधियों को विनियमित एवं नियंत्रित करते हुए प्रदेश के वित्तीय संसाधनों की वृद्धि करने, उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर गुणवत्ता पूर्ण मदिरा उपलब्ध कराये जाने, निवेश को प्रोत्साहन देने, राज्य को आत्मनिर्भर उत्पादक राज्य बनाये जाने, कृषि उत्पादों को नष्ट होने से बचाते हुए किसानी की आय में वृद्धि करने और रोजगार सृजन के अवसर प्रदान करने, मदिरा पान को जिम्मेदार एवं सुरक्षित सीमा में रखे जाने, लिकर माफियाओं के प्रभुत्व को समाप्त करते हुए दुकानों के आवंटन में पूर्ण पारदर्शिता तथा निष्पक्षता लाने और आवंटन प्रक्रिया में मानव हस्तक्षेप समाप्त किये जाने, प्रक्रियाओं का सरलीकरण कर ईज आफ डूइंग बिजनेस एवं गुड गवर्नेन्स को बढ़ावा देने, धनराशियों का अंतरण डिजिटल माध्यम से कराये जाने, अवैध मदिरा के निर्माण विक्रय पर पूर्ण नियंत्रण किये जाने, राजस्व क्षति एवं चोरी को रोकते हुए विकासोन्मुख सरकारी परियोजनाओं के पर्याप्त वित्तपोषण हेतु अधिकतम राजस्व का अर्जन एवं आबकारी नीति को आकर्षक बनाते हुए मदिरा व्यवसाय को स्थायित्व प्रदान करने आदि उद्देश्यों के दृष्टिगत आबकारी नीति वर्ष 2024-25 प्रख्यापित की जा रही है।


इसके मुख्य प्राविधान इस प्रकार हैं :-


(1) वर्ष 2023-24 में देशी मदिरा की तीव्रता एवं प्रकार के आधार पर प्रचलित श्रेणियों के स्थान पर वर्ष 2024-25 में देशी मदिरा की निम्नांकित श्रेणियां रखी जाएंगी :-
(क) शीरा से निर्मित ई0एन0ए0 आधारित 36 प्रतिशत वी0/वी0 (मसाला) 200 एम0एल0 की धारिता की काँच, पेट की बोतलों तथा एसेप्टिक ब्रिक पैक में।
(ख) शीरा से निर्मित ई0एन0ए0 आधारित 25 प्रतिशत वी0/वी0 (सुवासित) 200 एम0एल0 की धारिता की काँच, पेट की बोतलों तथा एसेप्टिक ब्रिक पैक में।
(2) यू0पी0एम0एल0 जिसकी बिक्री देशी मदिरा दुकानों से ही अनुमन्य होगी, की निम्नांकित श्रेणियां वर्ष 2024-25 हेतु निर्धारित की गयी हैं :-
(क) ग्रेन ई0एन0ए0 आधारित 42.8 प्रतिशत वी0/वी0 (मसाला) 200 एम0एल0 की धारिता की काँच, पेट की बोतलों तथा एसेप्टिक ब्रिक पैक में।
(ख) ग्रेन ई0एन0ए0 आधारित 36 प्रतिशत वी0/वी0 (मसाला) 200 एम0एल0 की धारिता की काँच, पेट की बोतलों तथा एसेप्टिक ब्रिक पैक में।
(3) वर्ष 2024-25 हेतु वर्ष 2023-24 के व्यवस्थित वार्षिक एम0जी0क्यू0 पर 10 प्रतिशत की वृद्धि कर देशी मदिरा दुकानों का एम0जी0क्यू0 निर्धारित किया जाएगा। देशी मदिरा की फुटकर दुकानों की बेसिक लाइसेंस फीस की दर 32 रुपये प्रति बल्क लीटर वार्षिक एम0जी0क्यू0 के आधार पर निर्धारित की गयी है।
(4) वर्ष 2024-25 हेतु 36 प्रतिशत तीव्रता की देशी मदिरा अथवा यू0पी0एम0एल0 के संदर्भ में प्रतिफल फीस, लाइसेंस फीस की दर 254 रुपये प्रति बल्क लीटर निर्धारित की जाती है।
