मिशन शक्ति-सशक्त महिला समर्थ उत्तर प्रदेश

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मिशन शक्ति-सशक्त महिला समर्थ उत्तर प्रदेश
मिशन शक्ति-सशक्त महिला समर्थ उत्तर प्रदेश

नए भारत का नया उत्तर प्रदेश कह रहा सफलता की नई कहानी। 2017-18 में प्रदेश की 14.2और 2022-23 में 32.10 फीसदी महिलाओं के हाथों को मिला था काम। रोजगार के दृष्टिगत 2022-23 में दो गुने से अधिक स्वावलंबी हुईं यूपी की मातृशक्ति। प्रदेश में महिलाओं को केंद्र व प्रदेश की योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ मिल रहा। प्रदेश में बेटियों से संबंधित योजनाओं को गति देने के लिए चलेगा महाअभियान। बेटियों की सुरक्षा के साथ ही उनकी समृद्धि के लिए तत्पर है योगी सरकार। बाल अधिकार सप्ताह,शक्ति संवाद,स्वावलंबन कैंप,मिशन कार्यशालाओं का होगा आयोजन। प्रदेश में बेटियां करेंगी ‘हक की बात जिलाधिकारी के साथ’। बालिका गृहों में आयोजित किये जाएंगे ‘दुर्गा शक्ति मेगा सेफ्टी वर्कशॉप’। कन्या सुमंगला और बाल सेवा योजनाओं के लिए चलेगा महा अभियान। बेटियों की सुरक्षा के साथ समृद्धि को तत्पर है योगी सरकार।यूपी के विद्यालयों में भी नारी की सुरक्षा,सम्मान और स्वावलंबन के लिए चलेगा बड़ा अभियान। मिशन शक्ति के चौथे चरण के लिए उच्च शिक्षा,माध्यमिक शिक्षा और बेसिक शिक्षा विभाग ने तैयार की कार्ययोजना। विद्यालयों में बेटियों को किया जाएगा उनके अधिकारों के प्रति जागरूक। वेबिनार,सेमिनार के माध्यम से बेटियों को महिला सुरक्षा के प्राविधानों और कानूनों की दी जाएगी जानकारी। बाल अधिकारों, सुरक्षा एवं संरक्षा,सेफ टच,अनसेफ टच आदि मुद्दों पर भी किया जाएगा जागरूक। पुलिस विभाग के सहयोग से प्रत्येक जनपद में महिला सुरक्षा एवं साइबर क्राइम पर चलेगा जागरूकता अभियान। खुद में इच्छा शक्ति,सरकार और प्रशासन का समर्थन हो तो महिलाएं कुछ भी करने को हैं तैयार। मिशन शक्ति-सशक्त महिला समर्थ उत्तर प्रदेश

नए भारत का नया उत्तर प्रदेश सफलता की नई कहानी कह रहा है। योगी सरकार ने समर्थ उत्तर प्रदेश के लिए महिला श्रमशक्ति को सशक्त बना दिया है। इनकी समृद्धि के लिए योगी सरकार संकल्पित है। महिलाओं के उत्थान के लिए योगी सरकार ने मिशन शक्ति के चतुर्थ चरण का आगाज किया है। नारी सुरक्षा,सम्मान व स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ते हुए शारदीय नवरात्रि से निरंतर इस पर अनेक आयोजन भी होंगे। वहीं केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं का पारदर्शी ढंग से शत-प्रतिशत लाभ भी प्रदेश की महिलाओं को मिल रहा है। सरकार की कुशल निगरानी व इच्छाशक्ति के परिणामस्वरूप महज छह वर्ष में महिला श्रमबल की भागीदारी में 17.9 फीसदी की वृद्धि भी हुई है। 2017-18 में जहां महिला श्रम शक्ति की भागीदारी महज 14.2 फीसदी थी,वहीं 2022-23 में बढ़कर यह 32.10 फीसदी हो गई है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक 2022-23 में भारत की भागीदारी दर 39.80 है तो यूपी की 32.10 फीसदी। वहीं 2017-18 में भारत की भागीदारी दर 25.3 फीसदी थी तो उस समय यूपी की भागीदारी दर 14.2 थी यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में महिलाओं की सशक्तिकरण पर ध्यान दिया तो योगी आदित्यनाथ ने यूपी में महिलाओं के स्वावलंबन पर। महज छह वर्ष के भीतर 2022-23 में यह महिला श्रमबल बढ़कर 32.10 फीसदी हो गया। यानी इनकी भागीदारी दर में 17.9 की वृद्धि हुई है,जो दर्शाती है कि योगी के प्रदेश में सुरक्षा व सम्मान पाकर महिलाएं स्वावलंबन की तरफ तेजी से अग्रसर हो रही हैं। मोदी-योगी की इस जोड़ी ने भारत व यूपी में महिला श्रमशक्ति को निखारते हुए उन्हें अपने पैर पर खड़ा होने का रास्ता दिया।

सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार से मिशन शक्ति के बारे में और जानकारी मांगी है। न्यायालय ने घरेलू हिंसा के मामलों से निपटने के लिए सुरक्षा अधिकारियों की संभावित कमी पर चिंता व्यक्त की है।

योगी सरकार महिलाओं से जुड़ी केंद्र-प्रदेश की योजनाओं के क्रियान्वयन व पारदर्शी ढंग से शत-प्रतिशत लाभ दिलाने पर पूरा ध्यान रखी है। केंद्र की बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत यूपी को 1.90 करोड़ बेटियों को जागरूक किया गया। मिशन शक्ति अभियान के तहत 8.99 करोड़ महिलाओं को जागरूक किया गया। 1,89,789 आंगनबाड़ी केंद्र स्वीकृत किए गए, इनमें से 1,89,014 केंद्र संचालित भी हैं। 10 लाख सेल्फ ग्रुप बनाकर एक करोड़ महिलाओं को जोड़ा गया। दो लाख से अधिक महिलाओं को पीएम स्वनिधि योजना से लाभान्वित किया गया। सभी 57 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में बीसी सखी की नियुक्ति की गई। सरकारी नौकरियों में भी डेढ़ लाख से अधिक महिलाओं को यूपी में नौकरी से जोड़ा गया। साथ ही अन्य सभी योजनाओं से महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं। प्रदेश में महिलाओं को केंद्र व प्रदेश की योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ मिल रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदितयनाथ के निर्देश पर महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से जहां 16 से 22 अक्टूबर तक जागरूकता सप्ताह का आयोजन होगा, वहीं 14 से 20 नवंबर तक महिला एवं बाल अधिकारों पर विभिन्न गतिविधियां जैसे नुक्कड़ नाटक और खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा शक्ति संवाद, के जरिए कन्या सुमंगला योजना व मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के लाभार्थियों के साथ प्रदेश के सभी जिलाधिकारी अपने अपने जिले में संवाद करेंगे। इसके अलावा प्रदेश में बच्चों खासकर बालिकाओं से संबंधित योजनाओं को गति देने तथा प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में मिशन वात्सल्य की कार्यशालाओं का भी आयोजन होगा।

नारी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए योगी सरकार का मिशन शक्ति अभियान अपने चौथे चरण में प्रवेश कर रहा है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से प्रदेश में आगामी दिनों में तमाम मेगा इवेंट और अन्य आयोजनों के साथ महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाएगा। मुख्यमंत्री की मंशा है कि प्रदेश में महिलाएं खुद को ना केवल सुरक्षित महसूस करें बल्कि उन्हें उनके अधिकारों और सरकार की ओर से उनके लिए चलाई जा रही सभी योजनाओं की जानकारी भी हो, जिससे वे योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठा सकें। मिशन शक्ति-सशक्त महिला समर्थ उत्तर प्रदेश