जानें क्या गुल खिलाएगी पीएम गति शक्ति योजना

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आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ हम अगले 25 वर्षों के भारत की बुनियाद रच रहे हैं। प्रधानमंत्री गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान भारत के इसी आत्मबल को, आत्मविश्वास को आत्मनिर्भरता के संकल्प तक ले जाने वाला है,ये नेशनल मास्टर प्लान 21वीं सदी के भारत को गति शक्ति देगा।गति शक्ति के अंडर लाने के लिए शुरुआत में 16 मंत्रालयों की पहचान की गई है, ये ऐसे मंत्रालय हैं जो या तो इंफ्रास्ट्रक्चर या कनेक्टिविटी से जुड़े काम देखते हैं या फिर आर्थिक ढांचे के रूप में काम करते हैं।

प्रधानमंत्री ने मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी के लिए 100 लाख करोड़ रुपये के राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य लॉजिस्टिक्स की लागत कम करना और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचे का विकास करना है। यह एक डिजिटल मंच है जिससे 16 मंत्रालयों को जोड़ा जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजना के शुभारंभ के अवसर पर कहा कि पीएम गतिशक्ति योजना का टारगेट, लॉजिस्टिक्स की लागत में कमी, कार्गो हैंडलिंग क्षमता को बढ़ाना और आवाजाही तेज करना है। उन्होंने कहा कि योजना का उद्देश्य सभी संबंधित विभागों को एक मंच पर जोड़कर परियोजनाओं को ज्यादा शक्ति और रफ्तार देना है।प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व की सरकारों पर आरोप लगाते हुए कहा कि इससे पहले विकास कामों में सुस्ती के साथ टैक्सपेयर्स के पैसे का सही इस्तेमाल नहीं किया जाता था और विभाग अलग-अलग काम करते थे, परियोजनाओं को लेकर उनमें कोई को-ऑर्डिनेशन नहीं था।

गति शक्ति योजना को लेकर सरकार के दावे-

  • 2024-25 तक दूरसंचार विभाग द्वारा 35 लाख किमी का ऑप्ट‍िकल फाइबर नेटवर्क बिछाने का प्लान है।
  • नेशनल इंडस्ट्र‍ियल कॉरिडोर डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत देश में 2024-25 तक 11 इंडस्ट्रि‍यल कॉरिडोर बनाने की योजना है।
  • सरकार की योजना गंगा नदी में 29 MMT क्षमता का और अन्य नदियों में 95 MMT क्षमता का कार्गो ढुलाई प्रोजेक्ट शुरु कराने की है।
  • वाराणसी से असम में तिनसुख‍िया जिले के सादिया तक साल भर फेरी चलाने की शुरुआत की जाएगी। इसी तरह बंदरगाहों से भी ढुलाई का लक्ष्य बढ़ाया जाएगा।
  • करीब 20 हज़ार करोड़ रुपये के निवेश से उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में 2 डिफेंस कॉरिडोर बनाने की योजना है,अनुमान है कि इससे देश में 1.7 लाख करोड़ रुपये के डिफेंस उपकरणों का उत्पादन हो सकेगा, जिसका बड़ा हिस्सा निर्यात भी किया जा सकेगा।
  •  NHAI द्वारा संचालित हाईवेज़ का देश में करीब 1 लाख किमी का नेटवर्क है. इसे 2024-25 तक बढ़ाकर 2 लाख किमी किए जाने की योजना है।
  •  रेलवे की कार्गो हैंडलिंग क्षमता को 1200 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 1600 मीट्रिक टन करने की योजना है।डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण में भी तेजी आने की उम्मीद है।

क्या है PM गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान :-

गतिशक्ति मास्टर प्लान एक ऐसा मंच है जहां सड़क से लेकर रेलवे, उड्डयन से लेकर कृषि मंत्रालय तक एक मंच से जुड़ेंगे, यहां उन प्रोजेक्ट को डाल दिया जाएगा जो मौजूदा समय में चल रहा है या आगामी दो से तीन सालों में पूरा होना है। इस मंच के जरिए अलग मंत्रालयों और विभागों के बीच रियल टाइम को-ऑर्डिनेशन होगा ताकि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की योजनाओं को भावी तरीके से लागू किया जा सकता है।

क्या कहा पीएम मोदी ने:

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य सभी संबंधित विभागों को एक मंच पर जोड़कर परियोजनाओं को अधिक शक्ति और गति देना है। उन्होंने कहा कि विभिन्न मंत्रालयों एवं राज्य सरकारों की बुनियादी ढांचा योजनाओं को एक समान दृष्टि से तैयार कर उनका कार्यान्वयन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे के बिना विकास संभव नहीं है और सरकार ने अब इसे समग्र रूप से विकसित करने का संकल्प लिया है।प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में ‘लॉजिस्टिक्स’ की ऊंची लागत जो सकल घरेलू उत्पाद का 13 प्रतिशत हिस्सा है, एक्सपोर्ट में प्रतिस्पर्धा को प्रभावित कर रही है और पीएम गतिशक्ति का उद्देश्य ‘लॉजिस्टिक्स’ की लागत कम करना और कामकाज को तेज करना है। पीएम मोदी ने कहा कि इस योजना से भारत को एक निवेश गंतव्य के रूप में बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के तहत भारत जिस गति और पैमाने को देख रहा है, वह आजादी के पिछले 70 वर्षों में कभी नहीं देखा गया था।मोदी ने उदाहरण देते हुए कहा कि पहली अंतर-राज्यीय प्राकृतिक गैस पाइपलाइन 1987 में चालू की गयी थी। तब से 2014 तक, 15,000 किलोमीटर प्राकृतिक गैस पाइपलाइन का निर्माण किया गया था। इस समय 16,000 किलोमीटर से अधिक नयी गैस पाइपलाइन का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “27 साल में जो किया गया, हम वह काम उससे आधे से भी कम समय में कर रहे हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के सत्ता में आने से पहले के पांच साल में 1,900 किलोमीटर रेल लाइन का दोहरीकरण किया गया था, जबकि पिछले सात वर्षों में 9,000 किलोमीटर रेल लाइन का दोहरीकरण हुआ है। उन्होंने कहा कि 2015 में मेट्रो नेटवर्क 250 किलोमीटर था और अब मेट्रो रेल नेटवर्क का विस्तार 700 किलोमीटर तक हो गया है तथा और 1,000 किलोमीटर पर काम चल रहा है।

क्या होगा फायदा :- 

पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के जरिए रियल टाइम के आधार पर सूचना और आंकड़ों उपलब्धा आसान होगी और चीजें ज्यादा स्पष्ट होंगी। इसके अलावा बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का काम बेहतर तरीके हो सकेगा, क्योंकि एक दूसरे विभाग पर दोष मढ़ने का विकल्प नहीं होगा, समस्या पैदा होने पर उनका निवारण के प्रति क्या रवैया है, इसे भी देखा जा सकेगा। इसके अलावा मंत्रालयों के बीच सूचना को लेकर कम विषमता होगी। साथ ही अकेले काम करने की स्थिति में कमी और अलग-अलग सरकारी एजेंसियों के बीच को-ऑर्डिनेशन के अभाव से होने वाली देरी से निपटने में भी मदद मिलेगी।