(5) वर्ष 2024-25 के लिये यू0पी0एम0एल0 एवं देशी मदिरा की एम0आर0पी0 05 रुपये के अगले गुणक में रखी जायेगी। आगणित एम0आर0पी0 और 05 रुपये के अगले गुणक में निर्धारित एम0आर0पी0 के अंतर को अतिरिक्त प्रतिफल शुल्क के रुप में वसूला जाएगा।
(6) विदेशी मदिरा, बीयर, भांग, मॉडल शाप दुकानों की वर्ष 2024-25 हेतु वार्षिक लाइसेंस फीस वर्ष 2023-24 की वार्षिक लाइसेंस फीस पर 10 प्रतिशत वृद्धि करते हुए निर्धारित की जाती है। वर्ष 2024-25 हेतु भारत निर्मित विदेशी मदिरा (आई0एम0एफ0एल0) एवं बीयर की प्रतिफल फीस एवं एम0आर0पी0 का निर्धारण यथावत रखा गया है।
(7) एफ0एल0-3 ए की फ्रैंचाइजी फीस विदेशी मदिरा के मामले में 04 रुपये प्रति लीटर निर्धारित किया गया है। बीयर के मामले में फ्रैंचाइजी फीस 01 रुपये प्रति लीटर निर्धारित की गयी है।
(8) अन्य राज्यों की इकाइयों में उत्पादित एल0ए0बी0 की उत्तर प्रदेश में बिक्री हेतु अनुज्ञापन बी0डब्ल्यू0एफ0एल0-2डी की लाइसेंस फीस में वृद्धि की गयी है। वर्ष 2024-25 में बोतलों में आयातित विदेशी मदिरा पर आयात अनुज्ञा-पत्र फीस 12 रुपये प्रति बल्क लीटर ली जाएगी। माल्ट स्प्रिट, एच0बी0एस0 स्पेशल स्प्रिट आदि के बल्क में आयात पर 25 रुपये प्रति बल्क लीटर आयात अनुज्ञा-पत्र फीस ली जाएगी। विदेशी मदिरा (माल्ट स्प्रिट, एच0बी0एस0, स्पेशल स्प्रिट आदि को छोड़कर) अथवा ग्रेन ई0एन0ए0 के आयात पर 12 रुपये प्रति बल्क लीटर आयात अनुज्ञा-पत्र फीस ली जाएगी।
(9) वर्ष 2024-25 में प्रीमियम एवं उससे ऊपर की श्रेणियों की विदेशी मदिरा की बिक्री 60 एम0एल0 एवं 90 एम0एल0 की धारिता की शीशे की बोतलों के साथ-साथ सिरोंग पैक में भी अनुमन्य होगी।
(10) किसी बार अनुज्ञापन परिसर से सम्बन्धित भवन के दूसरे परिसर, टेरेस में बार अनुज्ञापी द्वारा अपने अतिरिक्त बार काउंटर की स्थापना हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत किये जाने पर लाइसेंस प्राधिकारी द्वारा प्रकरण का परीक्षण करते हुए इसकी स्वीकृति प्रदान की जा सकेगी। इस हेतु बार अनुज्ञापन की लाइसेंस फीस का 25 प्रतिशत या 02 लाख 50 हजार रुपये मात्र, जो अधिक हो, शुल्क लिया जाएगा। कतिपय श्रेणी वाले क्षेत्रों में एफ0एल0-7 बार अनुज्ञापन और एफ0एल0-7ए क्लब बार अनुज्ञापन की फीस में वृद्धि की गयी है। इवेंट बार, समारोह बार लाइसेंस की कार्यावधि आवेदक द्वारा विनिश्चित करते हुए आवेदन पत्र में इसे अंकित किया जायेगा, परन्तु यह अवधि अधिकतम 12 घण्टे ही होगी और रात्रि 12 बजे तक ही होगी।
(11) वर्ष 2024-25 में बार अनुज्ञापन एवं माइक्रो ब्रिवरी का अनुज्ञापन एक साथ आवेदित करने पर बार अनुज्ञापन एवं माइक्रो ब्रिवरी की सम्मिलित लाइसेंस फीस में 01 लाख रुपये मात्र की छूट प्रथम वर्ष में प्रदान की जाएगी।
(12) वर्ष 2024-25 में भारत में निर्मित वाइन (जिसमें नियमानुसार अनुमन्य अन्य प्रकार की वाइन के अतिरिक्त साइडर और पेरी भी सम्मिलित माने जाएंगे) पर आयात शुल्क 04 रुपये प्रति बल्क लीटर रखा गया है।
(13) वर्ष 2024-25 हेतु कांच की बोतलों और एल्युमीनियम केन में ही वाइन एवं एल0ए0बी0 की आपूर्ति अनुमन्य होगी। कैन में आपूर्ति इस प्रतिबंध के साथ अनुमन्य की जायेगी कि शेल्फ लाइफ मात्र 09 माह ही होगी एवं संबंधित उत्पादक की ओर से लेबिल पर बड़े अक्षरों में शेल्फ लाइफ अंकित की जायेगी। संबंधित उत्पादकों द्वारा कैन में आपूर्ति हेतु उपयुक्तता का प्रमाण पत्र सी0एफ0टी0आर0आई0, मैसूर के निदेशक की ओर से न्यूनतम 12 माह का प्रस्तुत करना होगा।
(14) कम तीव्रता के मादक पेय की एम0आर0पी0 व प्रतिफल फीस के निर्धारण हेतु नवीन सूत्र निधारित किया गया है।
(15) बीयर दुकानों हेतु उपभोग की सुविधा ऑनलाइन आवेदन पत्र प्राप्त होने पर जिलाधिकारी के अनुमोदनोपरांत जिला आबकारी अधिकारी द्वारा अनुमन्य की जाएगी, परन्तु इस हेतु न्यूनतम 100 वर्ग फीट का पृथक परिसर (परमिट रूम) दुकान के 20 मीटर की परिधि के अंदर होना चाहिये। परमिट रूम की सुविधा हेतु 5,000 रुपये शुल्क वित्तीय वर्ष अथवा वित्तीय वर्ष के किसी भाग के लिये लिया जायेगा। परमिट रूम में कैंटीन की सुविधा अनुमन्य नहीं होगी।
(16) प्रत्येक फुटकर दुकान पर डिजिटल पेमेंट की सुविधा रखना अनिवार्य होगा।
(17) माइक्रो ब्रिवरी द्वारा उत्पादित बीयर पर प्रतिफल शुल्क की दर वर्ष 2024-25 में 100 रुपये प्रति बल्क लीटर निर्धारित किया गया है।
(18) सक्षम स्तर से अनापत्ति प्राप्त होने पर हवाई अड्डों और मेट्रो स्टेशन, रेलवे स्टेशन के अंदर भी प्रीमियम रिटेल वेण्ड अनुमन्य होंगे। ऐसी दुकानों का प्रवेश एवं निकास द्वार मुख्य भवन के अंदर से होगा।
(19) बी0आई0ओ0-1 अनुज्ञापी यदि किसी अन्य नगर निगम के जनपद अथवा मण्डल मुख्यालय के जनपद में भी अनुज्ञापन लेना चाहता है, तब उसे बी0आई0ओ0-1ए अनुज्ञापन स्वीकृत किया जाएगा, जिसकी लाइसेंस फीस 05 लाख रुपये होगी। इस लाइसेंस को बी0आई0ओ0-1 की समस्त सुविधाएं प्राप्त होंगी।
(20) समुद्रपार आयातित एल0ए0बी0 की एम0आर0पी0 के निर्धारण हेतु नवीन सूत्र निर्धारित किया गया है।
(21) वर्ष 2024-25 हेतु भांग की अन्य प्रांतों हेतु निर्यात फीस को 30 रुपये प्रति किलोग्राम रखा गया है। वर्ष 2023-24 में भांग की थोक आपूर्ति के सम्बन्ध में की गयी व्यवस्था को वर्ष 2024-25 में इस सम्बन्ध में कोई नवीन व्यवस्था लागू होने तक यथावत रखा गया है। भांग की थोक आपूर्ति हेतु आपूर्तकों के चयन और प्राप्त दरों का अनुमोदन आबकारी आयुक्त द्वारा किया जाएगा। योगी मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय
(22) वर्ष 2024-25 में, वर्ष 2023-24 में व्यवस्थित देशी मदिरा, विदेशी मदिरा, बीयर, माडल शॉप, भांग, की कुल दुकानों के 03 प्रतिशत तक के समतुल्य दुकानों के सृजन का अधिकार आबकारी आयुक्त उ0प्र0 को दिया गया है। इससे अधिक की आवश्यकता पड़ने पर शासन की अनुमति से नई दुकानों का सृजन किया जा सकेगा।
(23) वित्तीय वर्ष 2024-25 हेतु भी फुटकर दुकानों का व्यवस्थापन नवीनीकरण के माध्यम से कराये जाने का निर्णय लिया गया है।
(24) प्रतिभूति का अंतर निर्धारित अवधि तक न जमा करने पर 2,000 रुपये प्रति दिवस की दर से अर्थ दण्ड आरोपित होगा। अर्थ दण्ड सहित मात्र 15 दिवस की अवधि प्रतिभूति का अंतर जमा करने हेतु अनुमन्य होगी और इस अतिरिक्त अवधि में भी प्रतिभूति का अंतर जमा न करने पर नवीनीकरण निरस्त कर दिया जाएगा।
(25) थोक अनुज्ञापनों (सी0एल0-2, एफ0एल0-2, एफ0एल0-2बी) का नवीनीकरण किया जाएगा। वर्ष 2024-25 हेतु थोक अनुज्ञापनों (सी0एल0-2, एफ0एल0-2, एफ0एल0-2बी) की नवीनीकरण फीस 01 लाख 50 हजार रुपये निर्धारित की गयी है। थोक अनुज्ञापनों के नवीनीकरण हेतु प्रस्तुत आवेदन पत्रों पर प्रासेसिंग फीस देय नहीं होगी।
(26) वर्ष 2024-25 में किसी ब्राण्ड के पंजीकरण, नवीनीकरण हेतु ट्रेड मार्क पंजीकरण प्रमाण पत्र आवश्यक नहीं होगा।
(27) एथेनाल ब्लेंडिंग प्रोग्राम के अंतर्गत ऑयल मिक्सिंग डिपोज को एथेनाल की आपूर्ति के लिये परमिट प्राप्त करने हेतु ऑनलाइन प्रस्तुत प्रार्थना पत्रों के निस्तारण हेतु 05 रुपये प्रोसेसिंग फीस ली जाएगी।
(28) बोतल में भरी भारत निर्मित विदेशी मदिरा और बीयर के देश के बाहर निर्यात की अनुमति हेतु ऑनलाइन प्रस्तुत आवेदन पत्रों की प्रासेसिंग फीस 05 हजार रुपये निर्धारित की गयी है।
(29) बल्क स्प्रिट के आयात की अनुमति हेतु ऑनलाइन प्रस्तुत आवेदन पत्रों की प्रासेसिंग फीस 05 हजार रुपये निर्धारित की जाती है। बल्क स्प्रिट के निर्यात (राज्य के बाहर परन्तु देश के अंदर) की अनुमति हेतु ऑनलाइन प्रस्तुत आवेदन पत्रों की प्रासेसिंग फीस 02 हजार रुपये निर्धारित की गयी है।
(30) त्रुटिपूर्ण कोषागार शीर्षक में जमा किये गये चालानों की धनराशि को सही शीर्षक में पोर्टल पर प्रविष्टि कराने हेतु प्राप्त आवेदन पत्रों के साथ 01 हजार रुपये का प्रोसेसिंग फीस के रूप में जमा किया गया चालान प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
(31) प्रीमियम रिटेल वेण्ड पर विक्रय हेतु अनुमन्य एसेसरीज में टॉनिक वाटर और कॉकटेल मिक्सर्स सम्मिलित होंगे, परन्तु ऐसे नॉन एल्कोहलिक पेय पदार्थ अनुमन्य नहीं हांगे, जिनके ब्रॉण्ड के नाम, पैकिंग, लेबिल आदि किसी मदिरा ब्रॉण्ड से मिलते-जुलते हों और उपभोक्ताओं में भ्रम की स्थिति उत्पन्न होने की सम्भावना हो। विवाद की स्थिति में आबकारी आयुक्त का निर्णय अंतिम होगा। माडल शॉप पर भी उक्त एसेसरीज की बिक्री अनुमन्य होगी।
(32) देशी मदिरा की नवीनीकृत फुटकर दुकानों पर दिनांक 01 अप्रैल, 2024 को उपलब्ध अवशेष देशी मदिरा स्टाक को दिनांक 05 अप्रैल, 2024 तक बिक्री करने की अनुमति प्रदान की जाती है। तत्पश्चात अवशेष स्टाक को जिला आबकारी अधिकारी व स्थानीय उप जिला कलेक्टर की संयुक्त समिति द्वारा वीडियोग्राफी कराते हुए नष्ट कर दिया जाएगा।
(33) विदेशी मदिरा व बीयर की फुटकर दुकानों, मॉडल शॉप्स, प्रीमियम रिटेल वेण्ड्स, बार, क्लब एवं समस्त जिला स्तरीय थोक अनुज्ञापनों और बॉण्ड अनुज्ञापनों, एफ0 एल0-1, एफ0एल0-1ए अनुज्ञापनों और बी0आई0ओ0-1 अनुज्ञापनों, जिनका वर्ष 2024-25 हेतु नवीनीकरण हुआ है, पर वर्ष 2022-23 के पूर्व निर्मित समस्त उपलब्ध अवशेष स्टाक को उप आबकारी आयुक्त प्रभार की देख-रेख में, जिला आबकारी अधिकारी व स्थानीय उप जिला कलेक्टर की संयुक्त समिति द्वारा वीडियोग्राफी कराते हुए नष्ट कर दिया जायेगा।
(34) 03 हजार रुपये से अधिक एम0आर0पी0 (प्रति बोतल) वाले भारत निर्मित विदेशी मदिरा के स्कॉच एवं सिंगल माल्ट ब्रॉण्डों की प्रदेश में बिक्री को प्रोत्साहित करने हेतु बी0डब्लू0एफ0एल0-2एए लाइसेंस भी प्रदान किये जाएंगे। बी0डब्ल्यू0एफ0एल0-2एए लाइसेंस की लाइसेंस फीस एवं प्रतिभूति बी0डब्ल्यू0एफ0एल0-2ए की लाइसेंस फीस के 60 प्रतिशत के बराबर होगी।
(35) पुलिस अथवा अन्य किसी संस्था द्वारा किसी भी फुटकर मदिरा, भांग दुकान अथवा थोक अनुज्ञापन का संचालन बिना लाइसेंस प्राधिकारी की पूर्वानुमति के बंद नहीं किया जायेगा अथवा उसे सील नहीं किया जायेगा। आबकारी विभाग के अधिकारी अगवा लाइसेंस प्राधिकारी द्वारा प्राधिकृत अधिकारी को छोड़ कर अन्य किसी अधिकारी द्वारा अनुज्ञापित परिसर का निरीक्षण बिना लाइसेंस प्राधिकारी की अनुमति के नहीं किया जायेगा। आबकारी विभाग के अधिकारी और लाइसेंस प्राधिकारी द्वारा प्राधिकृत अधिकारी द्वारा किये जाने वाले निरीक्षणों को छोड़ कर प्रत्येक निरीक्षण कार्यवाही की अनिवार्यतः वीडियोग्राफी करायी जायेगी।
(36) विदेशी मदिरा उत्पादक आसवनियों, यवासवनियों और द्राक्षासवनियों में पर्यटकों को भ्रमण कराया जाना और ब्रॉण्ड की टेस्टिंग कराया जाना अनुमन्य होगा। इस हेतु 50 हजार रुपये आसवनी से, 25 हजार रुपये यवासवनियों से शुल्क लिया जायेगा। द्राक्षासवनियों से कोई शुल्क नहीं लिया जायेगा। योगी मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय1
(37) किसी आसवनी में अधिष्ठापित क्षमता का संपूर्ण उपभोग हो जाने के पश्चात विशेष परिस्थितियों में बल्क स्प्रिट क्रय करके अधिष्ठापित क्षमता से अधिक मदिरा निर्माण की अनुमति आबकारी नीति वर्ष 2024-25 के प्रख्यापन की तिथि से इस प्रतिबन्ध के साथ आबकारी आयुक्त द्वारा प्रदान की जा सकेगी कि अधिष्ठापित क्षमता से अधिक निर्मित मदिरा पर दोगुनी दर से लाइसेंस फीस देय होगी। यह सुविधा आसवनी को अपनी क्षमता विस्तार, नवीन इकाई की स्थापना आदि का अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से दी जा रही है और यह सुविधा एक बार ही प्रदान की जायेगी। (38) वर्ष 2024-25 के लिये अनुमानित राजस्व 50 हजार करोड़ रुपये रखा गया है। योगी मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय

द्वितीय राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग द्वारा सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारियों के पेंशन, पारिवारिक पेंशन एवं ग्रेच्युटी आदि के सम्बन्ध में की गयी संस्तुतियों में सम्मिलित संस्तुति संख्या-44.11 (ii) को लागू किये जाने के सम्बन्ध में

मंत्रिपरिषद ने द्वितीय राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग द्वारा सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारियों के पेंशन, पारिवारिक पेंशन एवं ग्रेच्युटी आदि के सम्बन्ध में की गयी संस्तुतियों में सम्मिलित संस्तुति संख्या-44.11 (ii) ‘यदि सेवानिवृत्त होने वाले न्यायिक अधिकारी की सेवानिवृत्ति तिथि के ठीक अगले दिन वेतन वृद्धि की तिथि नियत हो, तो उक्त अधिकारी की पेंशन की गणना उसके मूल वेतन में एक वेतन वृद्धि जोड़कर की जाएगी। उक्त वेतन वृद्धि केवल पेंशन के उद्देश्य के लिए होगी तथा 2,24,100 रुपये की उर्ध्व सीमा (वर्टिकल सीलिंग) के अधीन होगी।’ को लागू किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।प्रस्तावित प्रकरण सेवानिवृत्त होने वाले न्यायिक अधिकारियों की वेतन वृद्धि से सम्बन्धित है, जिसे मा0 सर्वाच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 19 मई, 2023 द्वारा स्वीकार किया गया है।

उ0प्र0 विधान सभा एवं विधान परिषद के वर्तमान सत्र का सत्रावसान तात्कालिक प्रभाव से करा दिए जाने का प्रस्ताव अनुमोदित

मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश विधान सभा एवं विधान परिषद के वर्तमान सत्र (वर्ष 2023 का तृतीय सत्र) का सत्रावसान तात्कालिक प्रभाव से करा दिए जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। वर्तमान में विधान मण्डल से कोई कार्य कराया जाना शेष नहीं है। इसलिए सत्रावसान कराने का निर्णय लिया गया है। योगी मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय